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पटना: नैक ने पटना कॉलेज को दिया 'C' ग्रेड, 4 सीजीपीए में मिले मात्र 1.62 अंक

राजधानी के सबसे अहम कॉलेज पटना कॉलेज को नैक ने सी ग्रेड दिया है. नैक ने अपनी रिपोर्ट में जहां रिसर्च और प्लेसमेंट पर सवाल खड़े किए हैं. तो वहीं इस कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर भी सवाल उठाए हैं. यहां 2500 छात्रों पर सिर्फ 32 स्थाई शिक्षक कार्यरत हैं.

क ने पटना कॉलेज को दिया सी ग्रेड
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Published : Nov 19, 2019, 9:19 PM IST

पटना: राज्य के सबसे पुराने पटना कॉलेज की आधुनिक पैमाने पर बहुत ही खराब ग्रेडिंग हुई है. नैक ने पटना कॉलेज को 'सी' ग्रेड दिया है. बता दें कि कॉलेज की ग्रेडिंग तय करने के लिए 18 अक्टूबर को नैक की टीम पटना कॉलेज के दो दिवसीय दौरे पर आई थी. वहीं लौटने के बाद नैक की टीम ने कॉलेज को यह ग्रेड दिया है. स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार, कॉलेज प्रशासन और छात्र संघ नेताओं की वजह से ही ऐसा हुआ है.

नैक की रिपोर्ट के अनुसार पटना कॉलेज में शोध और नवाचार तो है. लेकिन शिक्षकों के रिसर्च के लिए जो माहौल बनाने की जरूरत थी उस माहौल को बनाने में कॉलेज नाकाम है. नैक ने छात्रों और शिक्षकों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं. साथ ही कॉलेज प्रशासन को कॉलेज की प्रगति के लिए अधिक प्रयास की जरूरत बताई है.

4 सीजीपीए में मिला मात्र 1.62 अंक
छात्रों का कहना है कि पटना कॉलेज राज्य के सबसे पुराने कॉलेज में से एक है. वहीं अब इस कॉलेज को मिले ग्रेडिंग के बाद कौन छात्र इस कॉलेज में पढ़ना चाहेगा. 156 साल पुराने इस कॉलेज को कभी इतनी खराब ग्रेड नहीं मिली थी. लेकिन पटना कॉलेज में पहली बार ही ग्रेडिंग करवाई और कुल 4 सीजीपीए में मात्र 1.62 अंक प्राप्त किए. छात्रों ने बताया कि इस खराब ग्रेडिंग का असर सेंट्रल एजेंसियों से मिलने वाले फंड पर भी पड़ेगा.

नैक ने पटना कॉलेज को दिया 'सी' ग्रेड

कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी
नैक ने अपनी रिपोर्ट में जहां रिसर्च और प्लेसमेंट पर सवाल खड़े किए हैं. तो वहीं इस कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर भी सवाल उठाए हैं. आलम यह है कि लगभग 2500 छात्रों पर मात्र 32 स्थाई शिक्षक कार्यरत है. जबकि बाकी के क्लासेस गेस्ट फैकल्टी के सहारे चलाए जा रहे हैं. कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र कहते हैं कि इस ग्रेड का असली हकदार बिहार सरकार है. कहीं न कहीं उन्हीं के लाचार व्यवस्था की वजह से कॉलेज की ऐसी स्थिति हुई है.

पटना: राज्य के सबसे पुराने पटना कॉलेज की आधुनिक पैमाने पर बहुत ही खराब ग्रेडिंग हुई है. नैक ने पटना कॉलेज को 'सी' ग्रेड दिया है. बता दें कि कॉलेज की ग्रेडिंग तय करने के लिए 18 अक्टूबर को नैक की टीम पटना कॉलेज के दो दिवसीय दौरे पर आई थी. वहीं लौटने के बाद नैक की टीम ने कॉलेज को यह ग्रेड दिया है. स्टूडेंट्स का कहना है कि सरकार, कॉलेज प्रशासन और छात्र संघ नेताओं की वजह से ही ऐसा हुआ है.

नैक की रिपोर्ट के अनुसार पटना कॉलेज में शोध और नवाचार तो है. लेकिन शिक्षकों के रिसर्च के लिए जो माहौल बनाने की जरूरत थी उस माहौल को बनाने में कॉलेज नाकाम है. नैक ने छात्रों और शिक्षकों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं. साथ ही कॉलेज प्रशासन को कॉलेज की प्रगति के लिए अधिक प्रयास की जरूरत बताई है.

4 सीजीपीए में मिला मात्र 1.62 अंक
छात्रों का कहना है कि पटना कॉलेज राज्य के सबसे पुराने कॉलेज में से एक है. वहीं अब इस कॉलेज को मिले ग्रेडिंग के बाद कौन छात्र इस कॉलेज में पढ़ना चाहेगा. 156 साल पुराने इस कॉलेज को कभी इतनी खराब ग्रेड नहीं मिली थी. लेकिन पटना कॉलेज में पहली बार ही ग्रेडिंग करवाई और कुल 4 सीजीपीए में मात्र 1.62 अंक प्राप्त किए. छात्रों ने बताया कि इस खराब ग्रेडिंग का असर सेंट्रल एजेंसियों से मिलने वाले फंड पर भी पड़ेगा.

नैक ने पटना कॉलेज को दिया 'सी' ग्रेड

कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी
नैक ने अपनी रिपोर्ट में जहां रिसर्च और प्लेसमेंट पर सवाल खड़े किए हैं. तो वहीं इस कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर भी सवाल उठाए हैं. आलम यह है कि लगभग 2500 छात्रों पर मात्र 32 स्थाई शिक्षक कार्यरत है. जबकि बाकी के क्लासेस गेस्ट फैकल्टी के सहारे चलाए जा रहे हैं. कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र कहते हैं कि इस ग्रेड का असली हकदार बिहार सरकार है. कहीं न कहीं उन्हीं के लाचार व्यवस्था की वजह से कॉलेज की ऐसी स्थिति हुई है.

Intro:राज्य के सबसे पुराने पटना कॉलेज की आधुनिक पैमाने पर बहुत ही खराब ग्रेडिंग हुई है नायक ने पटना कॉलेज को सी ग्रेड दिया है पटना विश्वविद्यालय के किसी भी कॉलेज को अब तक मिली सबसे खराब ग्रेडिंग से नवाजा गया है कॉलेज की ग्रेडिंग तय करने के लिए 18 अक्टूबर कोनेक्ट टीम पटना कॉलेज के दो दिवसीय दौरे पर आई थी और लौटने के बाद नेट की टीम ने पटना कॉलेज को सि ग्रेड दिया है और कहीं ना कहीं इस ग्रेट से इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र काफी उदास है उनका कहना है कि सरकार के लचर रवैया और कॉलेज प्रशासन के साथ-साथ छात्र संघ नेताओं ने भी कॉलेज के लिए कुछ नहीं किया जिसका नतीजा है कि आज पटना कॉलेज को नैक की टीम ने सि ग्रेड दिया है


Body:नैक की टीम के रिपोर्ट के अनुसार पटना कॉलेज में शूज और नवाचार तो है लेकिन शिक्षकों के रिसर्च के लिए जो माहौल बनाने की जरूरत थी उस माहौल को बनाने में कॉलेज कहीं न कहीं फिसड्डी साबित हुआ है छात्रों और शिक्षकों की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए हैं और कॉलेज की प्रगति के लिए कॉलेज प्रशासन को अधिक प्रयास की जरूरत बताई गई है

वही इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र कहते हैं इस ग्रेड का असली हकदार बिहार सरकार है कहीं ना कहीं उन्हीं के लचर रवैया के कारण कॉलेज की स्थिति आज यह है कि कॉलेज में जितने छात्रों पर जितने शिक्षक चाहिए उस मानक पर भी कॉलेज खरा नहीं उतर रहा ना ही सरकार और ना ही छात्र नेताओं ने इस कॉलेज के लिए कुछ किया जिसका नतीजा है कि कॉलेज को नैक की टीम ने सी ग्रिड से नवाजा है


Conclusion:वहीं कई छात्र कहते हैं कि पटना कॉलेज राज्य का सबसे पुराना कॉलेज में से एक है और अब इस कॉलेज को मिले ग्रेडिंग के बाद कौन छात्र इस कॉलेज में पढ़ना चाहेगा 156 साल पुराने इस कॉलेज को कभी इतने खराब ग्रेड नहीं मिला था अगर बात करें तो पटना विश्वविद्यालय के इतिहास में अब तक किसी भी कॉलेज को सी ग्रेट नहीं मिला था लेकिन पटना कॉलेज में पहली बार ही ग्रेडिंग करवाई और कुल 4 सीजीपीए में 1.62 अंक प्राप्त किये, छात्रों ने बताया कि इस खराब ग्रेड का असर सेंट्रल एजेंसियों से मिलने वाले फंड पर भी पड़ेगा...

नए गने अपनी रिपोर्ट में जहां रिसर्च और प्लेसमेंट पर सवाल खड़े किए हैं तो वहीं इस कॉलेज में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर भी सवाल उठाए हैं आलम यह है कि लगभग 2500 छात्रों पर मात्र 32 स्थाई शिक्षक कार्यरत है जबकि बाकी के क्लासेस गेस्ट फैकल्टी के सहारे हैं कॉलेज चला रहा है

वहीं कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया अब उन्हें काफी शर्मिंदगी महसूस हो रही है उनके कॉलेज को नेक की टीम ने इतने घटिया रैंक से नवाजा है इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों का कहना है कि नैक द्वारा दिए गए दिए गए खराब ग्रेडिंग की चर्चा चारों ओर हो रही है जिससे इस कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को काफी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है और कहीं ना कहीं इसका कारण सरकार का कॉलेजों के प्रति लचर रवैया एक मुख्य कारण रहा है जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है

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