पटना: बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है. शिक्षा विभाग की कमान संभालने के बाद केके पाठक कई तरह के आदेश निकाल रहे हैं और उसके कारण ही खींचतान जारी है. कभी मीटिंग में अधिकारियों के साथ गाली गलौज करना तो कभी कर्मियों के ड्रेस पर सवाल उठाने को लेकर चर्चा में रहने वाले केके पाठक ने अब महादलित टोलों के शिक्षकों के लेकर जो गाइडलाइन जारी किया है, उसके खिलाफ हंगामा हो रहा है.
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बोले रत्नेश सदा- 'दलित विरोधी हैं केके पाठक': केके पाठक की कार्यशैली पर खुद शिक्षा मंत्री ने नाराजगी जाहिर की है. वहीं दूसरे विभाग से जुड़े मंत्रियों ने भी मोर्चा खोल दिया है. बिहार सरकार के अनुसूचित जाति जनजाति मंत्री रत्नेश सदा ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के कार्यशैली को लेकर बड़ा बयान दिया है और कहा है कि केके पाठक दलित विरोधी हैं. वो सामंती विचारधारा के लोग हैं और विभाग में आने के बाद अपनी विचारधारा को लागू करना चाहते हैं.
"यही कारण है कि महादलित टोले के शिक्षक जो महादलित के बच्चे को पढ़ाते हैं, उसको लेकर नया गाइडलाइन जारी कर उनके वेतन में कटौती के आदेश दिए हैं, जो गलत है. नब्बे प्रतिशत अगर बच्चे की उपस्थिति नहीं रहेगी तो महादलित टोले के शिक्षकों का वेतन काटा जाएगा, ये फरमान कहीं से उचित नहीं है."- रत्नेश सदा, मंत्री बिहार सरकार
मंत्री ने पूछा सवाल: रत्नेश सदा ने आगे कहा कि ऐसी जिम्मेवारी वैसे शिक्षको को क्यों नहीं देते जिनका वेतन काफी ज्यादा है. सिर्फ महादलित समाज के शिक्षक पर ऐसा दवाब कहां तक उचित है. उन्होंने कहा कि ये सरासर गलत फरमान है. जब हमारे संज्ञान में यह आया तो हमने इसका विरोध किया है. हमें नहीं लगता कि ये तुगलकी फरमान कहीं से अच्छा नहीं है. शिक्षा विभाग के बैठे अधिकारी अब मनमानी पर उतर गए हैं.
केके पाठक की सीएम से शिकायत करेंगे रत्नेश सदा: आपको बता दें कि रत्नेश सदा नए मंत्री बने हैं और उन्हें अनुसूचित जाति जनजाति विभाग का मंत्री बनाया गया है और पहली बार ऐसा हुआ है कि वो विभागीय अधिकारी पर जमकर बरसे हैं. साफ साफ कह दिया है कि केकेपाठक दलित विरोधी हैं. साथ ही उन्होंने केके पाठक पर गलत फरमान लगातार जारी करने का आरोप लगाया है और कहा कि ऐसे मामले को लेकर वो मुख्यमंत्री से भी बात करेंगे.
शिक्षा मंत्री ने जतायी नाराजगी: वहीं मंत्री चंद्रशेखर ने भी केके पाठक की कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाहिर की है. एसीएस समेत सभी को पीत पत्र (Yellow Letter) भेजकर आपत्ति जताते हुए कहा है कि विभाग में सरकार की कार्य संहिता के अनुसार से काम नहीं हो रहा है. मंत्री ने राजपत्रित कर्मचारियों पर उनके पद के अनुरूप काम नहीं करने का आरोप भी लगाया है. साथ ही कहा है है कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से भी नीचे के स्तर के काम कराए जा रहे हैं.