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बाहर निकलने का एक ही रास्ता था और शटर भी बंद था, मजदूर आग से बचने के लिए इधर-उधर भागते रहे लेकिन नहीं बच सकी जान - सिकंदराबाद में भीषण आग

आग लगने की घटना सुबह करीब चार बजे हुई. माना जाता है कि जैसे ही आग की तपन उनके शरीर तक पहुंची, सभी लोग जान बचाने के लिए यहां-वहां भागते रहे, चीखते रहे, मदद की गुहार लगाते रहे लेकिन जिस रास्ते से उनकी जान बच सकती थी वो रास्ता ही बंद था. उनमें से एक मजदूर किसी तरह वहां से निकलने में कामयाब हो गया. बाकी 11 मजदूरों की मौत (11 Labor Died in Secunderabad) हो गई.

बिहार के 11 मजदूरों की झुलसकर मौत
बिहार के 11 मजदूरों की झुलसकर मौत
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Published : Mar 23, 2022, 7:27 PM IST

हैदराबाद/पटना: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से सटे सिकंदराबाद में भीषण अग्निकांड (Major fire in Secunderabad) हुआ है. लकड़ी और कबाड़ की दुकान में भीषण आग लगने से बिहार के 11 लोगों की मौत (11 Labor Died in Secunderabad) हुई है. मरने वालों में 8 छपरा और 3 कटिहार जिले के रहने वाले थे. बताया जाता है कि जिस कमरे में ये लोग मौजूद थे, वहां शवों का ढेर लग गया था. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि श्रमिकों ने भागने की कोशिश की, लेकिन सांस के साथ धुआं अंदर चले जाने के बाद वे बेहोश हो गए. श्रमिक खुद को नहीं बचा सके, क्योंकि वहां केवल एक ही सीढ़ी थी.

ये भी पढ़ें: हैदराबाद अग्निकांड : बिहार में मचा कोहराम, उजड़ गए 11 घर.. जब आई मौत की खबर

बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता: बताया जाता है कि सभी मजदूर मेहनत मजदूरी करके रात को सोए ही थे लेकिन उनके नसीब में आज का सुबह देखना नहीं लिखा था. दर्दनाक हादसे ने उन्हें मौत की नींद में सुला दिया. हादसे की कहानी रुला देने वाली है. मध्य क्षेत्र के डीसीपी एम राजेश चंद्रा ने बताया कि मजदूरों के बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता भूतल में कबाड़ की दुकान के माध्यम से था और इसका शटर दुर्भाग्यवश बंद था. सभी मजदूर आग से बचने के लिए इधर-उधर भागते रहे होंगे लेकिन उनके लिए जान बचाने का कोई विकल्प ही नहीं रहा होगा और सबकी जान चली गयी.

कमरे में शवों का ढेर: शुरुआती जांच के आधार पर दमकल विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आग कबाड़ के गोदाम से शुरू हुई और ऊपर के कमरे में फैल गई. ऐसा लगता है कि मजदूरों ने भागने की कोशिश की, लेकिन घने धुएं में सांस लेने के बाद जल्द ही बेहोश हो गए. एक अधिकारी ने कहा कि यह एक दिल दहला देने वाला दृश्य था, क्योंकि शव पहचाने नहीं जा रहे थे. शवों के ढेर लग गए थे. साफ है कि वे धुएं में गिर गए थे और बेहोश हो गए होंगे. शुरुआती जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है.

मजदूरों के शव घर लाए जाएंगे: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इस घटना पर शोक जताते हुए कहा कि बिहार के प्रवासी मजदूरों के शव उनके घर तक मंगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि तेलंगाना की सरकार की मदद से सभी मजदूरों के शवों को बिहार लाया जाएगा. इस दिशा में कोशिश शुरू कर दी गई है. अधिकारियों को ये निर्देश दिया गया है कि मृतकों के शवों को हैदराबाद से बिहार मंगाया जाए.

सीएम नीतीश ने किया मुआवजे का ऐलान: इस हृदय विदारक घटना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख जताया है. उन्होंने कहा, 'यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख देने का ऐलान किया गया है. वहां की सरकार ने पांच लाख देने का ऐलान किया है. जो भी बिहार सरकार को करना होगा, वह किया जाएगा. हमारे अधिकारी हैदराबाद के अधिकारियों के संपर्क में हैं और जो भी जरूरत होगी परिजनों को सहायता पहुंचाई जाएगी.'

5-5 लाख देगी तेलंगाना सरकार: तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने आग की घटना में बिहार के मजदूरों की मौत पर दुख जताया. उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है. साथ ही सभी मजदूरों के शवों को बिहार भेजने की व्यवस्था करने के भी आदेश दिए हैं. शव बुरी तरह से जल गए हैं. ऐसे में उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. तेलंगाना के मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने घटनास्थल का जायजा किया. उन्होंने डिपो प्रबंधन और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों से हादसे के बारे में जानकारी ली. मंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने मृतक के परिवारों को मदद करने का आश्वासन भी दिया.

ये भी पढ़ें: बिहार लाए जाएंगे मजदूरों के शव, नीतीश कुमार ने पीड़ित परिवारों को मदद का दिया भरोसा

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हैदराबाद/पटना: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से सटे सिकंदराबाद में भीषण अग्निकांड (Major fire in Secunderabad) हुआ है. लकड़ी और कबाड़ की दुकान में भीषण आग लगने से बिहार के 11 लोगों की मौत (11 Labor Died in Secunderabad) हुई है. मरने वालों में 8 छपरा और 3 कटिहार जिले के रहने वाले थे. बताया जाता है कि जिस कमरे में ये लोग मौजूद थे, वहां शवों का ढेर लग गया था. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऐसा प्रतीत होता है कि श्रमिकों ने भागने की कोशिश की, लेकिन सांस के साथ धुआं अंदर चले जाने के बाद वे बेहोश हो गए. श्रमिक खुद को नहीं बचा सके, क्योंकि वहां केवल एक ही सीढ़ी थी.

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बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता: बताया जाता है कि सभी मजदूर मेहनत मजदूरी करके रात को सोए ही थे लेकिन उनके नसीब में आज का सुबह देखना नहीं लिखा था. दर्दनाक हादसे ने उन्हें मौत की नींद में सुला दिया. हादसे की कहानी रुला देने वाली है. मध्य क्षेत्र के डीसीपी एम राजेश चंद्रा ने बताया कि मजदूरों के बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता भूतल में कबाड़ की दुकान के माध्यम से था और इसका शटर दुर्भाग्यवश बंद था. सभी मजदूर आग से बचने के लिए इधर-उधर भागते रहे होंगे लेकिन उनके लिए जान बचाने का कोई विकल्प ही नहीं रहा होगा और सबकी जान चली गयी.

कमरे में शवों का ढेर: शुरुआती जांच के आधार पर दमकल विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि आग कबाड़ के गोदाम से शुरू हुई और ऊपर के कमरे में फैल गई. ऐसा लगता है कि मजदूरों ने भागने की कोशिश की, लेकिन घने धुएं में सांस लेने के बाद जल्द ही बेहोश हो गए. एक अधिकारी ने कहा कि यह एक दिल दहला देने वाला दृश्य था, क्योंकि शव पहचाने नहीं जा रहे थे. शवों के ढेर लग गए थे. साफ है कि वे धुएं में गिर गए थे और बेहोश हो गए होंगे. शुरुआती जांच में आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट बताई जा रही है.

मजदूरों के शव घर लाए जाएंगे: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने इस घटना पर शोक जताते हुए कहा कि बिहार के प्रवासी मजदूरों के शव उनके घर तक मंगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि तेलंगाना की सरकार की मदद से सभी मजदूरों के शवों को बिहार लाया जाएगा. इस दिशा में कोशिश शुरू कर दी गई है. अधिकारियों को ये निर्देश दिया गया है कि मृतकों के शवों को हैदराबाद से बिहार मंगाया जाए.

सीएम नीतीश ने किया मुआवजे का ऐलान: इस हृदय विदारक घटना पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख जताया है. उन्होंने कहा, 'यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख देने का ऐलान किया गया है. वहां की सरकार ने पांच लाख देने का ऐलान किया है. जो भी बिहार सरकार को करना होगा, वह किया जाएगा. हमारे अधिकारी हैदराबाद के अधिकारियों के संपर्क में हैं और जो भी जरूरत होगी परिजनों को सहायता पहुंचाई जाएगी.'

5-5 लाख देगी तेलंगाना सरकार: तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव ने आग की घटना में बिहार के मजदूरों की मौत पर दुख जताया. उन्होंने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया है. साथ ही सभी मजदूरों के शवों को बिहार भेजने की व्यवस्था करने के भी आदेश दिए हैं. शव बुरी तरह से जल गए हैं. ऐसे में उनकी पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा. तेलंगाना के मंत्री तलसानी श्रीनिवास यादव ने घटनास्थल का जायजा किया. उन्होंने डिपो प्रबंधन और अग्निशमन विभाग के अधिकारियों से हादसे के बारे में जानकारी ली. मंत्री ने कहा कि उन्होंने पुलिस को हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने मृतक के परिवारों को मदद करने का आश्वासन भी दिया.

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