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बाढ़ में बह गईं बिहार की 4000 सड़कें, ₹2 अरब से भी ज्यादा खजाना होगा खाली - Bihar roads washed away in floods

बिहार इस साल भी बाढ़ की चपेट में है. फिलहाल 26 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. 26 जिलों के 200 से अधिक शहर की सड़कें बाढ़ के कारण प्रभावित हुई हैं. इस पर पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Minister Nitin Naveen) ने कहा है कि पानी निकलते ही सड़कों की तुरंत मरम्मत करवाई जाएगी. पढ़ें पूरी खबर..

bihar damaged road
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Published : Aug 18, 2021, 6:17 PM IST

पटना: बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) के कारण कई सड़कें भी प्रभावित हुई हैं. डेढ़ दर्जन के करीब एनएच (NH) की सड़कें भी बाढ़ में डूबी हैं. पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department) के अनुसार शुरुआती आंकलन के मुताबिक ₹2 अरब से भी ज्यादा की राशि क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत पर खर्च करने पड़ेंगे.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात, आधा दर्जन गांवों का सड़क संपर्क टूटा, जनजीवन अस्त-व्यस्त

बिहार में बाढ़ से इस साल भी बड़ा नुकसान हुआ है. पथ निर्माण विभाग की सड़कों को भी नुकसान हुआ है. पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार जितनी सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उसका आंकलन किया गया है. प्रारंभिक आंकलन के अनुसार 200 करोड़ से अधिक क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने में खर्च होगा.

हालांकि यह भी जानकारी दी गई है कि राशि और बढ़ सकती है क्योंकि अभी भी बाढ़ का पानी सड़कों पर है. उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति अभी भी बनी हुई है. वहीं, ग्रामीण कार्य विभाग भी ग्रामीण सड़कों के मरम्मत पर बड़ी राशि खर्च कर रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग भी बाढ़ का पानी निकलने के बाद ही युद्ध स्तर पर काम शुरू करेगा. ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार पथ निर्माण विभाग से भी अधिक राशि ग्रामीण कार्य विभाग को मरम्मत पर खर्च करना होगा.

इस बार भी नुकसान काफी अधिक है. हम लोग हर स्तर पर आंकलन करवा रहे हैं. बाढ़ का पानी निकलते ही क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो जाएगा.- नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग

देखें वीडियो

पथ निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में समस्तीपुर, मधुबनी, दरभंगा, गोपालगंज, वैशाली, सारण, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, रोहतास, बक्सर, आरा, जहानाबाद, नवादा, गया और पटना जिलों की सड़कें प्रभावित हुई हैं.

पथ निर्माण विभाग के अलावे ग्राम ग्रामीण कार्य विभाग की भी 4000 से अधिक सड़कों को नुकसान पहुंचा है. जिन इलाकों से पानी निकला है, वहां मरम्मत का कार्य भी चल रहा है. 2,000 से अधिक ग्रामीण सड़कों को बाढ़ का पानी निकलने के बाद आवागमन के लिए चालू भी किया गया है, लेकिन अभी भी 1200 से अधिक ग्रामीण सड़कों पर बाढ़ का पानी है.

बिहार में इस साल छपरा ,सीतामढ़ी, किशनगंज, पूर्णिया, भागलपुर, लखीसराय, आरा, नवादा, जहानाबाद से गुजरने वाली एनएच पर बाढ़ का पानी आ चुका है. पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने जानकारी भी दी कि भागलपुर इलाके में 3 से 4 फीट तक एनएच पर पानी आ गया है.

बाढ़ का असर

  • पथ निर्माण विभाग के अनुसार प्रारंभिक आंकलन में 200 करोड़ से अधिक राशि मरम्मत पर होगा खर्च
  • अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक एनएच पर चढ़ चुका है बाढ़ का पानी
  • छोटे बड़े 200 से अधिक शहरों पर बाढ़ के पानी का असर
  • 4000 से अधिक ग्रामीण सड़कें भी हुई क्षतिग्रस्त

वहीं मुख्यमंत्री ने बाढ़ से क्षति का आंकलन करने का निर्देश दिया है. पथ निर्माण मंत्री ने भी अधिकारियों को जल्द से जल्द क्षति का आंकलन करने को कहा है. ताकि बाढ़ का पानी निकलते ही युद्ध स्तर पर मरम्मत कार्य शुरू किया जा सके.

बाढ़ के कारण नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और ग्रामीण सड़कों पर खासा असर पड़ा है. बाढ़ की स्थिति अभी भी खत्म नहीं हुई है. कई सड़कों पर अभी भी बाढ़ का पानी है और उसके कारण आवागमन ठप है. पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार 15 सितंबर के बाद सड़कों की मरम्मत का कार्य तेजी से शुरू होगा और उसे जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश होगी.

यह भी पढ़ें- VIDEO: जहानाबाद में चंद सेकेंड में धराशायी हुआ मकान, देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- Motihari News: लगातार हो रही बारिश से उफनाई पसाह नदी, कई जगह टूटा नदी का बांध

पटना: बिहार में बाढ़ (Bihar Flood) के कारण कई सड़कें भी प्रभावित हुई हैं. डेढ़ दर्जन के करीब एनएच (NH) की सड़कें भी बाढ़ में डूबी हैं. पथ निर्माण विभाग (Road Construction Department) के अनुसार शुरुआती आंकलन के मुताबिक ₹2 अरब से भी ज्यादा की राशि क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत पर खर्च करने पड़ेंगे.

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बिहार में बाढ़ से इस साल भी बड़ा नुकसान हुआ है. पथ निर्माण विभाग की सड़कों को भी नुकसान हुआ है. पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार जितनी सड़कें क्षतिग्रस्त हुई हैं, उसका आंकलन किया गया है. प्रारंभिक आंकलन के अनुसार 200 करोड़ से अधिक क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने में खर्च होगा.

हालांकि यह भी जानकारी दी गई है कि राशि और बढ़ सकती है क्योंकि अभी भी बाढ़ का पानी सड़कों पर है. उत्तर बिहार में बाढ़ की स्थिति अभी भी बनी हुई है. वहीं, ग्रामीण कार्य विभाग भी ग्रामीण सड़कों के मरम्मत पर बड़ी राशि खर्च कर रहा है. ग्रामीण कार्य विभाग भी बाढ़ का पानी निकलने के बाद ही युद्ध स्तर पर काम शुरू करेगा. ग्रामीण कार्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार पथ निर्माण विभाग से भी अधिक राशि ग्रामीण कार्य विभाग को मरम्मत पर खर्च करना होगा.

इस बार भी नुकसान काफी अधिक है. हम लोग हर स्तर पर आंकलन करवा रहे हैं. बाढ़ का पानी निकलते ही क्षतिग्रस्त सड़कों के मरम्मत का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू हो जाएगा.- नितिन नवीन, मंत्री, पथ निर्माण विभाग

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पथ निर्माण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में समस्तीपुर, मधुबनी, दरभंगा, गोपालगंज, वैशाली, सारण, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, शिवहर, अररिया, पूर्णिया, किशनगंज, कटिहार, सहरसा, रोहतास, बक्सर, आरा, जहानाबाद, नवादा, गया और पटना जिलों की सड़कें प्रभावित हुई हैं.

पथ निर्माण विभाग के अलावे ग्राम ग्रामीण कार्य विभाग की भी 4000 से अधिक सड़कों को नुकसान पहुंचा है. जिन इलाकों से पानी निकला है, वहां मरम्मत का कार्य भी चल रहा है. 2,000 से अधिक ग्रामीण सड़कों को बाढ़ का पानी निकलने के बाद आवागमन के लिए चालू भी किया गया है, लेकिन अभी भी 1200 से अधिक ग्रामीण सड़कों पर बाढ़ का पानी है.

बिहार में इस साल छपरा ,सीतामढ़ी, किशनगंज, पूर्णिया, भागलपुर, लखीसराय, आरा, नवादा, जहानाबाद से गुजरने वाली एनएच पर बाढ़ का पानी आ चुका है. पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने जानकारी भी दी कि भागलपुर इलाके में 3 से 4 फीट तक एनएच पर पानी आ गया है.

बाढ़ का असर

  • पथ निर्माण विभाग के अनुसार प्रारंभिक आंकलन में 200 करोड़ से अधिक राशि मरम्मत पर होगा खर्च
  • अब तक डेढ़ दर्जन से अधिक एनएच पर चढ़ चुका है बाढ़ का पानी
  • छोटे बड़े 200 से अधिक शहरों पर बाढ़ के पानी का असर
  • 4000 से अधिक ग्रामीण सड़कें भी हुई क्षतिग्रस्त

वहीं मुख्यमंत्री ने बाढ़ से क्षति का आंकलन करने का निर्देश दिया है. पथ निर्माण मंत्री ने भी अधिकारियों को जल्द से जल्द क्षति का आंकलन करने को कहा है. ताकि बाढ़ का पानी निकलते ही युद्ध स्तर पर मरम्मत कार्य शुरू किया जा सके.

बाढ़ के कारण नेशनल हाईवे, स्टेट हाईवे और ग्रामीण सड़कों पर खासा असर पड़ा है. बाढ़ की स्थिति अभी भी खत्म नहीं हुई है. कई सड़कों पर अभी भी बाढ़ का पानी है और उसके कारण आवागमन ठप है. पथ निर्माण विभाग के अधिकारियों के अनुसार 15 सितंबर के बाद सड़कों की मरम्मत का कार्य तेजी से शुरू होगा और उसे जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश होगी.

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