पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक (Cabinet Meeting) में राज्य के आदर्श केंद्रीय कारा बेऊर और मंडल कारा हाजीपुर में पायलट परियोजना के रूप में मोबाइल फोन जैमर (Mobile Phone Jammer) लगाने की स्वीकृति दे दी गई है. 19 करोड़ 52 लाख 566 रुपये में दोनों जेलों में जैमर लगाया जाएगा. जिसके लिए भारत सरकार के उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड को जिम्मेदारी दी गयी है. जेल से मोबाइल मिलने और कैदियों की मोबाइल से बातचीत करने की लगातार सूचना मिलने पर बिहार सरकार ने यह फैसला लिया है.
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बिहार कारा हस्तक 2012 के नियम संख्या 391 (8) के अनुसार मोबाइल फोन सिम कार्ड चार्जर इत्यादि कारा में प्रतिबंधित सामग्री के रूप में चिन्हित है. लेकिन जेलों के अंदर लगातार अवैध रूप से मोबाइल फोन की बरामदगी की सूचना मिलती रहती है. कारा की सुरक्षा और विधि व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से कारा में मोबाइल फोन जैमर लगाने का फैसला सरकार ने लिया है. जैमर लगने से जेल में बंद अपराधियों का बाहरी संपर्क समाप्त हो जाएगा और इससे आपराधिक गतिविधियों के संचालन पर भी रोक लगेगा.
'भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड को जैमर लगाने की जिम्मेदारी दी गई है. गृह विभाग का प्रस्ताव था कि पहले बेऊर जेल और हाजीपुर जेल में इसे लगाया जाए इसलिए इसकी स्वीकृति दे दी गई है.' -संजय कुमार, अपर मुख्य सचिव कैबिनेट
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बता दें कि बेऊर जेल में पहले भी जैमर लगाने की मांग होती रही है. बेऊर जेल से आपराधिक गतिविधियों के संचालन की खबरें आती रहती हैं. कई घटनाओं में जेल से अपराधियों की संलिप्तता भी उजागर हुई है. जिसके बाद बिहार सरकार ने जेलों में 4जी जैमर पायलट परियोजना के तहत लगाने का निर्णय लिया है.