ETV Bharat / state

बिहार में शराब मामलों के ट्रायल के लिए 71 स्पेशल कोर्ट, दोषियों पर होगी त्वरित कार्रवाई: विधि मंत्री

बिहार में शराबबंदी कानून ( Bihar Liquor Ban Law ) के तहत लोगों को पकड़ा तो जा रहा है, लेकिन त्वरित कार्रवाई नहीं हो पा रही थी. सीएम नीतीश कुमार के निर्देश पर सूबे में कुल 71 स्पेशल कोर्ट का गठन किया गया है. ये बातें विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने कही. साथ ही उन्होंने कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. पढ़िए पूरी खबर..

Special Courts For Trial Of Liquor Cases In Bihar
Special Courts For Trial Of Liquor Cases In Bihar
author img

By

Published : Jan 22, 2022, 6:41 PM IST

पटना: बिहार में शराबबंदी कानून के तहत तेजी से मुकदमे बढ़ रहे हैं. बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून के तहत हो रहे मुकदमे की सुनवाई के लिए अलग से 33 कोर्ट (Special Courts For Trial Of Liquor Cases In Bihar) का गठन किया है. बिहार सरकार के विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि, पहले से ही बिहार के 38 जिलों में शराबबंदी कानून के तहत हुए मुकदमे की सुनवाई के लिए कोर्ट की व्यवस्था थी. इसके अलावा जिन-जिन जिलों में शराबबंदी कानून के तहत मुकदमे की संख्या बढ़ रही है, वहां पर हमने स्पेशल कोर्ट का प्रावधान कर दिया है. 33 जिले में नए स्पेशल कोर्ट बनाए गए हैं, जिसमें सरकारी वकील सहित जज की भी व्यवस्था कर दी गई है.

ये भी पढ़ें- जहरीली शराब से हो रही मौतों पर भाकपा माले ने सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा

प्रमोद कुमार (minister pramod kumar on liquor cases in bihar) ने कहा कि, बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के साथ-साथ बिहार विधान मंडल का यह निर्णय हुआ था कि, बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया जाए और इसे लागू किया गया है. इस कानून को लेकर जो भी मुकदमे हो रहे हैं, उसकी सुनवाई भी जल्दी से हो इसको लेकर हमने स्पेशल कोर्ट का गठन किया है. अब पूरे बिहार में 71 स्पेशल कोर्ट हो गए हैं, जहां पर शराबबंदी कानून के तहत जो मुकदमे होंगे उसकी सुनवाई होगी. स्पीडी ट्रायल करके ऐसे मामलों को निपटाया जाएगा.

"शराबबंदी कानून के तहत केस का जो रफ्तार था वो बढ़ता चला गया. 33 जिला में केस ज्यादा आ रहे थे, तो वहां हमने कोर्ट का गठन किया. दोषियों पर स्पीडी ट्रायल किया जा रहा है. लगातार लोग पकड़े जा रहे हैं. त्वरित कार्रवाई के लिए 38 कोर्ट बनाए गए हैं. प्रदेश में इस तरह के मामलों के निपटारे के लिए कुल 71 कोर्ट हैं. जितने भी बड़े लोग हो या जो भी मुजरिम होंगे, सभी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी. कोई भी दोषी बचेगा नहीं."- प्रमोद कुमार, विधि मंत्री, बिहार

बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को झटका देते हुए मद्य निषेध कानून में दी गई जमानत के खिलाफ दायर अनेक याचिकाओं को खारिज कर दिया था. जमानत याचिकाओं के खिलाफ सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि, बिहार के इस कानून ने अदालतों पर बहुत बोझ डाला है. आए दिन मद्य निषेध कानून, 2016 के तहत याचिकाएं दायर होती हैं. इस कानून के तहत 10 साल की सजा का प्रावधान है.

यह भी पढ़ें- शराबबंदी पर बिहार सरकार को 'सुप्रीम' फटकार, कहा- 'कोर्ट सिर्फ इसलिए जमानत ना दे क्योंकि आपने कानून बना दिया'

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश कहा, ''पटना हाईकोर्ट में रोज अनेक ऐसी याचिकाएं आती हैं और वहां इन्हें सूचीबद्ध होने में एक साल तक का समय लग रहा है. हमें बताया गया है कि पटना हाईकोर्ट में 10–15 जज रोजाना ऐसी याचिकाएं सुन रहे हैं'' ऐसे में बिहार में 71 स्पशल कोर्टों में अब शराबबंदी कानून से संबंधित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाएगा, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जा सकी.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

पटना: बिहार में शराबबंदी कानून के तहत तेजी से मुकदमे बढ़ रहे हैं. बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून के तहत हो रहे मुकदमे की सुनवाई के लिए अलग से 33 कोर्ट (Special Courts For Trial Of Liquor Cases In Bihar) का गठन किया है. बिहार सरकार के विधि मंत्री प्रमोद कुमार ने बताया कि, पहले से ही बिहार के 38 जिलों में शराबबंदी कानून के तहत हुए मुकदमे की सुनवाई के लिए कोर्ट की व्यवस्था थी. इसके अलावा जिन-जिन जिलों में शराबबंदी कानून के तहत मुकदमे की संख्या बढ़ रही है, वहां पर हमने स्पेशल कोर्ट का प्रावधान कर दिया है. 33 जिले में नए स्पेशल कोर्ट बनाए गए हैं, जिसमें सरकारी वकील सहित जज की भी व्यवस्था कर दी गई है.

ये भी पढ़ें- जहरीली शराब से हो रही मौतों पर भाकपा माले ने सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा

प्रमोद कुमार (minister pramod kumar on liquor cases in bihar) ने कहा कि, बिहार सरकार के मुखिया नीतीश कुमार के साथ-साथ बिहार विधान मंडल का यह निर्णय हुआ था कि, बिहार में शराबबंदी कानून लागू किया जाए और इसे लागू किया गया है. इस कानून को लेकर जो भी मुकदमे हो रहे हैं, उसकी सुनवाई भी जल्दी से हो इसको लेकर हमने स्पेशल कोर्ट का गठन किया है. अब पूरे बिहार में 71 स्पेशल कोर्ट हो गए हैं, जहां पर शराबबंदी कानून के तहत जो मुकदमे होंगे उसकी सुनवाई होगी. स्पीडी ट्रायल करके ऐसे मामलों को निपटाया जाएगा.

"शराबबंदी कानून के तहत केस का जो रफ्तार था वो बढ़ता चला गया. 33 जिला में केस ज्यादा आ रहे थे, तो वहां हमने कोर्ट का गठन किया. दोषियों पर स्पीडी ट्रायल किया जा रहा है. लगातार लोग पकड़े जा रहे हैं. त्वरित कार्रवाई के लिए 38 कोर्ट बनाए गए हैं. प्रदेश में इस तरह के मामलों के निपटारे के लिए कुल 71 कोर्ट हैं. जितने भी बड़े लोग हो या जो भी मुजरिम होंगे, सभी के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की जाएगी. कोई भी दोषी बचेगा नहीं."- प्रमोद कुमार, विधि मंत्री, बिहार

बता दें कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को झटका देते हुए मद्य निषेध कानून में दी गई जमानत के खिलाफ दायर अनेक याचिकाओं को खारिज कर दिया था. जमानत याचिकाओं के खिलाफ सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने कहा कि, बिहार के इस कानून ने अदालतों पर बहुत बोझ डाला है. आए दिन मद्य निषेध कानून, 2016 के तहत याचिकाएं दायर होती हैं. इस कानून के तहत 10 साल की सजा का प्रावधान है.

यह भी पढ़ें- शराबबंदी पर बिहार सरकार को 'सुप्रीम' फटकार, कहा- 'कोर्ट सिर्फ इसलिए जमानत ना दे क्योंकि आपने कानून बना दिया'

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश कहा, ''पटना हाईकोर्ट में रोज अनेक ऐसी याचिकाएं आती हैं और वहां इन्हें सूचीबद्ध होने में एक साल तक का समय लग रहा है. हमें बताया गया है कि पटना हाईकोर्ट में 10–15 जज रोजाना ऐसी याचिकाएं सुन रहे हैं'' ऐसे में बिहार में 71 स्पशल कोर्टों में अब शराबबंदी कानून से संबंधित मामलों का जल्द से जल्द निपटारा किया जाएगा, ताकि दोषियों को जल्द से जल्द सजा दी जा सकी.

ऐसी ही विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.