पटनाः बिहार में चुनाव नजदीक है. विधानसभा के 243 सीटों में से 40 सीट दलितों के लिए आरक्षित हैं. पूरे प्रदेश में कई सीटों पर दलित वोटर हार जीत का फैसला तय करते रहे हैं. इसे देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नजर दलित वोट बैंक पर है. उन्होंने महादलित को लेकर कई बड़े फैसले भी लिए हैं. जेडीयू मंत्री महेश्वर हजारी ने कहा कि नीतीश कुमार सबसे बड़े दलित प्रेमी हैं.
'नीतीश कुमार ने किया सबसे ज्यादा काम'
जेडीयू मंत्री महेश्वर हजारी के आवास पर सोमवार को सभी दलित मंत्री और विधायक की महत्वपूर्ण बैठक हुई. जहां महेश्वर हजारी ने कहा कि नीतीश कुमार ने दलित समाज के लिए सबसे ज्यादा काम किया है. एससी-एसटी समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. उन्होंने कहा कि 2005 में सत्ता में आने के बाद नीतीश कुमार ने संविधान में एससी-एसटी को बाबा साहब ने जो अधिकार दिए उसे जमीन पर उतारने का काम किया है.
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दलितों के नरसंहार
महेश्वर हजारी ने बताया कि बैठक में समाज में आ रही परेशानियों के निदान की समीक्षा की गई. उन्होंने कहा कि अभी हाल में महादलित समाज के सदस्य की हत्या होने पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी दिए जाने का फैसला हुआ है. इसका लाभ मिलेगा. हालांकि, 2005 से पहले दलितों के नरसंहार होते थे जो अब बंद हो गए हैं.
26 सितंबर को होगी अगली बैठक
दलित नेताओं की अगली बैठक की 26 सितंबर को होगी. दलितों की बैठक श्याम रजक ने शुरू की थी. इसमें सभी दलों के दलित नेता शामिल होते थे, लेकिन आरजेडी ने खुद को इससे अलग कर लिया है. श्याम रजक के आरजेडी में शामिल होने से जेडीयू को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव दलित वोट पर असर पड़ने का डर है.