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Patna News: साइबर अपराधियों के मोबाइल का IMEI नंबर होगा बंद, अब एक पहचान पत्र से नहीं ले पाएंगे कई सिम कार्ड

बिहार में साइबर अपराध बढ़ता जा रहा है. ऐसे अपराधियों की अब खैर नहीं है. पुलिस मुख्यालय ने EOU को निर्देश दिया है कि ऐसे अपराधियों को चिह्नित कर उनका मोबाइल नंबर और IMEI नंबर बंद कराया जाए. IMEI नंबर बंद कराने से क्या होगा जानें..

साइबर अपराधियों के मोबाइल का IMEI नंबर होगा बंद
साइबर अपराधियों के मोबाइल का IMEI नंबर होगा बंद
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 23, 2023, 5:25 PM IST

EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों

पटना: पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा लगातार साइबर अपराधियों के साथ-साथ अब उनके मोबाइल नंबर और IMEI नंबर (International Mobile Equipment Identity) को भी निष्क्रिय करने की कवायद शुरू कर दी गई है. साइबर फ्रॉड लगातार नंबर बदल बदल कर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. इन्हीं प्रक्रिया को देखते हुए नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल के माध्यम से अब इनके मोबाइल नंबर सिम को और मोबाइल के IMEI नंबर को भी बंद करने के लिए लगातार प्रस्ताव भेजा जा रहा है.

पढ़ें- Patna Crime : एनी डेस्क के सहारे खाते से पैसा उड़ाते थे साइबर अपराधी, EOU ने किया 3 गिरोह का खुलासा

अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: बता दें कि साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए उनके खिलाफ फोर्स एवं कारगर कार्रवाई करते हुए आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा सिम और IMEI नंबर को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह प्रक्रिया मई 2023 से प्रारंभ की गई है, जिसमें बिहार एवं अन्य राज्यों के अपराधियों का मोबाइल नंबर ब्लॉक किए जाने के लिए आर्थिक अपराध इकाई के स्तर से अब तक कुल 6187 सिम को ब्लॉक करने का प्रस्ताव भेजा गया है.

IMEI नंबर कराया जा रहा बंद: अब तक 3927 सिम को ब्लॉक किया जा चुका है. वहीं अगस्त माह 2023 में मोबाइल का IMEI निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू की गई है जिसमें अब तक 775 IMEI नंबर को निष्क्रिय करने का प्रस्ताव भेजा गया है. लगातार इसकी मॉनीटरिंग भी की जा रही है. साइबर अपराधियों के द्वारा लगातार मोबाइल का नंबर बदल बदल कर एक ही सिम लगाकर लोगों को अपना शिकार बनाया जाता है, जिसको देखते हुए अब आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा IMEI नंबर भी बंद कराया जा रहा है.

एक आधार कार्ड से बार-बार नहीं ले सकेंगे सिम कार्ड: आर्थिक अपराध इकाई डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने जानकारी देते हुए बताया है कि अब अपराधियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए गए हैं, जिसमें अपराधियों का मोबाइल ही ब्लॉक कर दिया जाएगा. जिससे अपराधियों के कमर टूटेंगे और उन लोगों के बार-बार सिम खरीदने की प्रक्रिया पर भी काम किया जा रहा है. वहीं एक ही आधार पर कई सिम देने वाले दुकानदारों को भी चिह्नित करवाया जा रहा है. उन लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

"साइबर फ्रॉड का साथ देने वाले दुकानदारों का लाइसेंस भी रद्द करने की कवायत शुरू कर दी गई है. बहुत जल्द जो प्रस्ताव भेजा गया है उसको निष्क्रिय कर दिया जाएगा. अन्य अपराधियों के मोबाइल नंबर और IMEI नंबर को चिह्नित किया जा रहा है और लगातार भेजने का काम किया जा रहा है."- मानवजीत सिंह ढिल्लों, डीआईजी, आर्थिक अपराध इकाई पटना

क्या होता है IMEI नंबर: यह एक अद्वितीय संख्या है, जिसका प्रयोग मोबाइल नेटवर्क पर किसी डिवाइस की पहचान करने के लिए होता है. इसमें पंद्रह अंक होते हैं. यह फोन की विशिष्ट पहचान की तरह होता है. दूरसंचार विभाग और सीमा शुल्क विभाग भारत में आने वाले हैंडसेट के आईएमईआई नंबर की जांच करने और रिकॉर्ड के लिए मिलकर काम करते हैं.

EOU के डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों

पटना: पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा लगातार साइबर अपराधियों के साथ-साथ अब उनके मोबाइल नंबर और IMEI नंबर (International Mobile Equipment Identity) को भी निष्क्रिय करने की कवायद शुरू कर दी गई है. साइबर फ्रॉड लगातार नंबर बदल बदल कर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. इन्हीं प्रक्रिया को देखते हुए नेशनल साइबर क्राइम रिर्पोटिंग पोर्टल के माध्यम से अब इनके मोबाइल नंबर सिम को और मोबाइल के IMEI नंबर को भी बंद करने के लिए लगातार प्रस्ताव भेजा जा रहा है.

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अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई: बता दें कि साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए उनके खिलाफ फोर्स एवं कारगर कार्रवाई करते हुए आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा सिम और IMEI नंबर को बंद करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. यह प्रक्रिया मई 2023 से प्रारंभ की गई है, जिसमें बिहार एवं अन्य राज्यों के अपराधियों का मोबाइल नंबर ब्लॉक किए जाने के लिए आर्थिक अपराध इकाई के स्तर से अब तक कुल 6187 सिम को ब्लॉक करने का प्रस्ताव भेजा गया है.

IMEI नंबर कराया जा रहा बंद: अब तक 3927 सिम को ब्लॉक किया जा चुका है. वहीं अगस्त माह 2023 में मोबाइल का IMEI निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू की गई है जिसमें अब तक 775 IMEI नंबर को निष्क्रिय करने का प्रस्ताव भेजा गया है. लगातार इसकी मॉनीटरिंग भी की जा रही है. साइबर अपराधियों के द्वारा लगातार मोबाइल का नंबर बदल बदल कर एक ही सिम लगाकर लोगों को अपना शिकार बनाया जाता है, जिसको देखते हुए अब आर्थिक अपराध इकाई के द्वारा IMEI नंबर भी बंद कराया जा रहा है.

एक आधार कार्ड से बार-बार नहीं ले सकेंगे सिम कार्ड: आर्थिक अपराध इकाई डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों ने जानकारी देते हुए बताया है कि अब अपराधियों के खिलाफ ठोस कदम उठाए गए हैं, जिसमें अपराधियों का मोबाइल ही ब्लॉक कर दिया जाएगा. जिससे अपराधियों के कमर टूटेंगे और उन लोगों के बार-बार सिम खरीदने की प्रक्रिया पर भी काम किया जा रहा है. वहीं एक ही आधार पर कई सिम देने वाले दुकानदारों को भी चिह्नित करवाया जा रहा है. उन लोगों पर भी कार्रवाई की जाएगी.

"साइबर फ्रॉड का साथ देने वाले दुकानदारों का लाइसेंस भी रद्द करने की कवायत शुरू कर दी गई है. बहुत जल्द जो प्रस्ताव भेजा गया है उसको निष्क्रिय कर दिया जाएगा. अन्य अपराधियों के मोबाइल नंबर और IMEI नंबर को चिह्नित किया जा रहा है और लगातार भेजने का काम किया जा रहा है."- मानवजीत सिंह ढिल्लों, डीआईजी, आर्थिक अपराध इकाई पटना

क्या होता है IMEI नंबर: यह एक अद्वितीय संख्या है, जिसका प्रयोग मोबाइल नेटवर्क पर किसी डिवाइस की पहचान करने के लिए होता है. इसमें पंद्रह अंक होते हैं. यह फोन की विशिष्ट पहचान की तरह होता है. दूरसंचार विभाग और सीमा शुल्क विभाग भारत में आने वाले हैंडसेट के आईएमईआई नंबर की जांच करने और रिकॉर्ड के लिए मिलकर काम करते हैं.

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