नई दिल्ली: हाल में ही केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय (Ministry of Food Processing) की बागडोर संभालने वाले मंत्री पशुपति पारस (Minister Pashupati Paras) ने अपने विभाग की उपलब्धियों और योजनाओं के बारे में विस्तृत बातचीत की. उन्होंने कहा कि मेरा मंत्रालय किसानों से जुड़ा हुआ है. किसान खेत में अनाज पैदा करते हैं. उनको इसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता है. फसल सस्ते दामों पर बिक जाती है. पारस ने कहा कि उनका लक्ष्य किसानों की आय दोगुनी करना है. इसके साथ ही अनाज, फल आदि की बर्बादी भी रोकनी है. उन्होंने कहा कि 22 मेगा फूड पार्कों (Mega Food Parks) से 6.50 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है.
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भविष्य की योजनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि फल एवं सब्जियों के प्रसंस्करण स्तर को बढ़ाने पर जोड़ दिया जायेगा. देश में 22 मेगा Food पार्क चल रहे हैं. मेगा फूड पार्क में किसानों द्वारा उत्पादन के बाद फसलों के भंडारण और प्रोसेसिंग से लेकर बाजार तक आपूर्ति करने की व्यवस्था है. किसानों को उनकी उपज की सही कीमत मिले और उनके प्रोडक्ट की प्रोसेसिंग कर बाजार उपलब्ध कराए जा सके, इसी उद्देश्य के साथ इसकी शुरुआत की गई है.
मंत्री ने कहा कि कुल 38 फूड पार्क को स्वीकृति मिली थी. इसमें एक मेरे अपने जिले बिहार के खगड़िया में भी है. हमारी कोशिश है कि शेष फूड पार्कों को सुचारू रूप से जल्द शुरू किया जाये ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सके.
मेगा फूड पार्क योजना का मकसद किसानों, प्रसंस्करणकर्ताओं एवं खुदरा विक्रेताओं को एक साथ लाते हुए कृषि उत्पादन को बाजार से जोड़ने के लिए एक तंत्र उपलब्ध कराना है. जिससे मूल्य वृद्धि को अधिकतम एवं बर्बादी को न्यूनतम किया जाए.
उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश निजी क्षेत्र की कंपनियों की भागीदारी से खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा देना है. बता दें कि निजी क्षेत्र द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग शुरू करने के लिए 792 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है. इसके लिए 5792 करोड़ रुपए की सहायता अनुदान स्वीकृत है.