पटना: बिहार में शराबबंदी अभियान को प्रभावी बनाने के लिए बिहार पुलिस अब ऐसे मुसहर समाज के युवकों को ब्रांड एंबेसडर बनाएगी, जो शराब छोड़ चुके हैं. ये ब्रांड एंबेस्डर शराबबंदी कानून को लेकर न केवल लोगों को जागरूक करेंगे, बल्कि शराब से हो रहे दुष्प्रभाव की भी जानकारी देंगे.
शराबबंदी के ब्रांड एंबेसडर अभियान में अधिकांश ऐसे लोगों को शामिल किया जा रहा है, जो शराबबंदी के पहले ना केवल शराब का सेवन कर रहे थे, बल्कि शराब बना रहे थे और बेच भी रहे थे. राज्य में शराबबंदी लागू होने के पूर्व ये लोग समाज से कट चुके थे, परंतु राज्य में शराबबंदी ने ऐसे लोगों की जिंदगी फिर से पटरी पर ले आई है.
DGP ने किया सम्मानित
पटना के पुलिस मुख्यालय में मंगलवार को आयोजित एक समारोह में आए ऐसे कई लोगों को शपथ दिलाई गई और सम्मानित भी किया गया. पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय ने सभी लोगों को सम्मानित करने के अलावे सभी को शराबबंदी अभियान में साथ देने के लिए संकल्प दिलाया. पांडेय ने मुसहर समाज के युवकों, महिलाओं से शराबबंदी अभियान में साथ देने की अपील की.
'सूचना देने पर होगी कार्रवाई'
डीजीपी ने बताया कि ऐसे लोगों के पास डीजी सेल का नंबर और गोपनीय नंबर रहेगा, जो सीधे शराब पीने, पिलाने, बेचने, बेचनेवालों की सूचना देंगे. सूचना मिलते ही थानाप्रभारी संबंधित इलाके में जाएंगे.
'मुसहर समाज हुआ है प्रभावित'
इधर, मुसहर सेवा संघ की अध्यक्ष मनोरामा देवी कहती हैं कि शराब के सेवन से सबसे ज्यादा प्रभावित मुसहर समाज ही हुआ है. इस वजह से समाज के लोगों को प्रताड़ित भी किया जाता रहा है. उन्होंने माना कि आज भी गांव में शराब आपूर्ति होती है, परंतु इसे बंद करना होगा.
2016 से है शराबबंदी
दरअसल, बिहार में शराबबंदी लागू है, फिर भी प्रतिदिन कहीं ना कहीं से शराब बरामदगी होती रहती है और बोतलों को जेसीबी से चूर किए जाने की खबर मीडिया की सुर्खी बनती रहती है.