पटनाः 2 साल के बाद बिहार सरकार के कला संस्कृति विभाग ने बिहार कला सम्मान से कई कलाकारों को नवाजा है. जिसमें मिथिलांचल के रवि मुकुल भी शामिल हैं, जो पटना के 'किलकारी' में बतौर प्रशिक्षक बच्चों को थिएटर सिखाते हैं.
रवि मुकुल को साल 2018-19 में रंगमंच के क्षेत्र के लिए बतौर युवा 'भिखारी ठाकुर सम्मान' से नवाजा गया है. रवि मुकुल ने ईटीवी भारत से बताया कि उन्हें उम्मीद भी नहीं थी कि उन्हें इस सम्मान से नवाजा जाएगा.
'हम सिर्फ काम कर रहे हैं, लगातार करते रहेंगे'
रवि मुकुल ने बताया कि मिथिलांचल के लिए यह काफी गौरव की बात है, क्योंकि आज तक नाटक विद्या में किसी प्रकार का कोई सम्मान नहीं मिला. पहली बार ऐसा सम्मान मिला है, जिससे पूरे मिथिलांचल में खुशी का माहौल है.
20 सालों से रंगमंच से जुड़े हैं मुकुल
रवि मुकुल ने कहा कि करीब 20 वर्षों से रंगमंच से जुड़ा हुआ हूं और नाटक करने वाले को भिखारी ठाकुर सम्मान मिल जाए, इससे बड़ी गौरव की बात क्या हो सकती है. इस सम्मान में सबसे बड़ा योगदान मेरे बच्चों और किलकारी का. पहले रवि मुकुल थिएटर करते थे. लेकिन अब सिर्फ बच्चों के साथ ही थिएटर करते हैं.
'आप अपना काम कीजिए ईश्वर सब देख रहा है'
रवि मुकुल ने बताया कि मैं अपने बच्चों को भी सिर्फ यही सिखाता हूं कि आप अपना काम कीजिए ईश्वर सब देख रहा है. समय आने पर सब कुछ मिलेगा. इस पुरस्कार के असली हकदार हमारे बच्चे हैं, क्योंकि आज वह नहीं निकलते तो मुकुल भी आज नहीं निकलता और ना ही यह सम्मान मिलता.
किलकारी संस्था के लिए गौरव की बात
वहीं, किलकारी की निदेशक ज्योति परिहार ने कहा कि किलकारी के लिए और हमारे बच्चों के लिए यह काफी गौरव की बात है कि उनके प्रशिक्षक को इस सम्मान से नवाजा गया है. रवि मुकुल हमेशा बच्चों में लगे रहते हैं उन्हें कुछ ना कुछ बेहतर दिखाते हैं. अब उनके अंदर उर्जा का संचार होगा तो वो और भी बेहतर करेंगे.