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मंत्री सुरेश शर्मा ने दी चेतावनी- इस बार पटना हुआ जलमग्न तो नपेंगे अधिकारी

पटना में गुरुवार को नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने समीक्षा बैठक की. बैठक में मंत्री ने कई कमियों पर अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कार्रवाई की बात कही.

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Published : May 28, 2020, 9:30 PM IST

पटना: नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान मानसून में राजधानी में जलजमाव न हो इसको लेकर चर्चा की गई. इस बैठक में बुडको के मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता सहित अन्य अभियंता उपस्थित रहे.

अधिकारियों को चेतावनी
मंत्री सुरेश शर्मा ने समीक्षा के दौरान पाया कि अस्थायी पंपहाउस का निर्माण कार्य अत्यंत सुस्त है, जिसे 5 जून तक पूरा करना संभव नहीं है. मंत्री ने इस लापरवाही पर बुडको के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस बार पटना में फिर पिछले वर्ष जैसे जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हुई तो सरकार किसी भी अधिकारी को नहीं बख्शेगी.

उच्चस्तरीय जांच दल का गठन
समीक्षा के क्रम में मंत्री ने पाया कि 167 करोड़ की राशि से नई मशीन की आपूर्ति संभावित इस मॉनसून में नहीं हो पाएगी. समीक्षा के क्रम में अभियंतागण यह भी बताने में असफल रहे कि उच्च क्षमता की यह मशीनें किस कार्य में उपयोगी साबित होंगी और इसकी कार्य योजना क्या है? मंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए एक उच्चस्तरीय जांच दल का गठन किया है, जो रिपोर्ट देगी कि जो एजेंसी इन मशीनों की आपूर्ति कर रही है वह अंतरराष्ट्रीय मानक को पूरा कर रहा है या नहीं.

जांच के बाद एजेंसी का भुगतान
जांच रिपोर्ट आने तक किसी भी प्रकार का भुगतान एजेंसी को नहीं किया जाएगा. मंत्री ने निर्देश दिया कि अभी जो मशीनें बुडको के पास उपलब्ध हैं उसकी मरम्मत कर तैयार रखा जाए. अतिवृष्टि को देखते हुए किराए पर भी उच्च शक्ति की मशीनों का इंतेजाम रखा जाए ताकि किसी भी परिस्थिति को टालने के लिए मशीनरी तैयार रहे.

दैनिक कामगारों की अवधि बढ़ी
समीक्षा बैठक में पटना के ड्रेनेज प्लान का डीपीआर बनाने के लिए जिस एजेंसी का चयन किया गया है उसका कार्य भी असंतोषजनक पाया गया. इसकी समीक्षा भी उच्चस्तरीय जांच कमिटी करेगी. मंत्री शर्मा ने बैठक में अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि बिहार की राजधानी पटना को किसी भी सूरत में जलमग्न नहीं होने दिया जाएगा. किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके साथ ही नगर विकास एवं आवास मंत्री के द्वारा बिहार के सैकड़ों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी संविदा अवधि को एक सितंबर 2020 तक बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. इनकी संविदा अवधि 31 मई 2020 को समाप्त हो रही थी.

पटना: नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने गुरुवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान मानसून में राजधानी में जलजमाव न हो इसको लेकर चर्चा की गई. इस बैठक में बुडको के मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता सहित अन्य अभियंता उपस्थित रहे.

अधिकारियों को चेतावनी
मंत्री सुरेश शर्मा ने समीक्षा के दौरान पाया कि अस्थायी पंपहाउस का निर्माण कार्य अत्यंत सुस्त है, जिसे 5 जून तक पूरा करना संभव नहीं है. मंत्री ने इस लापरवाही पर बुडको के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इस बार पटना में फिर पिछले वर्ष जैसे जल-जमाव की स्थिति उत्पन्न हुई तो सरकार किसी भी अधिकारी को नहीं बख्शेगी.

उच्चस्तरीय जांच दल का गठन
समीक्षा के क्रम में मंत्री ने पाया कि 167 करोड़ की राशि से नई मशीन की आपूर्ति संभावित इस मॉनसून में नहीं हो पाएगी. समीक्षा के क्रम में अभियंतागण यह भी बताने में असफल रहे कि उच्च क्षमता की यह मशीनें किस कार्य में उपयोगी साबित होंगी और इसकी कार्य योजना क्या है? मंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए एक उच्चस्तरीय जांच दल का गठन किया है, जो रिपोर्ट देगी कि जो एजेंसी इन मशीनों की आपूर्ति कर रही है वह अंतरराष्ट्रीय मानक को पूरा कर रहा है या नहीं.

जांच के बाद एजेंसी का भुगतान
जांच रिपोर्ट आने तक किसी भी प्रकार का भुगतान एजेंसी को नहीं किया जाएगा. मंत्री ने निर्देश दिया कि अभी जो मशीनें बुडको के पास उपलब्ध हैं उसकी मरम्मत कर तैयार रखा जाए. अतिवृष्टि को देखते हुए किराए पर भी उच्च शक्ति की मशीनों का इंतेजाम रखा जाए ताकि किसी भी परिस्थिति को टालने के लिए मशीनरी तैयार रहे.

दैनिक कामगारों की अवधि बढ़ी
समीक्षा बैठक में पटना के ड्रेनेज प्लान का डीपीआर बनाने के लिए जिस एजेंसी का चयन किया गया है उसका कार्य भी असंतोषजनक पाया गया. इसकी समीक्षा भी उच्चस्तरीय जांच कमिटी करेगी. मंत्री शर्मा ने बैठक में अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि बिहार की राजधानी पटना को किसी भी सूरत में जलमग्न नहीं होने दिया जाएगा. किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. इसके साथ ही नगर विकास एवं आवास मंत्री के द्वारा बिहार के सैकड़ों दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी संविदा अवधि को एक सितंबर 2020 तक बढ़ाने का निर्देश दिया गया है. इनकी संविदा अवधि 31 मई 2020 को समाप्त हो रही थी.

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