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योजना विकास मंत्री ने माना- बिहार में 49% डॉक्टरों के पद रिक्त, लेकिन कृषि में 2019 के मुकाबले ग्रोथ रेट बढ़ा

बिहार विधानसभा में गुड गवर्नेंस इंडेक्स का मामला उठाया गया. आरजेडी के विधायक ललित यादव ने योजना एवं विकास विभाग से जानना चाहा कि ग्रोथ पिछड़ा क्यों है. इसपर योजना विकास मंत्री विजेंद्र यादव ने जवाब दिया है. पढ़ें रिपोर्ट..

बिहार विधानसभा
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Published : Mar 4, 2022, 10:56 PM IST

पटनाः गुड गवर्नेंस इंडेक्स (Bihar Good Governance Index) 2020-21 रिपोर्ट का मामला आज विधानसभा में उठा. आरजेडी के विधायक ललित यादव ने इसे उठाते हुए योजना एवं विकास विभाग से जानना चाहा कि गुड गवर्नेंस इंडेक्स रिपोर्ट में शामिल 8 राज्यों में बिहार छठे स्थान पर है. एग्रीकल्चर का ग्रोथ निगेटिव है. यदि ऐसा है तो क्यों है? योजना विकास मंत्री विजेंद्र यादव (Planning Development Minister Vijender Yadav) ने इसका जवाब दिया है.

यह भी पढ़ें- सदन में तेजस्वी का शायराना अंदाज- 'जहां सच है, वहां पर हम खड़े हैं, इसी खातिर आंखों में गड़े हैं'

कई सेक्टर में हुआ ग्रोथः योजना विकास मंत्री विजेंद्र यादव ने माना कि गुड गवर्नेंस इंडेक्स 2021-22 के प्रतिवेदन में ग्रुप बी के 8 राज्यों में बिहार छठे स्थान पर है, लेकिन एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर का ग्रोथ रेट 2019-20 में 2.3 प्रतिशत था, जो 2020-21 में बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया, ना कि निगेटिव ग्रोथ हुआ है. खाद्यान्न उत्पादन का वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 5.2 प्रतिशत हो गया है. कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में 8 राज्यों में बिहार सातवें स्थान पर है. बिहार इथेनॉल पॉलिसी लाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. 4 इकाइयों में उत्पादन शुरू हो गया है. 17 इकाइयों की स्थापना का कार्य तेजी से चल रहा है. नियमित टीकाकरण 61.7% से बढ़कर 71% हो गया है. बिहार में चिकित्सकों के लगभग 49% पद रिक्त हैं, जिस पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

तीसरे स्थान पर है बिहारः विधानसभा में जवाब देते हुए योजना विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की विफलता का प्रश्न नहीं उठता है. गुड गवर्नेंस इंडेक्स 2020-21 में वर्ष 2019 की तुलना में बिहार का ओवरऑल स्कोर 2019 के 4.40 से बढ़कर वर्ष 2020 -21 में 4.62 हो गया है. प्रगति के हिसाब से बिहार तीसरे स्थान पर है. योजना विकास मंत्री ने कहा कि तीनों पर क्षेत्र पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एंड यूटिलिटीज, सोशल वेलफेयर एंड डेवलपमेंट, जुडिशरी एंड पब्लिक सेफ्टी तीनों क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है. पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एंड यूटिलिटीज सेक्टर में बिहार ग्रुप बी में शीर्ष स्थान पर है.

बढ़ा है आर्थिक वृद्धि दरः बिहार की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2005-06 में -1.69% था, जो अर्थव्यवस्था की गिरावट का प्रतीक रहा है. लेकिन 2006-7 में 16.18% हो गया है और 2019-20 तक लगातार आर्थिक वृद्धि दर राष्ट्रीय वृद्धि दर से अधिक रहा. कोविड-19 के द्वारा उत्पन्न त्रासदी में वर्ष 2020-21 में भारत की वृद्धि दर निगेटिव -7.3 हो गई, तो फिर भी बिहार की वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रहा है. यह राज्य की सशक्त अर्थव्यवस्था को दर्शाता है.

ऊर्जा की खपत भी बढ़ीः बिहार में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत 2012-13 में 145 किलो वाट प्रति घंटा से बढ़कर वर्ष 2020- 21 में 350 किलो वाट प्रति घंटा हो गई है. नल का जल पा रहे घरों की संख्या 162.78 लाख हो गई है, वहीं पथ निर्माण विभाग की ओर से 2005 से अब तक 18,993 किलोमीटर सड़क 6047 पुलों का निर्माण किया गया है. 2005 में ग्रामीण पथों की लंबाई 3112 किलोमीटर थी, जो 2021 तक बढ़कर 1,02,309 किलोमीटर हो गई है. कृषि के क्षेत्र में भी तेजी से विकास हो रहा है. उसी का परिणाम है कि 5 कृषि कर्मण पुरस्कार बिहार को प्राप्त हुआ है. योजना विकास मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा इसके बावजूद हम यह दावा नहीं कर रहे हैं कि बिहार विकसित हो गया लेकिन इतने विकास के बावजूद नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार की जो स्थिति है, इसीलिए हम लोग विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं.

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पटनाः गुड गवर्नेंस इंडेक्स (Bihar Good Governance Index) 2020-21 रिपोर्ट का मामला आज विधानसभा में उठा. आरजेडी के विधायक ललित यादव ने इसे उठाते हुए योजना एवं विकास विभाग से जानना चाहा कि गुड गवर्नेंस इंडेक्स रिपोर्ट में शामिल 8 राज्यों में बिहार छठे स्थान पर है. एग्रीकल्चर का ग्रोथ निगेटिव है. यदि ऐसा है तो क्यों है? योजना विकास मंत्री विजेंद्र यादव (Planning Development Minister Vijender Yadav) ने इसका जवाब दिया है.

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कई सेक्टर में हुआ ग्रोथः योजना विकास मंत्री विजेंद्र यादव ने माना कि गुड गवर्नेंस इंडेक्स 2021-22 के प्रतिवेदन में ग्रुप बी के 8 राज्यों में बिहार छठे स्थान पर है, लेकिन एग्रीकल्चर एंड एलाइड सेक्टर का ग्रोथ रेट 2019-20 में 2.3 प्रतिशत था, जो 2020-21 में बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गया, ना कि निगेटिव ग्रोथ हुआ है. खाद्यान्न उत्पादन का वृद्धि दर 1.3 प्रतिशत से बढ़कर 2020-21 में 5.2 प्रतिशत हो गया है. कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में 8 राज्यों में बिहार सातवें स्थान पर है. बिहार इथेनॉल पॉलिसी लाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है. 4 इकाइयों में उत्पादन शुरू हो गया है. 17 इकाइयों की स्थापना का कार्य तेजी से चल रहा है. नियमित टीकाकरण 61.7% से बढ़कर 71% हो गया है. बिहार में चिकित्सकों के लगभग 49% पद रिक्त हैं, जिस पर नियुक्ति की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

तीसरे स्थान पर है बिहारः विधानसभा में जवाब देते हुए योजना विकास मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की विफलता का प्रश्न नहीं उठता है. गुड गवर्नेंस इंडेक्स 2020-21 में वर्ष 2019 की तुलना में बिहार का ओवरऑल स्कोर 2019 के 4.40 से बढ़कर वर्ष 2020 -21 में 4.62 हो गया है. प्रगति के हिसाब से बिहार तीसरे स्थान पर है. योजना विकास मंत्री ने कहा कि तीनों पर क्षेत्र पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एंड यूटिलिटीज, सोशल वेलफेयर एंड डेवलपमेंट, जुडिशरी एंड पब्लिक सेफ्टी तीनों क्षेत्र में काफी प्रगति हुई है. पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर एंड यूटिलिटीज सेक्टर में बिहार ग्रुप बी में शीर्ष स्थान पर है.

बढ़ा है आर्थिक वृद्धि दरः बिहार की आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2005-06 में -1.69% था, जो अर्थव्यवस्था की गिरावट का प्रतीक रहा है. लेकिन 2006-7 में 16.18% हो गया है और 2019-20 तक लगातार आर्थिक वृद्धि दर राष्ट्रीय वृद्धि दर से अधिक रहा. कोविड-19 के द्वारा उत्पन्न त्रासदी में वर्ष 2020-21 में भारत की वृद्धि दर निगेटिव -7.3 हो गई, तो फिर भी बिहार की वृद्धि दर 2.5 प्रतिशत रहा है. यह राज्य की सशक्त अर्थव्यवस्था को दर्शाता है.

ऊर्जा की खपत भी बढ़ीः बिहार में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत 2012-13 में 145 किलो वाट प्रति घंटा से बढ़कर वर्ष 2020- 21 में 350 किलो वाट प्रति घंटा हो गई है. नल का जल पा रहे घरों की संख्या 162.78 लाख हो गई है, वहीं पथ निर्माण विभाग की ओर से 2005 से अब तक 18,993 किलोमीटर सड़क 6047 पुलों का निर्माण किया गया है. 2005 में ग्रामीण पथों की लंबाई 3112 किलोमीटर थी, जो 2021 तक बढ़कर 1,02,309 किलोमीटर हो गई है. कृषि के क्षेत्र में भी तेजी से विकास हो रहा है. उसी का परिणाम है कि 5 कृषि कर्मण पुरस्कार बिहार को प्राप्त हुआ है. योजना विकास मंत्री विजेंद्र यादव ने कहा इसके बावजूद हम यह दावा नहीं कर रहे हैं कि बिहार विकसित हो गया लेकिन इतने विकास के बावजूद नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार की जो स्थिति है, इसीलिए हम लोग विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे हैं.

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