बेगूसराय: शराब (Liquor Ban In Bihar) मामले को लेकर बीजेपी के एमएलसी देवेश कुमार कानून के शिकंजे में आ गए है. अपने डॉक्टर दोस्त को छुड़ाने के लिए थाने पहुंचे एमएलसी पर खुद शराब पीने का आरोप लगा था. इस सिलसिले में भाजपा नेता सह विधान परिषद सदस्य देवेश कुमार ने अपने ऊपर शराब मामलों की पुष्टि को गलत ठहराया है और इसे बदले की भावना से ग्रसित बताया है.
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महागठबंधन सरकार पर बरसे बीजेपी एमएलसी: बीजेपी एमएलसी देवेश कुमार ने कहा कि जिस तरह भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध ईडी और सीबीआई की कार्रवाई की जा रही है. उसी के मद्देनजर सरकार बनने के बाद बदले की भावना से पुष्टि की ये कारवाई की गई है. उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि वे उस दिन अपने एक मित्र के साथ गये थे और वो उस वक्त कोरोना पीड़ित होने के कारण ब्रेथ एनालाइजर लगाने से इनकार किया था.
एमएलसी देवेश कुमार पर इल्जाम: बीजेपी एमएलसी ने कहा कि उनपर बदसलूकी का जो इल्जाम है, वो सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि वे कानूनी प्रक्रिया के तहत अपना प्रोटेस्ट करेंगे और उन्हें न्याय मिलेगा. बीजेपी नेता ने कहा की सरकार बदल गई है. इसलिए उनपर बदले की कारवाई की जा रही है. उन्होंने कहा की वो शराब पीते ही नहीं हैं.
"जो ये घटना है. मैं उसका पृष्टभूमि बताता हूं. मेरा एक दोस्त थे, उनका एक्सीडेंट हो गया. मैं उनके बचाव में चला गया और मैं कानून का मदद कर रहा था. वो मामला सलट भी गया, लेकिन उसके बाद पुलिस ने कहा कि आपको इसमें ब्लड टेस्ट देना होगा. उससे पहले ब्रेथ एनालायजर टेस्ट देना होगा. मैंने कहा कि मुझे तीन बार कोरोना हो चुका है, मैं ब्रेथ एनालाजर टेस्ट नहीं दूंगा इसके अलावा जो कहेंगे वो करूंगा. मैंने किया, सरकार बदल गई, परिस्थितियां बदल गई. मैं पिता भी नहीं हूं और पिया भी नहीं था. सरकार इसको तुल देने की कोशिश कर रही है. जो टेस्ट आया है वो पूरी तरह से गलत है. मेरे ऊपर आजतक कोई मुकदमा नहीं हुआ है. मैं पत्रकार भी रह चुका हूं दिल्ली में, कभी मेरे ऊपर कोई मुकदमा नहीं रहा."- देवेश कुमार, एमएलसी, बीजेपी
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