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MLC रीत लाल यादव को HC से मिली 15 दिनों की जमानत, 10 फरवरी को फिर करेंगे सरेंडर

आरजेडी एमएलसी रीत लाल यादव मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 7 सालों से जेल में बंद हैं. इनको 25 जनवरी से 9 फरवरी तक जमानत दी गई है. इन्हें पुनः 10 फरवरी को सरेंडर करना पड़ेगा.

रीत लाल यादव
रीत लाल यादव
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Published : Jan 17, 2020, 8:02 AM IST

Updated : Jan 17, 2020, 8:33 AM IST

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने विधान पार्षद रीत लाल यादव की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें 15 दिनों के लिए औपबंधिक जमानत दे दी है. गुरुवार को जस्टिस ए अमानुल्लाह की सिंगल बेंच ने इस जमानत याचिका पर सुनवाई की. गौरतलब है कि 4 फरवरी 2020 को उनकी बेटी की शादी तय है. इसे लेकर याचिका दायर की गई थी.

आरजेडी एमएलसी रीत लाल यादव मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 7 सालों से जेल में बंद हैं. इनको 25 जनवरी से 9 फरवरी तक जमानत दी गई है. इन्हें पुनः 10 फरवरी को सरेंडर करना पड़ेगा.

पटना
पटना हाई कोर्ट(फाइल फोटो)

जमीन की चकबंदी का मामला
वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट ने राज्य में जमीन की चकबंदी को लेकर सरकर की कार्रवाइयों पर आश्चर्य व्यक्त किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने कैमूर किसान विकास समिति की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह बात समझ नहीं आती कि 1992 में चकबंदी का कार्य शुरू किया गया था लेकिन बाद में यह कह कर बंद कर दिया कि सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है, सर्वे का काम पूरा करने के बाद ही चकबंदी का कार्य शुरू किया जायेगा.

कोर्ट ने सरकार से पूछा
एक माह पूर्व कोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी थी कि चकबंदी और सर्वे का काम कब तक पूरा कर लिया जायेगा? कोर्ट को बताया गया कि अभी तक मात्र 2050 राजस्व गांव के चकबंदी का कार्य पूरा हुआ है. जबकि राज्य में 22792 गांव हैं. अब सब को मामले की अगली सुनवाई का इंतजार है.

पटनाः पटना हाईकोर्ट ने विधान पार्षद रीत लाल यादव की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें 15 दिनों के लिए औपबंधिक जमानत दे दी है. गुरुवार को जस्टिस ए अमानुल्लाह की सिंगल बेंच ने इस जमानत याचिका पर सुनवाई की. गौरतलब है कि 4 फरवरी 2020 को उनकी बेटी की शादी तय है. इसे लेकर याचिका दायर की गई थी.

आरजेडी एमएलसी रीत लाल यादव मनी लॉन्ड्रिंग मामले में लगभग 7 सालों से जेल में बंद हैं. इनको 25 जनवरी से 9 फरवरी तक जमानत दी गई है. इन्हें पुनः 10 फरवरी को सरेंडर करना पड़ेगा.

पटना
पटना हाई कोर्ट(फाइल फोटो)

जमीन की चकबंदी का मामला
वहीं दूसरी ओर हाईकोर्ट ने राज्य में जमीन की चकबंदी को लेकर सरकर की कार्रवाइयों पर आश्चर्य व्यक्त किया है. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ ने कैमूर किसान विकास समिति की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यह बात समझ नहीं आती कि 1992 में चकबंदी का कार्य शुरू किया गया था लेकिन बाद में यह कह कर बंद कर दिया कि सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है, सर्वे का काम पूरा करने के बाद ही चकबंदी का कार्य शुरू किया जायेगा.

कोर्ट ने सरकार से पूछा
एक माह पूर्व कोर्ट ने राज्य सरकार से जानकारी मांगी थी कि चकबंदी और सर्वे का काम कब तक पूरा कर लिया जायेगा? कोर्ट को बताया गया कि अभी तक मात्र 2050 राजस्व गांव के चकबंदी का कार्य पूरा हुआ है. जबकि राज्य में 22792 गांव हैं. अब सब को मामले की अगली सुनवाई का इंतजार है.

पटना हाईकोर्ट ने विधान पार्षद रीत लाल यादव की ओर से दायर जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए 15 दिनों के लिए औपबंधिक जमानत दे दी है।जस्टिस ए अमानुल्लाह की सिंगल बेंच ने इस जमानत याचिका पर सुनवाई की।गौरतलब हैं कि  4 फरवरी 2020 को उनकी लड़की की शादी तय है।इसे लेकर याचिका दायर की गई है।मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ये बिगत 6 वर्ष 9 महीने से जेल में बंद हैं।अन्य मामले में लगभग 10 वर्षों से जेल में हैइनकेजमानत की अवधि 25जनवरी से 9 फरवरी तक हैं।इन्हें पुनः 10 फरवरी को सरेंडर करने का निर्देश दिया गया है।
Last Updated : Jan 17, 2020, 8:33 AM IST
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