पटना: बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन (Road Construction Minister Nitin Naveen) दो दिवसीय कर्नाटक (Karnataka) दौरे पर हैं. आज उनके दौरे का दूसरा दिन है. आज भी उनके बेंगलुरु में कई कार्यक्रम हैं. पथ निर्माण मंत्री की यात्रा का उद्देश्य कर्नाटक राज्य के सड़क निर्माण में Best Practices को समझना है. इस दौरान उन्होंने कर्नाटक सरकार के पीडब्लूडी (PWD) के मंत्री सीसी पाटिल से भी मुलाकात की.
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इससे पहले शुक्रवार को हुई बैठक में कर्नाटक के मंत्री के अतिरिक्त पीडब्लूडी विभाग के सचिव, मुख्य अभियंता, पीडब्लूडी एवं वरिष्ठ अभियंताओं के साथ-साथ बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (Bihar State Road Development Corporation Limited) के मुख्य महाप्रबंधक संजय कुमार भी शामिल हुए. इस बैठक में हाइब्रिड एन्यूइटी मॉडल (Hybrid Annuity Model), पीपी मॉडल (PPP Model) और व्यवसायिक ऋण पर विस्तृत चर्चा की गई.
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बैठक में कर्नाटक रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा बनाये जा रहे 4/6 लेन पथों और इसके वित्तीय संपोषण के बारे में विस्तार से बताया गया. इसके साथ ही नई तकनीक के माध्यम से किस प्रकार प्रोग्रामिंग, योजना, बजट आदि का ध्यान रखा जाता है, इन सभी के बारे में चर्चा की गई. साथ ही यह भी बताया गया कि कर्नाटक राज्य में वर्ष 2020-21 कोर रोड नेटवर्क (Core Road Network) के अंतर्गत 36120 किमी सड़क का चयन किया गया है.
पथ निर्माण मंत्री के द्वारा बिहार में पथों के विकास के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया. बैठक के अंत में नवीन ने कर्नाटक मंत्री को बिहार आने का न्योता दिया और बिहार के पथों के विकास को देखने के लिए आमंत्रित किया. उन्होंने बताया कि बिहार केन्द्र प्रायोजित कार्यक्रम के क्रियान्वयन में भारत में चौथे नंबर पर है.
पथ निर्माण मंत्री ने बताया कि बिहार राज्य की भौगोलिक स्थिति ऐसी है, जहां गंगा नदी इसे उत्तर और दक्षिण भाग में बांटती है. अगले चार वर्षों में प्रत्येक 40 किमी पर गंगा के उपर पुल तैयार हो जाएगा. सड़कों के निर्माण में औद्योगिक कलस्टर को जोड़ने और प्राचीन धरोहरों एवं सांस्कृतिक स्थल को जोड़ने के लिए विस्तृत परियोजना पर काम चल रहा है. रोड मास्टर प्लान के तहत अगले 20 वर्षों में सड़कों और पुलों का निर्माण कराया जाएगा.
बिहार सरकार के सात निश्चय भाग-2 में 'सुलभ संपर्कता घटक' के अंतर्गत राज्य के सभी पथों में जाम होने वाले स्थलों को चिन्हित किया गया है. प्रारंभिक तौर पर ऐसे 120 स्थल चिन्हित किए गए हैं. इन स्थानों पर बाईपास पथों के निर्माण की योजना पर कार्य किया जा रहा है. इससे जाम से छुटकारा मिलेगा और आवागमन में लगने वाले समय में कमी होगी. साथ ही साथ यातायात सुगम और सुरक्षित हो सकेगा.