पटना: सीएम नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी योजनाओं सात निश्चय योजन के तहत हर घर नल का जल योजना कछुए की रफ्तार से चल रही है. इसकी एक बानगी राजधानी के हर गली मुहल्लों में देखी जा रही है. योजना के क्रियान्वयन में लेट-लतीफी के कारण अभी तक राजधानी के कई वार्डों में नल-जल योजना की शुरूआत नहीं सकी है.
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मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट की हालत खस्ताहाल
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल जल योजना का हाल दयनीय है. राजधानी पटना की लगभग सभी वार्डो में योजना का हाल बेहाल है. कई जगहों पर पाइप बिछाने का काम धीमी गति से चल रहा है. कई जगहों पर टंकी भवन का निर्माण भी नहीं हुआ है. कहीं भवन का निर्माण हुआ है तो टंकी नहीं लगी है. विभागीय उदासीनता और ब्यूरोक्रेसी के सुस्त रवैये ने सीएम के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को प्रदेश की राजधानी में ही गर्त में धकेल दिया है.
राजधानी में अबतक कई मुहल्लों में नहीं पहुंचा नल-जल योजना
पटना के कई इलाकों में अब तक लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच पाया है. इसका कारण नगर निगम द्वारा वार्ड क्रियान्वयन समिति द्वारा चयनित कार्य एजेंसी की लेट लतीफी या फिर वार्ड सदस्य के बीच आपसी समन्वय का अभाव होना बताया जा रहा है. लोगों की मानें तो घरों में जलापूर्ति के लिए जो पाइप बिछाई जा रही है. उसका काम बहुत ही धीमीगति से चल रहा है. स्थानीय कहते हैं कि सीएम की योजनाएं बेहतरीन होती हैं. लेकिन उन्हें धरातल पर उतराने वाले इतने सुस्त रवैया अपनाते हैं कि सरकार की योजना धरी की धरी रह जाती है.
निगम झाड़ रहा है पल्ला
दरअसल, पटना में हर घर नल का जल योजना की रफ्तार पर निगम अपना पल्ला झाड़ रहा है. निगम के अधिकारियों का कहना है कि योजना के लेट लतीफी के पीछे कुछ कर्मचारियों का हाथ है. जिसके चलते योजना के क्रियान्वयन में लेट हो रहा है. मेयर खुद नल-जल योजना की मॉनिटरिंग कर रही हैं. वे सभी पदाधिकारियों से मिलकर योजना को धरातल पर उतराने में जुट हुई हैं.
बता दें कि 2015 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सात निश्चय योजना बनाई थी. उन्हीं योजनाओं में से एक महत्वकांक्षी योजना लोगों को शुद्ध पेयजल मिले. इसके लिए हर घर नल का जल पहुंचाने का निश्चय किया था.