पटना: मंगलवार को राजधानी के कंकड़बाग इलाके में इंदिरा आईवीएफ के नए सेंटर की शुरुआत की गई. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने इस सेंटर का उद्घाटन किया. मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि आईवीएफ वह टेक्नोलॉजी है, जिसके माध्यम से निसंतान दंपत्तियों को संतान हो इसका प्रयास किया जाता है.
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि इंदिरा आईवीएफ की कोशिश सराहनीय है. उन्होंने बताया कि पूरे देश में आईवीएफ के 86 केंद्र हैं. जिसमें बिहार में यह छठा केंद्र खोला गया है. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि इस टेक्नोलॉजी में सफलता मिल रही है.
विशेषज्ञ ने दी जानकारी
इंदिरा आईवीएफ बिहार के प्रमुख भ्रूण विशेषज्ञ डॉक्टर दयानिधि कुमार ने बताया कि कंकड़बाग इलाके में नया सेंटर खुलने से इस इलाके के लोगों को काफी फायदा होगा. उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में हर 6 में से 1 दंपत्ति को बांझपन की शिकायत है. अब बांझपन लाइलाज बीमारी नहीं रही, आईवीएफ तकनीक के माध्यम से इसे ठीक किया जा रहा है. ताकि हर दंपत्ति को संतान का सुख मिल सके. उन्होंने बताया कि अब तक इंदिरा आईवीएफ में 56 हजार से ज्यादा दंपत्ति को संतान सुख दिलाया है.
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क्या है आईवीएफ?
आईवीएफ यानी इन विट्रो फर्टिलाइजेशन गर्भधारण करवाने की एक कृत्रिम प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया से जन्म लिए बच्चे को टेस्ट ट्यूब बेबी (परखनली शिशु) भी कहा जाता है. यह तकनीक उन महिलाओं के लिए विकसित की गई है, जो किन्हीं कारणवश गर्भधारण नहीं कर पाती हैं. यही कारण है कि आईवीएफ के केंद्र लगातार खुल रहे हैं और लोग इस प्रक्रिया का फायदा उठा पा रहे हैं.