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RJD-JDU पर मंत्री जनक चमार का हमला, कहा- सिर्फ वोट बैंक के लिए हो रही जातीय जनगणना की मांग

बिहार सरकार के खान एवं भूतत्व मंत्री व वरिष्ठ बीजेपी नेता जनक चमार ने कहा कि जातीय जनगणना की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि जातिगत जनगणना (Caste Census) की आड़ में राजनीति की जा रही है.

Caste Census
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Published : Aug 3, 2021, 10:33 PM IST

नई दिल्ली/पटना: देशभर के साथ ही बिहार में भी जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. वहीं बिहार सरकार (Bihar Government) में मंत्री एवं वरिष्ठ बीजेपी नेता जनक चमार (Minister Janak Chamar) ने दिल्ली में ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जातीय जनगणना की कोई जरूरत नहीं है.

यह भी पढ़ें- ...तो इसलिए हो रही है 'जातिगत जनगणना' की मांग! किसे होगा नफा, कौन उठाएगा नुकसान.. जानिए सब कुछ

खान एवं भूतत्व मंत्री जनक चमार ने कहा कि जो भी लोग जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. वह लोग अपनी पार्टी में सिर्फ अपने ही जाति के लोगों को टिकट देते हैं. अगर सभी जातियों की इतनी चिंता है तो सभी जातियों को टिकट दें. उन्होंने कहा कि जो भी सियासी दल एवं नेता जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग कर रहे हैं उन लोगों ने हमेशा दलित, पिछड़ों, अकलियत को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है.

देखें वीडियो

'केंद्र की मोदी सरकार हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. संगठन से लेकर सरकार तक में सभी वर्गों की भागीदारी है. अभी जो केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है उसमें हर वर्ग के लोगों को जगह मिली है. अपने आप में दिखाता है कि मोदी सरकार सबको साथ लेकर चल रही है.'- जनक चमार, खान एवं भूतत्व मंत्री, बिहार

बता दें जातीय जनगणना को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेर रहा है. वहीं एनडीए में शामिल जदयू एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा इसकी मांग की है. नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar)और जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) ने जातीय जनगणना कराने की मांग की है.

केंद्र सरकार जातीय जनगणना के लिए तैयार नहीं है. सरकार का कहना है कि 2021 में जनगणना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों की गणना कराई जाएगी. जानकारों का तर्क है की जातीय जनगणना होगा तो जिनकी संख्या कम होगी वह अपनी संख्या बढ़ाने में लग जाएंगे. ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण नहीं हो पाएगा. जिनकी संख्या ज्यादा रहेगी वह नये सिरे से आरक्षण की मांग करेंगे.

वहीं बीजेपी पर यह आरोप लग रहे हैं कि बीजेपी इसलिए जाति जनगणना नहीं करना चाहती क्योंकि बीजेपी की सियासत हिंदुत्व पर टिकी है. अगर हिंदू समाज जातियों के आधार पर बंट गया तो बीजेपी को भारी नुकसान हो सकता है.

यह भी पढ़ें- नीतीश का BJP को जवाब- 'जातीय जनगणना से समाज में विभेद की बात गलत, पूछा- ...तब क्यों किया था समर्थन?'

यह भी पढ़ें- बीजेपी विधायक का नीतीश को जवाब- नहीं होगी जातीगत जनगणना

यह भी पढ़ें- जातिगत जनगणना पर रार! BJP और JDU में राजनीतिक हितों को लेकर टकराव

नई दिल्ली/पटना: देशभर के साथ ही बिहार में भी जातीय जनगणना (Caste Census) को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है. वहीं बिहार सरकार (Bihar Government) में मंत्री एवं वरिष्ठ बीजेपी नेता जनक चमार (Minister Janak Chamar) ने दिल्ली में ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि जातीय जनगणना की कोई जरूरत नहीं है.

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खान एवं भूतत्व मंत्री जनक चमार ने कहा कि जो भी लोग जातीय जनगणना की मांग कर रहे हैं. वह लोग अपनी पार्टी में सिर्फ अपने ही जाति के लोगों को टिकट देते हैं. अगर सभी जातियों की इतनी चिंता है तो सभी जातियों को टिकट दें. उन्होंने कहा कि जो भी सियासी दल एवं नेता जातीय जनगणना (Caste Census) की मांग कर रहे हैं उन लोगों ने हमेशा दलित, पिछड़ों, अकलियत को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है.

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'केंद्र की मोदी सरकार हर वर्ग के लोगों का विशेष ख्याल रख रही है. संगठन से लेकर सरकार तक में सभी वर्गों की भागीदारी है. अभी जो केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ है उसमें हर वर्ग के लोगों को जगह मिली है. अपने आप में दिखाता है कि मोदी सरकार सबको साथ लेकर चल रही है.'- जनक चमार, खान एवं भूतत्व मंत्री, बिहार

बता दें जातीय जनगणना को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को घेर रहा है. वहीं एनडीए में शामिल जदयू एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा इसकी मांग की है. नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar)और जीतनराम मांझी (Jitanram Manjhi) ने जातीय जनगणना कराने की मांग की है.

केंद्र सरकार जातीय जनगणना के लिए तैयार नहीं है. सरकार का कहना है कि 2021 में जनगणना में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों की गणना कराई जाएगी. जानकारों का तर्क है की जातीय जनगणना होगा तो जिनकी संख्या कम होगी वह अपनी संख्या बढ़ाने में लग जाएंगे. ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण नहीं हो पाएगा. जिनकी संख्या ज्यादा रहेगी वह नये सिरे से आरक्षण की मांग करेंगे.

वहीं बीजेपी पर यह आरोप लग रहे हैं कि बीजेपी इसलिए जाति जनगणना नहीं करना चाहती क्योंकि बीजेपी की सियासत हिंदुत्व पर टिकी है. अगर हिंदू समाज जातियों के आधार पर बंट गया तो बीजेपी को भारी नुकसान हो सकता है.

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