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KK Pathak News : 'पाठक जी से और कितनी फजीहत कराएंगे नीतीश जी'.. बोले सुशील मोदी - सीएम नीतीश कुमार

त्योहारों के दौरान छुट्टियों को रद्द करने के मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया था, भाजपा पूरे मामले पर हमलावर थी. पार्टी की ओर से सरकार पर तुष्टीकरण के आरोप भी लगाए जा रहे थे. काफी हाय तौबा मचने के बाद आखिरकार शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक ने फैसले को वापस ले लिया. इसे लेकर अब सांसद सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर तंज कसा है.

mp Sushil Modi and CM Nitish Kumar
mp Sushil Modi and CM Nitish Kumar
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 5, 2023, 10:52 AM IST

Updated : Sep 5, 2023, 11:03 AM IST

पटनाः पिछले दिनों बिहार शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक ने सरकारी स्कूलों में हिंदू त्योहार के दौरान दी जाने वाली 14 छुट्टियों को रद्द कर दिया था. भाजपा ने सरकार के इस फैसले को हिंदू विरोधी करार दिया था. चौतरफा दबाव के बाद सरकार ने आखिरकार फैसले को वापस लिया है और सभी छुट्टियां फिर से बहाल कर दी गई हैं, सरकार के इस फैसले पर सुशील मोदी ने ट्वीट कर नीतीश कुमार पर तंज कसा है.

ये भी पढ़ेंः Bihar School Holiday : शिक्षकों के विरोध के सामने झुकी सरकार, छुट्टियां रद्द करने का फैसला वापस

नीतीश पर सुशील मोदी का तंजः राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'नीतीश सरकार को फिर एक बार बीजेपी के दबाव में हिंदू पर्व त्योहार की छुट्टियों में कटौती के प्रस्ताव को वापस लेना पड़ा है. पाठकजी से और कितनी फज़ीहत करायेंगे नीतीश जी?'

कई त्यौहार की छुट्टियों में हुई थी कटौतीः आपको बता दें कि छुट्टी कटौती को लेकर भाजपा के तमाम नेताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, सुशील मोदी और सम्राट चौधरी ने जमकर हमला बोला था, क्योंकि मुख्य सचिव केके पाठक ने सरकारी स्कूलों में होने वाली रक्षाबंधन, कृष्णाष्टमी, तीज, जितिया, दशहरा, दीपावली और छठ त्यौहार की छुट्टियों में कटौती कर दी थी, अब सरकार ने इसे वापस ले लिया है. जिसे भाजपा अपनी जीत मान रही है.

  • नीतीश सरकार को फिर एक बार बीजेपी के दबाव में हिंदू पर्व त्योहार की छुट्टियों में कटौती के प्रस्ताव को वापस लेना पड़ा है ।पाठकजी से और कितनी फ़ज़ीहत करायेंगे नीतीशजी?@News18Bihar @ANI @aajtak

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल इन दिनों शिक्षा विभाग में शिक्षा में सुधार को लेकर कई ऐसे फैसले अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा लिए गए हैं, जिसे जायज नहीं ठहराया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग अपने फैसलों को लेकर ज्यादा सख्ती बरत रही है और बेतुके फरमान जारी किए जा रहे हैं. जो शिक्षक और बच्चों दोनों के लिए फायदेमंद नहीं है. शिक्षा विभाग की ओर से एक के बाद एक जारी किए जा रहे आदेशों से सरकारी विद्यालयों के बच्चों और अभिभावकों में भी हड़कंप मचा हुआ है. जिसका विरोध शिक्षक और विरोधी पार्टियां भी कर रही हैं.

पटनाः पिछले दिनों बिहार शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव केके पाठक ने सरकारी स्कूलों में हिंदू त्योहार के दौरान दी जाने वाली 14 छुट्टियों को रद्द कर दिया था. भाजपा ने सरकार के इस फैसले को हिंदू विरोधी करार दिया था. चौतरफा दबाव के बाद सरकार ने आखिरकार फैसले को वापस लिया है और सभी छुट्टियां फिर से बहाल कर दी गई हैं, सरकार के इस फैसले पर सुशील मोदी ने ट्वीट कर नीतीश कुमार पर तंज कसा है.

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नीतीश पर सुशील मोदी का तंजः राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा है कि 'नीतीश सरकार को फिर एक बार बीजेपी के दबाव में हिंदू पर्व त्योहार की छुट्टियों में कटौती के प्रस्ताव को वापस लेना पड़ा है. पाठकजी से और कितनी फज़ीहत करायेंगे नीतीश जी?'

कई त्यौहार की छुट्टियों में हुई थी कटौतीः आपको बता दें कि छुट्टी कटौती को लेकर भाजपा के तमाम नेताओं ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. गिरिराज सिंह, नित्यानंद राय, सुशील मोदी और सम्राट चौधरी ने जमकर हमला बोला था, क्योंकि मुख्य सचिव केके पाठक ने सरकारी स्कूलों में होने वाली रक्षाबंधन, कृष्णाष्टमी, तीज, जितिया, दशहरा, दीपावली और छठ त्यौहार की छुट्टियों में कटौती कर दी थी, अब सरकार ने इसे वापस ले लिया है. जिसे भाजपा अपनी जीत मान रही है.

  • नीतीश सरकार को फिर एक बार बीजेपी के दबाव में हिंदू पर्व त्योहार की छुट्टियों में कटौती के प्रस्ताव को वापस लेना पड़ा है ।पाठकजी से और कितनी फ़ज़ीहत करायेंगे नीतीशजी?@News18Bihar @ANI @aajtak

    — Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 4, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

दरअसल इन दिनों शिक्षा विभाग में शिक्षा में सुधार को लेकर कई ऐसे फैसले अपर मुख्य सचिव केके पाठक द्वारा लिए गए हैं, जिसे जायज नहीं ठहराया जा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग अपने फैसलों को लेकर ज्यादा सख्ती बरत रही है और बेतुके फरमान जारी किए जा रहे हैं. जो शिक्षक और बच्चों दोनों के लिए फायदेमंद नहीं है. शिक्षा विभाग की ओर से एक के बाद एक जारी किए जा रहे आदेशों से सरकारी विद्यालयों के बच्चों और अभिभावकों में भी हड़कंप मचा हुआ है. जिसका विरोध शिक्षक और विरोधी पार्टियां भी कर रही हैं.

Last Updated : Sep 5, 2023, 11:03 AM IST
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