पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव (Municipal Election In Patna) का मामला उलझता हुआ नजर आ रहा है. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद नगर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन राज्य सरकार ने जारी कर दिया है. इसकी जानकारी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने संवाददाता सम्मेलन कर दी है. इस चुनाव के लिए आयोग का गठन भी सवालों के घेरे में हुआ है. यहां सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद ही कुछ ही समय में सरकार ने आनन-फानन में चुनाव कराने का नोटिफिकेशन जारी किया है.
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नगर निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी: दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को 28 नवंबर को आदेश में कहा था कि जिस भी आयोग का गठन किया गया है उसकी प्रक्रिया किसी भी हालत में सही नहीं है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि ट्रिपल टेस्ट हेतु एक डेडिकेटेड इंडिपेंडेंट कमीशन बनाने की बात हुई थी. इस बात को बिना माने ही सूबे के सीएम नीतीश कुमार ने अति पिछड़ा आयोग को ही डेडीकेटेड कमीशन के रूप में अधिसूचित कर दिया और कमीशन में राजद और जदयू के नेताओं को शामिल कर लिया गया. जिसके बाद भाजपा नेता सुशील मोदी ने पूरे मामले को मीडिया के समक्ष रखते हुए कहा कि आयोग में राजनीतिक लोगों को रखना बिल्कुल ही गलत है. वहीं आगे बताया कि ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई है. इसकी पूरी प्रक्रिया ही संदेह के घेरे में है. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखना चाहिए.
आयोग की रिपोर्ट को प्रकाशित क्यों नहीं किया गया: राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के 28 नवंबर आदेश की अवमानना कर जल्दबाजी में निकाय चुनाव घोषित कर दिया गया. आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया. सुशील मोदी ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट अधिसूचित करने से मना किया था लेकिन बिहार सरकार ने नहीं माना कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण का निर्धारण नहीं किया गया. सरकार को सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहिए और अपना पक्ष रख कर फैसले के बाद आगे की कार्रवाई करनी चाहिए. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार अपनी जीत और अहंकार के चलते अति पिछड़ों का नुकसान कर रही है.
" सुप्रीम कोर्ट के 28 नवंबर आदेश की अवमानना कर जल्दबाजी में निकाय चुनाव घोषित कर दिया गया. आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया.सुप्रीम कोर्ट ने रिपोर्ट अधिसूचित करने से मना किया था लेकिन बिहार सरकार ने नहीं माना कोर्ट ने नए सिरे से आरक्षण का निर्धारण नहीं किया गया. सरकार को सुप्रीम कोर्ट में जाना चाहिए और अपना पक्ष रख कर फैसले के बाद आगे की कार्रवाई करनी चाहिए. सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार अपनी जीत और अहंकार के चलते अति पिछड़ों का नुकसान कर रही है."- सुशील मोदी, सांसद, राज्यसभा
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