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अब सभी नगर निगम में हैंड हेल्ड डिवाइस से कटेगा गाड़ियों का चालान- परिवहन सचिव

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Published : Jun 15, 2020, 1:49 PM IST

अब सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर कोई भी उल्लंघनकर्ता जुर्माने से बचकर भाग नहीं सकता है. हैंड हेल्ड डिवाइस में वाहन का नंबर डालने के बाद वाहन चालक/वाहन मालिक का पूरा डिटेल्स आ जाएगा.

परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल
परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल

पटनाः राज्य में सड़क सुरक्षा नियमों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए अब सभी नगर निगम स्तर पर भी हैंड हेल्ड से ई-चालान की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके तहत सभी ट्रैफिक थानों के ट्रैफिक डीएसपी, सब इंस्पेक्टर को हैंड हेल्ड डिवाइस दिया जाएगा. इसके बाद तमाम ट्रैफिक थानों में मैनुअली चालान की प्रक्रिया पूरी से बंद हो जाएगी, सिर्फ हैंड हेल्ड डिवाइस (एचएचडी) से ही ई-चालाना काटा जाएगा.

परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य में सड़क सुरक्षा नियमों को प्रभावी तरीके से लागू करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कार्य है. हैंड हेल्ड डिवाइस के माध्यम से सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का ऑन द स्पाॅट ई चालान काटा जाएगा. अब तक जिलों के सभी डीटीओ, एमवीआई, ईएसआई और पटना में ट्रैफिक पुलिस को हैंड हेल्ड डिवाइस दिया गया था. अब ट्रैफिक थानों के डीएसपी को हैंड हेल्ड देने की कार्रवाई की जा रही है. इससे पूरी पारदर्शिता के साथ चालानिंग का कार्य त्वरित किया जा सकेगा.

हैंड हेल्ड से सकारात्मक परिणाम आएंगे सामने
परिवहन सचिव ने बताया कि पटना में हैंड हेल्ड के उपयोग के काफी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. डिवाइस में ट्रैफिक उल्लंघनकर्ता के फोटो खींचने की भी व्यवस्था है. इसके उपयोग से पारदर्शिता बढ़ी है. साथ ही फर्जी चालान की शिकायतें समाप्त हुई हैं. जुर्माना होते ही मोबाइल पर मैसेज आने से लोगों में कानून के प्रति आदर और सम्मान भी बढ़ा है.

सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर कोई भी उल्लंघनकर्ता जुर्माने से बचकर भाग नहीं सकता है. हैंड हेल्ड डिवाइस में वाहन का नंबर डालने के बाद वाहन चालक/वाहन मालिक का पूरा डिटेल्स आ जाएगा. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने की स्थिति में वाहन का ट्रांसर्फर, फिटनेस आदि कराते समय उसकी जानकारी मिल जाएगी और जब तक जुर्माने की राशि जमा नहीं करेंगे आगे का काम नहीं करा सकेंगे. इससे आदतन उल्लंघनकर्ताओं पर लगाम लगाया जा सकेगा.

ये भी पढ़ेंः हर साल बिहार में बाढ़ क्यों आती है और क्यों इतनी तबाही मचाती है?

उल्लंघनकर्ता के सारे अपराध की मिल जाएगी जानकारी
हैंड हेल्ड डिवाइस के उपयोग से सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के सारे अपराध एक जगह जमा होते जाते हैं. बार-बार अपराध करने वाले व्यक्तियों के लाइसेंस रद्द करने और दोगुना फाइन लगाने की भी कार्रवाई की जा रही है. इससे पूर्व यह पता नहीं चलता था कि उल्लंघनकर्ता के जरिए पूर्व में भी कोई अपराध किया गया है या नहीं. वर्तमान में पटना ट्रैफिक पुलिस सहित सभी जिलों में डीटीओ, एमवीआई, ईएसआई के द्वारा कुल 250 हैंड हेल्ड डिवाइस का उपयोग ई चालान के लिए किया जा रहा है. बहुत जल्द ही राज्य में 12 जिलों के कुल 15 ट्रैफिक थाने के डीएसपी एवं मोटर वाहन अधिनियिम 1988 के तहत शमन की शक्ति प्राप्त अन्य सक्षम पदाधिकारियों को हैंड हेल्ड डिवाइस दिया जाएगा.

कई जिलों को मिलेगी हैंड हेल्ड की सुविधा
परिवहन सचिव ने ये भी बताया कि नालंदा, गया, भोजपुर, सारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर और बेगूसराय जिले के ट्रैफिक थानों में पदस्थापित पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस निरीक्षक, पुलिस अवर निरीक्षक और सहायक अवर निरीक्षक को हैंड हेल्ड डिवाइस दिया जाएगा. प्रथम चरण में उन सभी जिले जहां पर ट्रैफिक थाना कार्यरत है, वहां के सक्षम पुलिस पदाधिकारियों को हैंड हेल्ड उपलब्ध कराया जाएगा. हैंड हेल्ड डिवाइस देने के बाद ट्रैफिक पुलिस, सब इंस्पेक्टर, डीएसपी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेंनिंग दी जाएगी. साथ ही उन्हें जिलों में परिवहन पदाधिकारियों के जरिए उसके उपयोग के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जायेगा.

पटनाः राज्य में सड़क सुरक्षा नियमों को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए अब सभी नगर निगम स्तर पर भी हैंड हेल्ड से ई-चालान की प्रक्रिया शुरू होगी. इसके तहत सभी ट्रैफिक थानों के ट्रैफिक डीएसपी, सब इंस्पेक्टर को हैंड हेल्ड डिवाइस दिया जाएगा. इसके बाद तमाम ट्रैफिक थानों में मैनुअली चालान की प्रक्रिया पूरी से बंद हो जाएगी, सिर्फ हैंड हेल्ड डिवाइस (एचएचडी) से ही ई-चालाना काटा जाएगा.

परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि राज्य में सड़क सुरक्षा नियमों को प्रभावी तरीके से लागू करने की दिशा में यह महत्वपूर्ण कार्य है. हैंड हेल्ड डिवाइस के माध्यम से सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों का ऑन द स्पाॅट ई चालान काटा जाएगा. अब तक जिलों के सभी डीटीओ, एमवीआई, ईएसआई और पटना में ट्रैफिक पुलिस को हैंड हेल्ड डिवाइस दिया गया था. अब ट्रैफिक थानों के डीएसपी को हैंड हेल्ड देने की कार्रवाई की जा रही है. इससे पूरी पारदर्शिता के साथ चालानिंग का कार्य त्वरित किया जा सकेगा.

हैंड हेल्ड से सकारात्मक परिणाम आएंगे सामने
परिवहन सचिव ने बताया कि पटना में हैंड हेल्ड के उपयोग के काफी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. डिवाइस में ट्रैफिक उल्लंघनकर्ता के फोटो खींचने की भी व्यवस्था है. इसके उपयोग से पारदर्शिता बढ़ी है. साथ ही फर्जी चालान की शिकायतें समाप्त हुई हैं. जुर्माना होते ही मोबाइल पर मैसेज आने से लोगों में कानून के प्रति आदर और सम्मान भी बढ़ा है.

सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन कर कोई भी उल्लंघनकर्ता जुर्माने से बचकर भाग नहीं सकता है. हैंड हेल्ड डिवाइस में वाहन का नंबर डालने के बाद वाहन चालक/वाहन मालिक का पूरा डिटेल्स आ जाएगा. जुर्माने की राशि जमा नहीं करने की स्थिति में वाहन का ट्रांसर्फर, फिटनेस आदि कराते समय उसकी जानकारी मिल जाएगी और जब तक जुर्माने की राशि जमा नहीं करेंगे आगे का काम नहीं करा सकेंगे. इससे आदतन उल्लंघनकर्ताओं पर लगाम लगाया जा सकेगा.

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उल्लंघनकर्ता के सारे अपराध की मिल जाएगी जानकारी
हैंड हेल्ड डिवाइस के उपयोग से सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के सारे अपराध एक जगह जमा होते जाते हैं. बार-बार अपराध करने वाले व्यक्तियों के लाइसेंस रद्द करने और दोगुना फाइन लगाने की भी कार्रवाई की जा रही है. इससे पूर्व यह पता नहीं चलता था कि उल्लंघनकर्ता के जरिए पूर्व में भी कोई अपराध किया गया है या नहीं. वर्तमान में पटना ट्रैफिक पुलिस सहित सभी जिलों में डीटीओ, एमवीआई, ईएसआई के द्वारा कुल 250 हैंड हेल्ड डिवाइस का उपयोग ई चालान के लिए किया जा रहा है. बहुत जल्द ही राज्य में 12 जिलों के कुल 15 ट्रैफिक थाने के डीएसपी एवं मोटर वाहन अधिनियिम 1988 के तहत शमन की शक्ति प्राप्त अन्य सक्षम पदाधिकारियों को हैंड हेल्ड डिवाइस दिया जाएगा.

कई जिलों को मिलेगी हैंड हेल्ड की सुविधा
परिवहन सचिव ने ये भी बताया कि नालंदा, गया, भोजपुर, सारण, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, मुंगेर और बेगूसराय जिले के ट्रैफिक थानों में पदस्थापित पुलिस उपाधीक्षक, पुलिस निरीक्षक, पुलिस अवर निरीक्षक और सहायक अवर निरीक्षक को हैंड हेल्ड डिवाइस दिया जाएगा. प्रथम चरण में उन सभी जिले जहां पर ट्रैफिक थाना कार्यरत है, वहां के सक्षम पुलिस पदाधिकारियों को हैंड हेल्ड उपलब्ध कराया जाएगा. हैंड हेल्ड डिवाइस देने के बाद ट्रैफिक पुलिस, सब इंस्पेक्टर, डीएसपी को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ट्रेंनिंग दी जाएगी. साथ ही उन्हें जिलों में परिवहन पदाधिकारियों के जरिए उसके उपयोग के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जायेगा.

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