पटनाः बिहार सरकार में एसटी-एससी कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन (Santosh Kumar Suman) ने कहा है कि अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग बनने के बाद दलित छात्र-छात्राओं को काफी लाभ मिला है. उनकी शिक्षा के लिए कई तरह की व्यवस्था लागू की गई है. दलित छात्रों के लिए बिहार में छात्रवास की कमी है. जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं.
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दलित छात्र-छात्राओं को लिए बिहार में 76 नए छात्रावास बनाए जा रहे हैं. इसके अलावा 10 और छात्रावास बनाने का निर्णय लिय गया है. वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली सरकार में यह विभाग वैसे दलित बच्चों को छात्रवृति दे रही है, जो बच्चे पैसे के अभाव में पढ़ नहीं पाते हैं. जल्द ही बिहार में 70 हजार दलित बच्चों के रहने के लिए छात्रावास की व्यवस्था पूरी कर ली जाएगी.
"बिहार देश का पहला राज्य है संघ लोग सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा पास करने वाले दलित परिवार के बच्चे को एक लाख और बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने वाले दलित परिवार के बच्चे को 50 हजार रूपये की छात्रवृति देने की शुरूआत की गई है. यह कदम उन दलित परिवार के बच्चों को शिक्षा में आगे बढ़ाने के लिए बेहतर साबित हो रही है."- संतोष कुमार सुमन, मंत्री, बिहार सरकार
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मंत्री संतोष कुमार सुमन ने कहा कि एट्रोसिटी एक्ट के तहत हुए मुकदमे लड़ने के लिए भी राज्य सरकार दलित वर्ग के लोगों को आर्थिक सहायता करती है. इतना ही नहीं हाल ही में सरकार के द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार बलात्कार और हत्या से पीड़ित परिवार के आश्रितों को सरकारी नौकरी भी दी जा रही है. समाज के निचले तबके में खड़े लोगों को आगे लाने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है.
एट्रोसिटी एक्ट अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के सदस्यों के विरुद्ध किए गए अपराधों के निवारण के लिए है. यह अधिनियम ऐसे अपराधों के संबंध में मुकदमा चलाने और ऐसे अपराधों से पीड़ित व्यक्तियों के लिए राहत एवं पुनर्वास का प्रावधान करता है. सामान्य बोलचाल की भाषा में यह अधिनियम अत्याचार निवारण ( Prevention of Atrocities ) या अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम कहलाता है.