पटना: मुम्बई, पुणे, कोलकाता, अहमदाबाद और दिल्ली जैसे 11 शहरों को छोड़ शेष अन्य शहरों से आने वाले प्रवासी होम क्वारंटीन में रखे जा रहे हैं. अब सरकार ने फैसला लिया है कि हाेम क्वारंटीन में रहने वाले प्रवासियों की अगले 14 दिनों तक रोज जांच की जाएगी. यदि इस दौरान किसी में कोरोना का लक्षण मिला, तो उनके सैंपल लेकर संक्रमण की पुष्टि कराई जाएगी. पॉजिटिव रिपोर्ट आने पर इलाज के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा.
स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में सभी जिलाधिकारियों और सिविल सर्जनाें को आवश्यक हिदायतें दी हैं. सरकार ने ये कदम प्रवासियों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उठाया है. राज्य में अभी कोरोना के कुल 2643 मामले हैं. इनमें एक्टिव मामलों की संख्या 1928 है. एक्टिव मामलों में अकेले प्रवसियों के संख्या 1731 है.
पल्स पोलियो की तर्ज पर होगी जांच
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव उदय सिंह कुमावत ने जारी पत्र में कहा है कि सिविल सर्जन, जिला प्रशासन से समन्वय कर हाेम क्वारंटीन किए गए लोगों की प्रखंडवार सूची प्राप्त कर लें. सूची के आधार पर पोलियो पर्यवेक्षक अगले 14 दिन तक रोज संबंधित व्यक्ति के घर जाएंगे और प्रवासी की जांच करेंगे. प्रवासियों के घर पर होम क्वारंटीन का पोस्टर भी लगाया जाएगा.
'सर्दी खांसी या बुखार तो अस्पताल भेजें'
प्रधान सचिव ने कहा है कि 14 दिनों तक नियमित चलने वाली जांच में यदि प्रवासी में बुखार, सर्दी या खांसी के संकेत मिलते हैं तो उन्हें तत्काल कोविड-19 के नियमों के तहत अस्पताल में भर्ती कराकर इलाज की व्यवस्था कराएं. जिलाधिकारियाें से कहा गया है कि 31 मई तक रोज प्रवासी की सूची अपडेट करें ताकि जो नए व्यक्ति आए हैं उनकी जानकारी भी सूची में दर्ज रहे.
जांच में जो प्रवासी संदिग्ध पाए जाएंगे उनकी जानकारी अनिवार्य रूप से कोविड-19 पोर्टल बिहार पर अपलाेड की जाएगी. प्रधान सचिव ने इस कार्य के लिए जो टीम बनाई है उसमें सिविल सर्जन, अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, माॅनिटिरिंग अफसर और डेटा इंट्री ऑपरेटर शामिल हैं.