पटना: रसगुल्ला का नाम सुनते ही या देखते ही मुंह में पानी आ जाता है. रसगुल्ले की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल से हुई थी, लेकिन रसगुल्ले की वजह से पश्चिम बंगाल और उड़ीसा के बीच विवाद भी हो चुका है. दरअसल, उड़ीसा का दावा था कि रसगुल्ला बनाने की विधि उड़ीसा से पश्चिम बंगाल पहुंची थी, जिसके बाद एक बड़ा विवाद भी खड़ा हो गया था. लेकिन, रसगुल्ले को लेकर पश्चिम बंगाल ने जीत हासिल की थी. 'रोसोगुल्ला बोसोन मीठा' यह आपने खूब सुना होगा, लेकिन राजधानी पटना के एक रेस्टोरेंट में हरी मिर्च के रस के साथ पकाकर बनाया गया रसगुल्ला (Mirchi Rasgulla made in Patna) इन दिनों काफी सुर्खियां बटोर रहा है.
ये भी पढ़ें- बंगाल-ओडिशा को भूलिए... बिहार में खाइए 1 किलो का रसगुल्ला
राजधानी पटना का चटकारा रेस्टोरेंट में इन दिनों हरी मिर्च के बने रसगुल्ले (Chili Flavor Rasgulla in Patna) को लोग काफी पसंद कर रहे हैं. खासकर इस रसगुल्ले का टेस्ट है और खाने की लालसा को लेकर युवा वर्ग खींचा चला आ रहा है. हालांकि, रसगुल्ला मीठा होने की वजह से जाना जाता है, लेकिन इस रसगुल्ले की खासियत है कि इस रसगुल्ले में थोड़ा मीठे के साथ-साथ हरी मिर्च यानी कि तीखा बनाया गया है. रसगुल्ला खासकर उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद है जो कि शुगर के पेशेंट हैं और वह रसगुल्ला खाने में परहेज करते हैं.
हालांकि, डायबिटीज के पेशेंट की लगातार वृद्धि हो रही है. ऐसे में डायबिटीज पेशेंट इस रसगुल्ले का आनंद आराम से ले सकते हैं. आपको पता नहीं कि यह जो चटकारा रेस्टोरेंट है यह किसी और का नहीं बल्कि बीजेपी के बड़े नेता और सिक्किम के राज्यपाल गंगा प्रसाद के बेटे दीपक चौरसिया का है, जो कि पहले वार्ड पार्षद भी रह चुके हैं. वर्तमान में उनकी पत्नी दीघा वार्ड की पार्षद हैं और उनके बड़े भाई संजीव चौरसिया जो कि दीघा विधानसभा के विधायक हैं.
दुकान में काम करने वाले कारीगर छोटू ने बताया कि एक दिन हम लोग बैठकर बात कर रहे थे कि हमारे रेस्टोरेंट में एक ऐसी मिठाई बनाई जाए, जिससे लोग काफी आकर्षित हो और इसे खाने की इच्छा जाहिर करें. इसके बाद इस रसगुल्ले का कारीगर जो कि दरभंगा का रहने वाला है, उसने हरी मिर्ची से बनाने वाले रसगुल्ले का जिक्र किया और इसे बनाया गया. जिसके बाद वर्तमान में इसकी बिक्री इतनी बढ़ गई है कि दुकान में यह कम पड़ रहा है.
आपको बता दें कि इस हरी मिर्च और रसगुल्ले को ग्रीन चिली कलर्स के रस में पकाया जाता है. रसगुल्ले के साथ आपको ग्रीन चिली भी मिलती है, यह ग्रीन चिल्ली शिमला मिर्च नहीं बल्कि छोटी पतली वाली हरी मिर्च होती हैं. दरअसल, इसको बनाने के पीछे का मकसद है कि युवा वर्ग या यूं कहें कि टीनएजर्स हमेशा बदलाव पसंद करते हैं, जिस वजह से उन्हें यह रसगुल्ला काफी पसंद आ रहा है. हालांकि, रसगुल्ला अपने तीखेपन के लिए जाना जाता है, जिस वजह से इसमें मिठास के साथ साथ थोड़ा तीखापन भी लाया गया है, जिससे इसका स्वाद चटपटा है. यह रसगुल्ला प्रति ₹15 के हिसाब से बिक रहा है. लोग इसे खूब पसंद भी कर रहे हैं.
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP