पटना: बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी (MP Sushil kumar Modi ) ने कहा कि बिहार के विकास का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं मिले, केवल इसलिए नीतीश कुमार दरभंगा में एम्स की स्थापना और सड़क निर्माण की बड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन जैसे विकास कार्यों पर भी राजनीति कर रहे हैं. (cm Nitish politics against PM)
पढ़ें- देश यात्रा निकालने के लिए ही 350 करोड़ का जेट प्लेन खरीदा जा रहा है: सुशील मोदी
'दरभंगा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भी असहयोग का रवैया': सुशील मोदी ने कहा कि यदि राज्य सरकार ने जमीन उपलब्ध करायी होती, तो 1200 करोड़ की लागत से दरभंगा में एम्स की स्थापना हो गई होती. जम्मू-कश्मीर के बाद बिहार दूसरा राज्य होता, जहां दो आयुर्विज्ञान संस्थान होते. उन्होंने कहा कि दरभंगा और महाराष्ट्र के नागपुर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) बनाने के लिए शिलान्यास एक साथ हुआ था. नागपुर एम्स तैयार हो गया, लेकिन दरभंगा एम्स के लिए 200 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने में राज्य सरकार 6 साल से टालमटोल कर रही है.
'दूसरा एम्स दरभंगा में होता': उन्होंने कहा कि पटना के बाद राज्य का दूसरा एम्स दरभंगा में होता, जिससे उत्तर बिहार की बड़ी आबादी को बाहर जाने की जहमत नहीं उठानी पड़ती. उन्होंने कहा कि पहले तो नीतीश सरकार नया एम्स बनाने के बजाय दरभंगा मैडिकल कालेज हॉस्पिटल (डीएमसीएच) को ही एम्स के रूप में अपग्रेड करने की दलील देकर जमीन देने से बचना चाहती थी, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नीतिगत आधार पर अमान्य कर दिया. मोदी ने कहा कि महीनों बाद डीएमसीएच परिसर में ही एम्स के लिए मात्र 50 एकड़ भूमि दी गई। फिर अशोक पेपर मिल के विवादास्पद परिसर में 200 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव किया गया। अब कहीं और भूमि देने की बात है.
'सालों पिछड़ गया एम्स की स्थापना का काम': उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जमीन देने का फैसला करने में ही इतनी देर कर दी कि एम्स की स्थापना का काम सालों पिछड़ गया. मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार की तत्परता से दरभंगा हवाई अड्डे से विमान सेवाएं शुरू तो हो गईं, लेकिन इसके विस्तार के लिए जमीन देने में फिर राज्य सरकार हीला-हवाली कर रही है, ताकि इसका श्रेय केंद्र को न मिलने पाए.