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पटना में जमीन विवाद में हो रही ज्यादातर हत्याएं.. भू-माफिया की भेंट चढ़ चुके हैं JDU, BJP और RJD नेता - आरजेडी नेता नंदकिशोर यादव

बिहार की राजधानी पटना समेत पूरे बिहार में अपराध का ग्राफ (Crime Graph increased in Bihar) बढ़ा है. पटना में जमीन विवाद के कारण ज्यादातर नेताओं की हत्या (Most Leaders Killed in Patna due to Land Dispute) हुई है. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार में क्राइम
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Published : Mar 29, 2022, 10:21 PM IST

पटना: बिहार में आपराधिक वारदातों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अन्य जिले की बात तो छोड़िए राजधानी पटना ही सुरक्षित नहीं है. हालांकि, ज्यादातर जमीन विवाद को लेकर हत्याएं हो रही हैं. दानापुर में जेडीयू नेता की हत्या भी जमीन विवाद को लेकर हुई है. बता दें कि जेडीयू नेता दीपक कुमार मेहता (JDU leader Deepak Kumar Mehta) विवादित जमीन खरीद-बिक्री के माहिर खिलाड़ी थे. आशंका जताई जा रही है कि दीपक मेहता की हत्या का कारण बंद प्लॉट 40 कट्ठा जमीन है, जिसे एक बिल्डर ने हाल में ही एग्रीमेंट कराया है. ऐसे तो दीपक मेहता की करीब 20-25 बीघा जमीन शहर में हैं, लेकिन विवादित जमीन के खरीद-बिक्री में इनकी काफी रूचि रही है.

ये भी पढ़ें- पटना में JDU नेता की गोली मारकर हत्या

RJD नेता की हत्या: हाल के दिनों में आरजेडी नेता नंदकिशोर यादव (RJD leader Nandkishore Yadav) की भी जमीन विवाद के कारण हत्या की गई थी. पटना पुलिस ने लारा सेवा संस्थान, साईं दरबार मैरिज हाल के मालिक और राजद नेता नंदकिशोर यादव को गोली मारने के मामले में 6 अपराधियों को गिरफ्तार किया था. दरअसल, जमीन विवाद में 44 लाख रुपये के लेनदेन में उनकी हत्या का षडयंत्र रचा गया था. जमीन कारोबारी रंजीत ने इसके लिए बदमाशों को पौने दो लाख रुपये की सुपारी दी थी.

BJP नेता की हत्या: वहीं, पिछले 2 सालों में पहले राजधानी पटना के बेउर के तेज प्रताप नगर में बीजेपी नेता और प्रॉपर्टी डीलर राजेश झा उर्फ राजू बाबा की हत्या विवादित जमीन की खरीद बिक्री के कारण हुई थी. दरअसल, कई प्लॉट पर राजू बाबा के द्वारा कब्जा दिलाया गया था. इसके अलावा भी कई हत्या जमीन विवाद के कारण हो चुकी है. यहां तक कि बेऊर मोड़ पर साल 2021 में अपराधियों ने जमीन कारोबारी को भी जमीन विवाद के कारण ही प्रॉपर्टी डीलर कार्यालय में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

JDU नेता की हत्या: हालांकि, इस मामले में अब तक पुलिस द्वारा खुलासा नहीं हो पाया है. सोमवार को जिस तरह से जदयू नेता की हत्या हुई है, 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और ना ही किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी हुई है. भूमि विवाद कहीं ना कहीं राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय के लिए भी एक चुनौती बन गया है, जिस वजह से डीएम स्तर से लेकर एसपी स्तर और थाना स्तर तक बैठक कर मामले का समाधान भी जोर शोर से किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Inside Story : पूछ रहे लोग, क्या बिहार में नीतीश कुमार का इकबाल खत्म हो गया है?

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पटना: बिहार में आपराधिक वारदातों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अन्य जिले की बात तो छोड़िए राजधानी पटना ही सुरक्षित नहीं है. हालांकि, ज्यादातर जमीन विवाद को लेकर हत्याएं हो रही हैं. दानापुर में जेडीयू नेता की हत्या भी जमीन विवाद को लेकर हुई है. बता दें कि जेडीयू नेता दीपक कुमार मेहता (JDU leader Deepak Kumar Mehta) विवादित जमीन खरीद-बिक्री के माहिर खिलाड़ी थे. आशंका जताई जा रही है कि दीपक मेहता की हत्या का कारण बंद प्लॉट 40 कट्ठा जमीन है, जिसे एक बिल्डर ने हाल में ही एग्रीमेंट कराया है. ऐसे तो दीपक मेहता की करीब 20-25 बीघा जमीन शहर में हैं, लेकिन विवादित जमीन के खरीद-बिक्री में इनकी काफी रूचि रही है.

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RJD नेता की हत्या: हाल के दिनों में आरजेडी नेता नंदकिशोर यादव (RJD leader Nandkishore Yadav) की भी जमीन विवाद के कारण हत्या की गई थी. पटना पुलिस ने लारा सेवा संस्थान, साईं दरबार मैरिज हाल के मालिक और राजद नेता नंदकिशोर यादव को गोली मारने के मामले में 6 अपराधियों को गिरफ्तार किया था. दरअसल, जमीन विवाद में 44 लाख रुपये के लेनदेन में उनकी हत्या का षडयंत्र रचा गया था. जमीन कारोबारी रंजीत ने इसके लिए बदमाशों को पौने दो लाख रुपये की सुपारी दी थी.

BJP नेता की हत्या: वहीं, पिछले 2 सालों में पहले राजधानी पटना के बेउर के तेज प्रताप नगर में बीजेपी नेता और प्रॉपर्टी डीलर राजेश झा उर्फ राजू बाबा की हत्या विवादित जमीन की खरीद बिक्री के कारण हुई थी. दरअसल, कई प्लॉट पर राजू बाबा के द्वारा कब्जा दिलाया गया था. इसके अलावा भी कई हत्या जमीन विवाद के कारण हो चुकी है. यहां तक कि बेऊर मोड़ पर साल 2021 में अपराधियों ने जमीन कारोबारी को भी जमीन विवाद के कारण ही प्रॉपर्टी डीलर कार्यालय में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.

JDU नेता की हत्या: हालांकि, इस मामले में अब तक पुलिस द्वारा खुलासा नहीं हो पाया है. सोमवार को जिस तरह से जदयू नेता की हत्या हुई है, 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है और ना ही किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी हुई है. भूमि विवाद कहीं ना कहीं राज्य सरकार और पुलिस मुख्यालय के लिए भी एक चुनौती बन गया है, जिस वजह से डीएम स्तर से लेकर एसपी स्तर और थाना स्तर तक बैठक कर मामले का समाधान भी जोर शोर से किया जा रहा है.

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