पटना: मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के अंतर्गत लाभुकों को मिलने वाली राशि का सही रूप से उपयोग कर रहे हैं या नहीं इसको लेकर प्रशासन गंभीर है. प्रखंडों में सीएम उद्यमी योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को चिह्नित कर इसकी जांच की जा रही है. 15 जुलाई तक जांच रिपोर्ट विभाग को दी जाएगी. इसके आधार पर बिहार के तमाम जिलों में उद्यमी योजना की रैंकिंग की जानी है.
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"सीएम उद्यमी योजना से लोन एवं अनुदान लेकर उपयोग न करने वाले उद्यमियों से राशि वसूल की जाएगी ऐसे में सभी जगह पर उद्यमी योजना का लाभ को की औद्योगीकरण की जांच की जा रही है."- बृजेश कुमार, एडीएम सप्लाई, पटना
मसौढ़ी और धनरूआ में जांच: धनरूआ में एडीएम सप्लाई बृजेश कुमार ने कुल 5 लाभुक के इकाइयों की जांच की. मसौढ़ी में एसडीएम प्रीति कुमारी कुल 4 जगहों पर औद्योगीकरण की जांच की. एडीएम सप्लाई बृजेश कुमार ने बताया कि तृतीय किस्त प्राप्त लाभ को में 5% लाभुकों की इकाई की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करना है. उद्योग विभाग के दिशा निर्देश के अनुसार औद्योगिक योजनाओं के क्रियान्वयन की रैकिंग की जानी है. 2023- 2024 में निर्धारित लक्ष्यों को 15 जुलाई तक भुगतान सुनिश्चित कर दिया जाना है.
रिपोर्ट विभाग को भेजी जाएगी: एडीएम सप्लाई बृजेश कुमार ने बताया कि धनरूआ में कुल 5 जगहों पर उद्यमी योजना का लाभ लेने वाले लाभुकों के औद्योगिककरण की जांच की गई है, जहां पर उनके सारे खर्चे के पैसे लेनदेन आमद खर्च देखा गया है. यह रिपोर्ट विभाग को भेजना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोन एवं अनुदान लेकर उपयोग नहीं करने वाले लाभुकों से राशि वसूल की जाएगी. इसके अलावा मसौढ़ी में एसडीएम प्रीति कुमारी ने चार उद्यमी योजना की जांच की है.