पटना: बिहार के पटना (Patna) शहर से महज 14 किलोमीटर दूर फुलवारी शरीफ के गौनपुर पंचायत की मुखिया आभा देवी (Abha Devi) अपने पास पिस्टल रखती हैं. गौनपुर पंचायत के अपराधी मुखिया आभा देवी के नाम से ही कांपते हैं. गनीमत है कि इस पिस्टल को चलाने का उन्हें कभी मौका नहीं आया, केवल अपने पास रखने भर से ही काम चल जाता है.
ये भी पढ़ें- मंत्री लेसी सिंह का दावा, बिहार में महिलाएं राजनीति, शैक्षणिक और आर्थिक क्षेत्र में बन रहीं हैं आत्मनिर्भर
आभा देवी 2 बार से गौनपुर पंचायत की मुखिया हैं. आभा देवी अपने पंचायत में 'रिवॉल्वर रानी' के नाम से मशहूर हैं. यही नहीं बिहार की ये पहली ऐसी मुखिया हैं, जो कमर में रिवाल्वर बांधकर चलती हैं. जिन्हें कई लोग 'रिवॉल्वर रानी', तो कई लोग 'लेडी सिंघम' के नाम से भी पुकारते हैं. इस बार भी पंचायत चुनाव का बिगुल बज गया है और पंचायत चुनाव में इस बार भी काफी लोग अपना भाग्य आजमाने के लिए उस पंचायत में नामांकन करेंगे. आभा देवी अपने काम की बदौलत 2 बार से मुखिया के पद पर जीत रही हैं. उनको विश्वास है कि इस बार भी पंचायत के लोग उनको ही मुखिया बनाएंगे.
आभा देवी पंचायत के काम के साथ-साथ एक कुशल गृहिणी भी हैं. आभा देवी के चार बच्चे हैं. शुरूआती दिनों में आभा देवी को काम करवाने में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ा था. कई लोग धमकियां देते थे, कार्य में बाधा पहुंचाते थे, बस इसी बात से परेशान होकर आभा देवी ने आर्म लाइसेंस लेने का निर्णय लिया और आभा देवी को 2016 से ही अपने कमर में पिस्टल बांधकर पंचायत का काम करवाने लगी.
ये भी पढ़ें- JDU के सम्मेलन में बोले RCP- नीतीश कुमार ने दी आधी आबादी के हौसलों को नई उड़ान
आभा देवी सुबह उठकर अपने घर का कामकाज करके लोगों की जन समस्याओं को भी सुनती हैं. साथ ही वो अपनी सुरक्षा और पंचायत की सुरक्षा के लिए पिस्टल को कमर में बांधकर घूमती हैं. सुबह उठकर अपने रिवॉल्वर की साफ सफाई करके कमर में बांधकर पंचायत में घुमने निकलती हैं.
आभा देवी का मानना है कि घर के माहौल से बाहर का माहौल काफी अलग है. शुरूआती दिनों में महिला समझकर बहुत सारे लोग काम में अड़चन पैदा करते थे, लोगों के मन में डर नहीं था, जिस कारण उन्हें पिस्टल रखना पड़ता है. पिस्टल अपनी सुरक्षा के साथ-साथ पंचायत के लोगों की सुरक्षा के लिए भी रखती हैं. आभा देवी के नाम से गुंडे भी थरथर कांपते हैं, क्योंकि आभा देवी के निशाने भी पक्के हैं.
''सरकार की जितनी भी योजनाएं पंचायत के लिए जारी होती हैं, उसको धरातल पर उतारने के लिए पूरी लगन से काम करती हूं. उसमें कुछ दिक्कत आती हैं, तो पदाधिकारियों की भी मदद लेती हूं. पंचायत के लोगों को जातीय आवासीय राशन कार्ड जैसी तमाम चीजें बनवाने के लिए कहीं दूसरी जगह नहीं जाना होता है. बल्कि, पंचायत भवन में ही सब व्यवस्था कर दी गई है.''- आभा देवी, गौनपुरा पंचायत, फुलवारी शरीफ
आभा देवी ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि पंचायत भवन ऊपर से देखने में जितना सुंदर है, अंदर भी साफ-सफाई से लेकर हर एक चीज की मुकम्मल व्यवस्था की गई है. वाई फाई तक की सुविधा आरटीपीएस काउंटर पर कर रखी है. इसके साथ ही पंचायत में ही पोस्ट ऑफिस है, जो पहले निजी जमीन में चलता था. वहां पर भवन बना करके पोस्ट ऑफिस को मुखिया आभा देवी के द्वारा शिफ्ट करवाया गया और वहां के स्थानीय लोगों को पोस्ट ऑफिस का तमाम लाभ मिलता है.
ये भी पढ़ें- महिलाओं पर मेहरबान नीतीश सरकार, थानेदार से SDM तक की ट्रांसफर-पोस्टिंग में मिलेगी 35% भागीदारी
आभा देवी महिलाओं को जागरूक करने के साथ-साथ दलित परिवार के बच्चों को उनके बीच में जाकर जागरूक करती हैं. साथ ही दलित परिवार के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए वो किसी संस्था के माध्यम से भी पढ़ाने का काम करती हैं. इतना ही नहीं रात दिन कभी भी पंचायत के लोगों को कुछ भी समस्या होती है और मुखिया आभा देवी को पता चलता है तो वो अकेले ड्राइवर को लेकर लोगों की समस्या के लिए निकल जाती हैं. पंचायत के लोग भी मुखिया के काम से काफी खुश दिखते हैं.
आभा देवी पहली ऐसी मुखिया हैं, जिन्होंने अपनी पंचायत में इतना अच्छा काम किया है. इस पंचायत में विकास की झड़ी लगा दी है. जो पंचायत भवन है, उस पंचायत भवन में कोर्ट रूम बनाया गया है और सप्ताह में एक दिन कोर्ट भी लगाया जाता है. जहां पर पंचायत के लोग अपनी समस्या को लेकर मुखिया के सामने अपनी बातों को रखते हैं और मुखिया आभा देवी के द्वारा उनकी समस्याओं का समाधान भी किया जाता है.
ये भी पढ़ें- मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना से सशक्त होगी आधी आबादी, मिलेगी 10 लाख रुपये की मदद, जानें स्कीम...
बिहार सरकार की नल जल योजना, नाले का निर्माण, शिक्षा व्यवस्था को मुखिया की पहल से ही पंचायत में किया गया. गांव में इंटर कॉलेज, अस्पताल, आंगनबाड़ी केंद्र, मनरेगा भवन जैसी तमाम चीजों पर मुखिया आभा देवी ने काम किया है. वहां के लोगों को किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है, क्योंकि उनकी समस्या के निदान के लिए मुखिया आभा देवी 24 घंटे तैयार रहती हैं.
महादलित बच्चियों को अच्छी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए मुखिया के प्रयास और कई सामाजिक संस्थाओं की मदद से उन्हें उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए भी भेजा गया है. मुखिया आभा देवी के शुरूआती दिनों में पंचायत के कामों में दिक्कत आ रही थी, तो उनके पति ने भी उनको काफी मदद की. लेकिन, धीरे-धीरे आभा देवी पंचायत के कामों को पूरी तरह से समझ गईं और आज वो खुद अपनी जिम्मेवारी और फर्ज को निभा रही हैं.
ये भी पढ़ें- महिला सशक्तिकरण का जीवंत उदाहरण है चंद्रगिरि रेलवे स्टेशन, पढ़ें खबर
बिहार के मुखिया नीतीश कुमार का महिला सशक्तिकरण का जो सपना था, वो फुलवारी के गौनपुरा पंचायत में देखने को मिलता है. नीतीश कुमार के द्वारा महिलाओं को पंचायत चुनाव में आरक्षण मिला, जिसका जीता जागता उदाहरण गौनपूरा पंचायत में देखने को मिलता है. इस बार भी पंचायत चुनाव में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और नीतीश कुमार के सपनों को साकार कर रही हैं.