ETV Bharat / state

बाढ़ के कारण पशुओं को नहीं मिल रहा चारा, दूध उत्पादन में आई कमी - बाढ़ के चलते दूध उत्पादन में कमी

बाढ़ के चलते इंसान ही नहीं पशुओं को भी परेशानी झेलनी पड़ रही है. पशु पालक मवेशियों को पर्याप्त मात्रा में चारा नहीं दे पा रहे हैं. इसके चलते दूध उत्पादन में भी कमी आ गई है. पढ़ें पूरी खबर...

Cattle
मवेशी
author img

By

Published : Aug 20, 2021, 8:29 PM IST

पटना: इन दिनों प्रदेश के कई जिले बाढ़ (Bihar Flood) से प्रभावित हैं. नदियों के उफनते ही बाजार में दूध की सप्लाई कम हो गई है. बाढ़ प्रभावित जिलों में दूध के उत्पादन में करीब 20 फीसदी की कमी आई है. कलेक्शन में भी 30 फीसदी की कमी आई है.

यह भी पढ़ें- गंगा बहा ले गयी पटना दियारा के दूध की कमाई, पटना में बढ़ गयी महंगाई

बाढ़ प्रभावित इलाके में पशुओं को चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. हरा चारा डूब गया है और सूखा चारा भी पानी में भींग गया है. ऐसे में पशुओं को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है. इसके कारण दूध उत्पादन में कमी आई है. हरे चारा की कमी की भरपाई किसान पशु आहार से कर रहे हैं. इसके चलते उनका खर्च बढ़ गया है. चारा की कीमत भी बढ़ गई है, जिससे पशु पालकों की परेशानी बढ़ गई है.

देखें रिपोर्ट

पहले चारा 500 रुपये प्रति क्विंटल था. बाढ़ के चलते यह अब 1000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. इसके कारण पशुपालक मवेशियों को भरपेट चारा नहीं खिला पा रहे हैं. सरकार की तरफ से बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने और पशुओं के लिए चारा देने के लिए इंतजाम किए गए हैं, लेकिन पशु पालक इससे खुश नहीं हैं. एक पशु के लिए 5 किलोग्राम चारा उपलब्ध कराया जा रहा है. पशु पालकों का कहना है कि सरकार का यह प्रयास नकाफी है.

"पहले प्रतिदिन 17 लाख लीटर दूध संग्रह किया जाता था. वर्तमान में 15 लाख लीटर दूध ही संग्रह हो पा रहा है. रक्षाबंधन पर्व के कारण दूध की खपत काफी बढ़ जाती है. वर्तमान में कई जिलों में बाढ़ के कारण आवागमन बंद है. इसके चलते दूध संग्रह में भी काफी दिक्कत हो रही है. राजधानी पटना में रोज 5 लाख लीटर से अधिक दूध की खपत होती है. पर्व के समय खपत बढ़ जाती है. इन दिनों 2-3 लाख लीटर दूध की ही आपूर्ति हो पा रही है."- राजीव वर्मा, एमडी, कंफेड

"बाढ़ और बारिश में हम लोगों के साथ-साथ पशुओं को भी काफी दिक्कत होती है. पशुओं को भरपेट चारा नहीं मिल पाता है. इस कारण दूध कम हो जाता है. जो पशु पहले 10 लीटर दूध देती थी वह इन दिनों 4 से 5 लीटर दूध दे रही है."- रमन राय, पशुपालक

"बाढ़ के समय हर साल पशुओं को काफी दिक्कत होती है. पशुओं को हरा घास नहीं मिल पाता है. बाढ़ के कारण हम लोग दाना और चारा पर्याप्त मात्रा में नहीं दे पाते हैं. इस कारण से मवेशी दूध देना कम कर देते हैं. बरसात के दिनों में हरे चारे की किल्लत सबसे अधिक होती है. नदियों के जलस्तर बढ़ने के साथ ही खेतों में पानी प्रवेश कर जाता है."- अवध राय, पशुपालक

यह भी पढ़ें- गुस्से में राबड़ी आवास से निकले तेज प्रताप यादव, संजय यादव पर लगाया बड़ा आरोप

पटना: इन दिनों प्रदेश के कई जिले बाढ़ (Bihar Flood) से प्रभावित हैं. नदियों के उफनते ही बाजार में दूध की सप्लाई कम हो गई है. बाढ़ प्रभावित जिलों में दूध के उत्पादन में करीब 20 फीसदी की कमी आई है. कलेक्शन में भी 30 फीसदी की कमी आई है.

यह भी पढ़ें- गंगा बहा ले गयी पटना दियारा के दूध की कमाई, पटना में बढ़ गयी महंगाई

बाढ़ प्रभावित इलाके में पशुओं को चारा उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. हरा चारा डूब गया है और सूखा चारा भी पानी में भींग गया है. ऐसे में पशुओं को भरपेट भोजन नहीं मिल पा रहा है. इसके कारण दूध उत्पादन में कमी आई है. हरे चारा की कमी की भरपाई किसान पशु आहार से कर रहे हैं. इसके चलते उनका खर्च बढ़ गया है. चारा की कीमत भी बढ़ गई है, जिससे पशु पालकों की परेशानी बढ़ गई है.

देखें रिपोर्ट

पहले चारा 500 रुपये प्रति क्विंटल था. बाढ़ के चलते यह अब 1000 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है. इसके कारण पशुपालक मवेशियों को भरपेट चारा नहीं खिला पा रहे हैं. सरकार की तरफ से बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने और पशुओं के लिए चारा देने के लिए इंतजाम किए गए हैं, लेकिन पशु पालक इससे खुश नहीं हैं. एक पशु के लिए 5 किलोग्राम चारा उपलब्ध कराया जा रहा है. पशु पालकों का कहना है कि सरकार का यह प्रयास नकाफी है.

"पहले प्रतिदिन 17 लाख लीटर दूध संग्रह किया जाता था. वर्तमान में 15 लाख लीटर दूध ही संग्रह हो पा रहा है. रक्षाबंधन पर्व के कारण दूध की खपत काफी बढ़ जाती है. वर्तमान में कई जिलों में बाढ़ के कारण आवागमन बंद है. इसके चलते दूध संग्रह में भी काफी दिक्कत हो रही है. राजधानी पटना में रोज 5 लाख लीटर से अधिक दूध की खपत होती है. पर्व के समय खपत बढ़ जाती है. इन दिनों 2-3 लाख लीटर दूध की ही आपूर्ति हो पा रही है."- राजीव वर्मा, एमडी, कंफेड

"बाढ़ और बारिश में हम लोगों के साथ-साथ पशुओं को भी काफी दिक्कत होती है. पशुओं को भरपेट चारा नहीं मिल पाता है. इस कारण दूध कम हो जाता है. जो पशु पहले 10 लीटर दूध देती थी वह इन दिनों 4 से 5 लीटर दूध दे रही है."- रमन राय, पशुपालक

"बाढ़ के समय हर साल पशुओं को काफी दिक्कत होती है. पशुओं को हरा घास नहीं मिल पाता है. बाढ़ के कारण हम लोग दाना और चारा पर्याप्त मात्रा में नहीं दे पाते हैं. इस कारण से मवेशी दूध देना कम कर देते हैं. बरसात के दिनों में हरे चारे की किल्लत सबसे अधिक होती है. नदियों के जलस्तर बढ़ने के साथ ही खेतों में पानी प्रवेश कर जाता है."- अवध राय, पशुपालक

यह भी पढ़ें- गुस्से में राबड़ी आवास से निकले तेज प्रताप यादव, संजय यादव पर लगाया बड़ा आरोप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.