पटना: बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद सहयोगियों के साथ विपक्ष के तरफ से भी शराबबंदी कानून में संशोधन और हटाने की मांग उठ रही है. लेकिन मद्य निषेध विभाग के मंत्री ने साफ कर दिया है शराबबंदी कानून हटाने की फिलहाल सरकार की कोई मंशा नहीं है. शराबबंदी कानून को लेकर लगातार महागठबंधन के नेता और विपक्ष सवाल उठते रहे हैं.
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शराबबंदी पर रारः जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी शराबबंदी फेल होने की बात कही थी. पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी लगातार शराबबंदी कानून में संशोधन की मांग करते रहे हैं. समस्तीपुर के राजद विधायक ने भी शराबबंदी को बयान दिया था. महागठबंधन नेताओं के बयान के बीच भाजपा ने सरकार पर जमकर हमला बोल दिया था. बढ़ते दबाव के कारण ही पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध विभाग की बैठक की थी तो उसमें निर्देश दिया था कि शराब पीने वालों की जगह सप्लायर और धंधे में लगे लोगों की गिरफ्तारी पर जोर दें.
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चर्चोओं पर पूर्णविरामः मुख्यमंत्री के लगातार ले रहे फैसले के बाद कानून को लेकर कई तरह की चर्चा होने लगी थी. लेकिन जदयू के जनसुनवाई कार्यक्रम में पहुंचे मद्य निषेध विभाग के मंत्री सुनील कुमार का साफ कहना था कि शराबबंदी कानून बिहार में सख्ती से लागू है और फिलहाल संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है. जब जरूरत होगी तब संशोधन किया जाएगा. अभी हाल ही में संशोधन किया गया है और सभी की सहमति से ही बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. इसलिए कानून को समाप्त करने की सरकार की कोई मंशा नहीं है.
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''शराबबंदी कानून बिहार में सख्ती से लागू है और फिलहाल संशोधन की कोई आवश्यकता नहीं है. सभी की सहमति से ही बिहार में शराबबंदी कानून लागू है. इसलिए कानून को समाप्त करने की सरकार की कोई मंशा नहीं है'' -सुनील कुमार, मंत्री, मद्य निषेध विभाग