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रेलवे कर्मचारियों को मिलेगी गंदगी से मुक्ति, जर्जर क्वार्टर को तोड़कर बनाया जाएगा मल्टी स्टोरेज भवन - पटना जंक्शन

पटना जंक्शन के पास करबिगहिया के जर्जर रेलवे क्वार्टर को तोड़कर पूर्व मध्य रेल मल्टी स्टोरेज अपार्टमेंट बनाएगी. जिससे आने वाले समय में रेलवे कर्मचारियों को जर्जर भवन और जलजमाव से छुटकारा मिलेगा.

रेलवे कॉलोनी
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Published : Sep 2, 2021, 6:47 PM IST

पटना: पटना जंक्शन (Patna Junction) के पास करबिगहिया में बनी रेलवे कॉलोनी (Railway Colony) की दशा काफी दयनीय हो गयी है. कई सालों से बारिश के मौसम में यहां बने ज्यादातर क्वार्टर (Quarter) की छतें टपकती हैं. जिससे घर में रखा सामान खराब हो जाता है. रेलवे कॉलोनी परिसर में बनी नालियों की सफाई और पानी निकलने की व्यवस्था नहीं होने से गलियों में गंदा पानी जमा रहता है. जिससे लोगों को काफी दिक्कत होती है और मजबूरी में पानी से होकर आना-जाना पड़ता है. 200 से ज्यादा रेल कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें- रीगा चीनी मिल की संपत्ति नीलाम कर सरकार किसानों का करेगी भुगतान: गन्ना उद्योग मंत्री

बता दें कि कई दशक पहले बने रेलवे के सरकारी क्वार्टर पूरी तरह से जर्जर हो गए हैं. इन आवासों में मजबूरी में रेलकर्मी रह रहे हैं. कॉलोनियों में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और सालों से नालियों की सफाई नहीं हुई. जिससे गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है और लोगों के घरों में घुस गया है. इसको लेकर रेल यूनियन ने कई बार मांग की लेकिन रेलवे के अधिकारियों द्वारा अनसुना कर दिया गया.

देखें वीडियो

रेलवे कॉलोनी में 10 वर्षों से रह रही सीता देवी ने बताया कि क्वार्टर पूरी तरह से जर्जर हो गया है. बरसात के दिनों में छत से पानी रिसता है. जिससे यहां के लोग नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. नाली की साफ-सफाई तक नहीं होती. जिससे सड़कों पर पानी जमा हो जाता है और लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है. वहीं, रेलवे क्वार्टर में रहने वाली प्रियंका कुमारी ने बताया कि नाली का पानी सड़कों पर बह रहा है. जिससे स्कूल जाने में दिक्कत होती है. कभी-कभी सफाई होती है जिससे यहां गंदगी फैली है.

ये भी पढ़ें- सिपाही ने खींची महिला की आपत्तिजनक तस्वीर, कहता है- 'डिलीट करने के लिए कुछ देना होगा'

रेलवे यूनियन की मांगों पर अब सहमति बन गयी है और पूर्व मध्य रेल के पटना और दानापुर की लोको कॉलोनी के दिन जल्द बहुरने वाले हैं. जर्जर हो चुके रेलवे क्वार्टर्स को तोड़कर करीब एक चौथाई जमीन पर रेल कर्मियों के लिए मल्टी स्टोरेज अपार्टमेंट बनेगा. बची हुई जमीन पर मल्टी स्टोरेज अपार्टमेंट बनाकर 99 साल के लिए लीज पर निजी लोगों को दिया जाएगा. पूर्व मध्य रेल के पटना के करबिगहिया और दानापुर के बाद सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और धनबाद में भी जर्जर रेलवे क्वार्टर्स के दिन बहुरेंगे.

पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि रेल भूमि विकास प्राधिकरण को कार्य सौंपा गया है. सर्वे रिपोर्ट आ गयी है और एमओयू साइन हो गया है. मल्टी स्टोरेज अपार्टमेंट बनने के बाद 99 साल के लिए निजी लोगों को लीज पर भी दिया जाएगा. 3 साल तक रेल कर्मियों के आवास का मुफ्त मेंटेनेंस होगा और निजी लोगों के आवासों का मेंटेनेंस सोसाइटी करेगी. पटना के करबिगहिया साइड में बने लोको कॉलोनी में लगभग 50 से ज्यादा क्वार्टर के निर्माण की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गयी है. कंपनी को रेलवे सिर्फ अपनी जमीन देगी. अभी लागत की राशि क्लियर नही हुई है.

पटना: पटना जंक्शन (Patna Junction) के पास करबिगहिया में बनी रेलवे कॉलोनी (Railway Colony) की दशा काफी दयनीय हो गयी है. कई सालों से बारिश के मौसम में यहां बने ज्यादातर क्वार्टर (Quarter) की छतें टपकती हैं. जिससे घर में रखा सामान खराब हो जाता है. रेलवे कॉलोनी परिसर में बनी नालियों की सफाई और पानी निकलने की व्यवस्था नहीं होने से गलियों में गंदा पानी जमा रहता है. जिससे लोगों को काफी दिक्कत होती है और मजबूरी में पानी से होकर आना-जाना पड़ता है. 200 से ज्यादा रेल कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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बता दें कि कई दशक पहले बने रेलवे के सरकारी क्वार्टर पूरी तरह से जर्जर हो गए हैं. इन आवासों में मजबूरी में रेलकर्मी रह रहे हैं. कॉलोनियों में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं और सालों से नालियों की सफाई नहीं हुई. जिससे गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है और लोगों के घरों में घुस गया है. इसको लेकर रेल यूनियन ने कई बार मांग की लेकिन रेलवे के अधिकारियों द्वारा अनसुना कर दिया गया.

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रेलवे कॉलोनी में 10 वर्षों से रह रही सीता देवी ने बताया कि क्वार्टर पूरी तरह से जर्जर हो गया है. बरसात के दिनों में छत से पानी रिसता है. जिससे यहां के लोग नारकीय जीवन जीने के लिए मजबूर हैं. नाली की साफ-सफाई तक नहीं होती. जिससे सड़कों पर पानी जमा हो जाता है और लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है. वहीं, रेलवे क्वार्टर में रहने वाली प्रियंका कुमारी ने बताया कि नाली का पानी सड़कों पर बह रहा है. जिससे स्कूल जाने में दिक्कत होती है. कभी-कभी सफाई होती है जिससे यहां गंदगी फैली है.

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रेलवे यूनियन की मांगों पर अब सहमति बन गयी है और पूर्व मध्य रेल के पटना और दानापुर की लोको कॉलोनी के दिन जल्द बहुरने वाले हैं. जर्जर हो चुके रेलवे क्वार्टर्स को तोड़कर करीब एक चौथाई जमीन पर रेल कर्मियों के लिए मल्टी स्टोरेज अपार्टमेंट बनेगा. बची हुई जमीन पर मल्टी स्टोरेज अपार्टमेंट बनाकर 99 साल के लिए लीज पर निजी लोगों को दिया जाएगा. पूर्व मध्य रेल के पटना के करबिगहिया और दानापुर के बाद सहरसा, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और धनबाद में भी जर्जर रेलवे क्वार्टर्स के दिन बहुरेंगे.

पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि रेल भूमि विकास प्राधिकरण को कार्य सौंपा गया है. सर्वे रिपोर्ट आ गयी है और एमओयू साइन हो गया है. मल्टी स्टोरेज अपार्टमेंट बनने के बाद 99 साल के लिए निजी लोगों को लीज पर भी दिया जाएगा. 3 साल तक रेल कर्मियों के आवास का मुफ्त मेंटेनेंस होगा और निजी लोगों के आवासों का मेंटेनेंस सोसाइटी करेगी. पटना के करबिगहिया साइड में बने लोको कॉलोनी में लगभग 50 से ज्यादा क्वार्टर के निर्माण की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गयी है. कंपनी को रेलवे सिर्फ अपनी जमीन देगी. अभी लागत की राशि क्लियर नही हुई है.

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