पटना: बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच बयानों का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आईएमए ने बाबा रामदेव को कानूनी नोटिस भेजकर 1000 करोड़ रुपये का दावा ठोका है. तो वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए योगगुरु पर देशद्रोह का मामल दर्ज करने की मांग की है. इसी बीच बिहार की पश्चिमी चंपारण लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
सांसद ने फेसबुक पर लिखा है कि विगत कुछ दिनों से एक अजीब प्रतियोगिता देख रहा हूं. हर बेतुकी बात का जवाब देना कोई आवश्यक नहीं होता है. ज्यादा बोल कर आप किसी को जरूरत से ज्यादा तवज्जो देने लगते हैं. अभी आईएमए भी ऐसा ही कर रहा है. बाबा रामदेव एक अच्छे योग गुरु जरुर हैं, पर योगी नहीं हैं. योग के प्रति उनके ज्ञान पर कोई सवाल नहीं उठा सकता. लेकिन योगी उसको कहते हैं जो अपने मस्तिष्क सहित सभी इंद्रियों पर काबू पा ले.
ये भी पढ़ें: 70 के बाद ऑक्सीजन लेवल कम होने पर अस्पताल आइएगा तो आप भगवान भरोसे हैं: संजय जायसवाल
आयुर्वेद की तारीफ करते हुए सांसद ने लिखा कि 'योग जीवन में बहुत आवश्यक है. क्योंकि यह आपको निरोग रखता है, पर योग चिकित्सा पद्धति नहीं है. हजारों वर्षों से हमारे यहां इलाज के लिए चरक संहिता और सुश्रुत की शल्य क्रिया ही चलती थी. कोई योग गुरु नहीं चलते थे. आयुर्वेद शुरू से सम्मानित रहा है और सम्मानित है. मुझे इस बात का फक्र है कि भारत में आयुर्वेद के द्वारा बहुत सारी बीमारियां भी ठीक होती है. पर हर चिकित्सा पद्धति की अपनी सीमाएं हैं.
बीजेपी सांसद ने कहा, योग फिजियोथैरेपी का परिष्कृत रूप है जिसमें आपके आंतरिक स्वास्थ्य का भी संवर्धन होता है. यह उन्ही बीमारियों पर कारगर है जो फिजियोथैरेपी या कसरत से ठीक की जा सकती हैं. इससे ज्यादा कुछ भी समझना अपनी जान को खतरे में डालने वाला होगा": संजय जायसवाल, बीजेपी सांसद
बाबा रामदेव का योग में अहम योगदान
सांसद ने लिखा 'बाबा रामदेव जी को मैं मजाक में योग का कोका कोला बोलता हूं. हमारे यहां ठंडे पेय के रूप में सदियों से शिकंजी और ठंडई चलती थी पर हर घर में ठंडा, कोको कोला और पेप्सी के बाद ही रखा जाने लगा. उसी प्रकार भारतवर्ष में हजारों अति विशिष्ट योग साधक रहे हैं जिन्होंने भारतीय संस्कृति एवं जीवन प्रणाली में मूलभूत परिवर्तन किए हैं. पर योग को घर-घर पहुंचाने मे बाबा रामदेव के योगदान को नकारा नहीं जा सकता है.
'मैं अपने आईएमए के सभी मित्रों से अपील करूंगा कि कृपया हम निरर्थक बातों में प्रतियोगिता कर अपने वर्षों की साधना को बर्बाद नहीं करें. उन सभी मेडिकल चिकित्सकों जिन्होंने इस करोना काल में जान गंवाई है. उनको यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी': संजय जायसवाल, बीजेपी सांसद
सांसद ने लिखा कि 'नीचे सुश्रुत वैद्य जी की तस्वीर विश्व के प्रथम पांच विश्वविद्यालयों में से एक मेलबर्न विश्वविद्यालय के मेडिकल कॉलेज के मुख्य द्वार की है. 7 वर्ष पहले जब मैं वहां गया था तो सभी चर्चा मेरी पोस्ट ग्रेजुएट मेडिसिन पर नहीं बल्कि वर्तमान समय में आयुर्वेद के विकास मे भारत के योगदान के बारे में ही पूछे गए थे'.