मसौढ़ी: पटना के मसौढ़ी में बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होलिका दहन शांतिपूर्वण तरीके से मनाया गया है. धार्मिक लिहाज से होलिका का जितना महत्व है, दहन के बाद बचने वाली राख का भी उतना ही महत्व बताया गया है. होलिका दहन की राख (Ashes of Holika Dahan) जीवन में आने वाले संकटों को दूर कर सकती है. इसके साथ ही व्यक्ति को इससे धन और संपत्ति की रक्षा, सुख प्राप्ति भी मिलती है. होलिका दहन के साथ ही नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव भी जीवन में कम हो जाने की मान्यता है.
पढ़ें-Holika Dahan 2023: होलिका दहन आज, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन की विधि
घर के अंदर लाएं होलिका दहन की राख: सभी हिंदू घरों में होलिका दहन के बाद पूजा की परंपरा है. पूजन के बाद होलिका दहन की राख को घर में लाया जाता है. इस राख का विशेष महत्व माना गया है. ज्योतिषो की माने तो होलिका दहन की राख से जीवन में आने वाले संकट दूर हो जाते हैं. इसका उपयोग करने से घर का बड़ा से बड़ा वास्तु दोष भी दूर हो जाता है. सुख, शांति और समृद्धि के लिए होलिका दहन की राख को कई तरह के प्रयोग में लाया जाता है और कहा जाता है कि आज से हिंदी नए साल की शुरुआत हो जाती है.
इस दिन से नए साल की होती है शुरुआत: बता दें कि होलिका दहन के बाद बची हुई राख को लोग अपने घर पर ले जाकर के घर के हर कोने पर छिड़कते हैं और माथे पर इसका तिलक लगाते हैं. कई जगह पर राख की होली भी खेली जा रही है. इसका कई पौराणिक महत्व है जैसे सुख, समृद्धि की कामना, मां लक्ष्मी की कृपा और वास्तु दोष का काफी महत्वपूर्ण है. वहीं चैत्र महीने की शुरुआत हो जाने से लोग नए साल को भी मनाते हैं और आज के दिन राख की होली भी कई जगह पर खेली जा रही है.
"होलिका दहन का धर्म से जुड़ी कई मान्यता है. इसके राख को लोग घर में धन और संपत्ति की रक्षा, सुख प्राप्ति के लिए ले जाते हैं. इससे चर्म रोग से भी छुटकारा मिलता है. कई लोग इस राख से होली भी खेलते हैं."- डॉक्टर सुनील गावस्कर, मसौढ़ी