पटना: जातिगत जनगणना (Cast Census) और जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे पर बिहार में भाजपा और जेडीयू के बीच विवाद गहराता जा रहा है. भाजपा नेता जनसंख्या नियंत्रण कानून (Population Control Law) को अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं. भाजपा नेता और बिहार सरकार के मंत्री नीरज बबलू (Minister Neeraj kumar bablu) ने कहा कि जातिगत जनगणना से ज्यादा जरूरी जनसंख्या नियंत्रण है. इस दौरान विवादास्पद बयान देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा ही हाल रहा तो देश अफगानिस्तान बन जाएगा.
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मेरा मानना है कि जातीय जनगणना से पहले इस राज्य में, देश में जनसंख्या विस्फोट हुआ है. इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून देश में बनना चाहिए. उसके बाद जातीय जनगणना होता रहे. धरती जनसंख्या के लोड से दबी जा रही है. जनसंख्या का यही हाल रहा तो हमारे देश में भी तालिबानी ताकतें सर उठाएगी और यहां भी अफगानिस्तान जैसा हाल हो सकता है.- नीरज कुमार बबलू, मंत्री, बिहार सरकार
जदयू राजद समेत तमाम दलों के नेता जातिगत जनगणना को लेकर आक्रमक हैं. नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव लगातार जातिगत जनगणना को लेकर तल्ख टिप्पणी कर रहे हैं. इधर भाजपा जातिगत जनगणना के बजाए जनसंख्या नियंत्रण को तवज्जो दे रही है.
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बता दें कि जातीय जनगणना की मांग देश में जोर शोर से उठ रही है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से इस मुद्दे पर मुलाकात भी की. इसमें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सहित दस दलों के 11 नेता थे. इन लोगों का कहना है कि जातीय जनगणना से सरकारी योजनाओं का लाभ गरीबों तक पहुंचेगा, उनका विकास होगा. कमजोर वर्ग की जातियों की वास्तविक संख्या के आधार पर विकास कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी.
वहीं, बीजेपी जातीय जनगणना के पक्ष में नहीं दिख रही है. भाजपा नेता जनसंख्या नियंत्रण को अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं और इसके लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने की वकालत कर रहे हैं.
बता दें कि नीतीश कुमार ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण कानून अपनी जगह है और जो राज्य इसमें कुछ करना चाहें, यह उनका अपना अधिकार है. हमलोगों ने बिहार में जनसंख्या नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए शुरू से इसका आकलन किया. अगर पत्नियां पढ़ी होंगी तो प्रजनन दर अपने आप घटेगी. हमलोग इसी पर चल रहे हैं.
दरअसल, जातिगत जनगणना को लेकर जेडीयू नेताओं के तेवर तल्ख हैं. इस मुद्दे पर पार्टी विपक्ष के साथ दिख रही है. जेडीयू का मानना है कि बिहार विधानसभा में जातिगत जनगणना को लेकर दो बार प्रस्ताव पारित हुआ है. विकास कार्यों को मूर्त रूप देने के लिए भी जातिगत जनगणना जरूरी है और इसे हर हाल में कराया जाना चाहिए. वहीं, जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी जेडीयू भाजपा के साथ खड़ी नहीं है. पार्टी का मानना है कि कानून बनाने के बजाय लोगों को जागरूक और शिक्षित कर जनसंख्या नियंत्रण की जानी चाहिए.
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