पटना: बिहार विधानमंडल का मानसून सत्र 10 जुलाई से 14 जुलाई तक संचालित होगा. 5 दिनों के मानसून सत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 का प्रथम अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा. उसी दौरान उस पर चर्चा होगी और सरकार की ओर जवाब भी दिया जाएगा.
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10 जुलाई से 14 जुलाई तक बिहार विधानमंडल का सत्र: पिछले साल जून महीने में बिहार विधान मंडल का मानसून सत्र आगाज हुआ था लेकिन इस बार मानसून सत्र जुलाई में होने जा रहा है. विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी और विधान परिषद सभापति देवेश चंद्र ठाकुर की सहमति के बाद 10 जुलाई से 14 जुलाई तक मानसून सत्र की तिथि सरकार को भेजी गई है. इसे राज्यपाल ने भी अपनी स्वीकृति दे दी है.
204वां सत्र 10 जुलाई से शुरू होगा: सचिवालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार 10 जुलाई से शुरू होने वाली बिहार विधान परिषद की बैठकों में संपादित होने वाले कार्यों के निपटान के लिए तिथियों के अनुरूप अस्थाई कार्यक्रम तय कर लिया गया है. इसके तहत 12 जुलाई और 13 जुलाई को सभा या सरकार द्वारा प्राप्त सभी राजकीय विधायक उस श्रेणी के कार्य के लिए नीयत तिथि की कार्यवली में उसी क्रम में रखे जाएंगे, जो बिहार विधान परिषद की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमावली के नियम के अधीन सदन नेता के परामर्श से सभापति निर्देशित करेंगे.
सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष: पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के महागठबंधन से निकलने के बाद यह मानसून सत्र हो रहा है. मानसून सत्र से पहले विपक्षी दलों की पटना में बैठक होने जा रही है. मानसून सत्र हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं. सरकार इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक भी लाएगी. वहीं विपक्ष की ओर से छोटा सत्र के बावजूद सरकार को घेरने की कोशिश होगी.
मानसून सत्र की अवधि काफी छोटी: बिहार में लगातार अब छोटे मानसून सत्र की परंपरा चल पड़ी है. 5 दिन से 7 दिन का मानसून सत्र ही संचालित किया जा रहा है. हालांकि कुछ साल अपवाद भी रहे हैं. लोकसभा चुनाव के कारण 2014 और 2019 में अधिक दिनों तक मानसून सत्र चला था. वहीं 2019 में 21 दिनों तक सत्र संचालित हुआ था.