पटना: दिल्ली में किसानों पर हुए हमले के बाद किसानों के समर्थन में कई राजनीतिक दल और कई किसान संगठन भी अब आगे आ रहे हैं. बिहार में महागठबंधन के लगभग सभी घटक दलों ने किसानों पर हुए हमले के खिलाफ राज्यव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है.
किसानों के समर्थन में उतरी भाकपा माले
भाकपा माले किसानों के समर्थन में पूरी तरीके से उतर चुकी है. पटना में माले महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने किसानों के समर्थन में सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. भाकपा माले राज्य सचिव कुणाल ने बताया कि किसान नेता व माले विधायक सुदामा प्रसाद, युवा छात्र नेता सह विधायक संदीप सौरभ किसानों के आंदोलन में शामिल होने के लिए दिल्ली जा चुके हैं.
किसानों का नहीं बल्कि देश का आंदोलन
भाकपा माले राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि दिल्ली में किसानों के आंदोलन में शामिल होकर उनके आवाजों को बुलंद करेंगे. यह आंदोलन अब सिर्फ किसानों का नहीं बल्कि देश का आंदोलन है. जब तक सरकार तीन कृषि विरोधी काले कानून को वापस नहीं ले लेती तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
मोदी सरकार द्वारा लागू तीन नए कृषि कानूनों में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) कानून 2020, कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन व कृषि सेवा पर करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020 शामिल हैं. प्रदर्शन कारी किसान इन तीनों कानूनों को वापस लेने के साथ-साथ न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सभी फसलों की खरीद की गारंटी की मांग कर रहे हैं. इसके अलावा उनकी कुछ अन्य मांगें भी हैं.