पटना: बिहार में बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर स्वास्थ्य विभाग (Health Department) तक पर है. सूबे के ऐसे बच्चे जिनके दिल में जन्म से ही छेद हो उसके इलाज को लेकर सरकार द्वारा बाल हृदय योजना (Bal Hriday Yojana) चलाई जा रही है. इस योजना के तहत प्रति माह दो से तीन बैच बिहार से गुजरात के अहमदाबाद भेजे जा रहे है. वहीं, इस माह 19 बच्चों को अगले बैच में भेजने की व्यवस्था है. यह जानकारी बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय (Health Minister Mangal Pandey) ने दी है.
यह भी पढ़ें - मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत बिहार के 5 बच्चों को मिलेगी नई जिंदगी, अहमदाबाद में होगा ऑपरेशन
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार सरकार की बाल हृदय योजना बच्चों के लिए वरदान साबित होने लगी है. इस योजना के तहत हृदय रोगों की मुफ्त जांच और इलाज हो रही है. उन्होंने कहा कि योजना से कम आय वाले परिवारों की उम्मीदें बढ़ी हैं. हर माह दो से तीन बार बच्चों को सामूहिक इलाज के लिए गुजरात के अहमदाबाद शहर में भेजने की प्रक्रिया जारी है. इस योजना की शुरुआत 1 अप्रेल 2021 से हुई है. उस वक्त से लेकर अब तक राज्य के 208 हृदय रोगों से ग्रस्त बच्चों का सफल ऑपरेशन हुआ. 19 बच्चों को इस माह 8 नवंबर को भेजने की योजना है.
मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि बीमारी से बचाने के लिए स्क्रीनिंग के दौरान इलाज की आवश्यकता का पता चलता है. यदि केवल दवा के सहयोग से बच्चे की बीमारी दूर की जा सकती है, तो उसे किया जाता है. छोटी सर्जरी से यदि बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है, तो उसकी व्यवस्था राज्य में भी की जाती है. पूरी जांच प्रक्रिया के बाद बच्चों को गंभीर अवस्था में अहमदाबाद भेजा जाता है.
मंंत्री ने कहा कि इस साल सबसे पहला बैच 2 अप्रैल को भेजा गया, जिसमें कुल 21 बच्चे इलाज के लिए रवाना हुए. दूसरा बैच 8 जुलाई को गया, जिसमें 16 बच्चे भेजे गये. तीसरा बैच 16 जुलाई को गया, जिसमें 18 बच्चे गये. चौथा बैच 29 जुलाई को रवाना हुआ, उसमें 21 बच्चे गये. पांचवा बैच 11 अगस्त को गया, जिसमें 26 बच्चे गये. छठा बैच 26 अगस्त को 28 बच्चे गये. सातवां बैच 10 सितंबर को रवाना किया गया, जिसमें 21 बच्चे गये. आठवां बैच 23 सितंबर को 20 बच्चों के साथ भेजा गया. नौवां बैच 2 अक्टूबर को 16 बच्चे गये. दसवां बैच 21 बच्चों को लेकर 23 अक्टूबर को रवाना हुआ. इस माह ग्यारवां बैच रवाना किया जाएगा. इस बैच में 19 बच्चे भेजे जाएंगे.
मंत्री ने कहा कि जागरूक होकर 18 वर्ष तक के आयु वाले बच्चों और किशोरों को हृदय रोग से बचाया जा सकता है. राज्य में अभी आईजीआईएमएस और आईजीआईसी में संचालित होने वाले कैंप में इन रोगों की पहचान की जा रही है. जहां से उनकी स्क्रीनिंग कर इलाज के लिए भेजने की प्रक्रिया की जाती है. अहमदाबाद भेजने से पूर्व वहां के शल्य चिकित्सक उनकी जांच करते हैं. हर माह दो से तीन बैच भेजने की व्यवस्था की गयी है. बच्चों के रोगों की पहचान के लिए राज्य के सभी जिलों में चलंत चिकित्सा दल की व्यवस्था की गयी है. जो ऐसे बच्चों की पहचान कर उन्हें स्क्रीनिंग के लिए लाते हैं.
यह भी पढ़ें -
बिहार में कोरोना वैक्सीनेशन का आंकड़ा 7 करोड़ पार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बतायी बड़ी उपलब्धि
बाल हृदय योजना के तहत 21 बच्चें भेजे गया अहमदाबाद, बिहार सरकार फ्री में करायेगी इलाज
उपचुनाव के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने दी प्रतिक्रिया, कहा- अब कभी सत्ता में नहीं आ सकेगी राजद