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राजस्थान में फंसे बिहार के 45 मजदूरों ने कांग्रेस पर लगाया वादाखिलाफी का आरोप - migrant labours of bihar stuck in Rajasthan

रैन बसेरे पर रुके मजदूरों ने बताया कि वो पैदल अपने घर को जा रहे थे. लेकिन कांग्रेस नेताओं ने फोटो खिंचवा उन्हें रैन बसेरा भेज दिया. 6 दिन हो गए हम यही रुके हुए हैं.

बिहार के मजदूर
बिहार के मजदूर
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Published : May 20, 2020, 8:39 PM IST

राजस्थान/पटना : बूंदी में बिहार के 45 मजदूरों के मामले में अब राजनीति तेज हो गई है. 6 दिन पहले कांग्रेस कार्यालय में इन बिहार के मजदूरों को कांग्रेस नेताओं ने बिहार भेजने के लिए आश्वासन दिया था और इनके साथ फोटो खिंचवाया थी. लेकिन आश्वासन के बाद भी बिहार के मजदूरों को उनके घर नहीं भेजा गया, जिससे मजदूर परेशान हैं.

देश के सभी राज्यो में मजदूरों का पलायन भी तक भी नहीं रुका है. यूपी में बसों को लेकर कांग्रेस-बीजेपी की राजनीति चल रही है. उधर कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में मजदूरों ने कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लगाए है कि उन्हें 6 दिन पहले कांग्रेस नेताओं ने बिहार जाते समय रुकवा लिया था और ये आश्वासन दिया गया था कि उन्हें वापस भेजा जाएगा. इसके साथ ही फोटो खिंचवा कर शहर के देवपुरा रैन बसरा भेज दिया गया. मजदूरों का कहना है कि इनके खाने पीने की व्यवस्था नहीं करवाई गई है. लेकिन न तो कोई गाड़ी आई, न ही कोई कांग्रेस नेता हमारे पास आए. हम यहां रुके हुए एक समय का ही खाना मिल रहा है और शाम का खाना नहीं मिल पा रहा है.

राजस्थान से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बूंदी से बिहार जाना चाहते थे 45 मजदूर
सभी मजदूर बूंदी की कृषि उपज मंडी में हम्माली का काम किया करते थे और जैसे ही लॉक डाउन लगा, तो सभी अपने गांव जाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाने लगे. लेकिन प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी. इसके बाद उन्होंने खुद ही पैदल जाना उचित समझा. ऐसे में यह मजदूर पैदल जा रहे थे, तभी कांग्रेस नेताओं ने इन्हें रोक लिया. इन मजदूरों को आजाद पार्क स्थित कांग्रेस कार्यालय में ले जाया गया. जहां पर इनकी स्क्रीनिंग करवाई गई और मेडिकल करवाने के बाद इन मजदूरों को खाना खिलाया गया. और रैन बसेरे पर यह आश्वासन देकर भेज दिया कि सभी मजदूरों को जल्द इनके गांव बिहार रवाना करवा दिया जाएगा.

एक कमरे में 45 मजदूर
एक कमरे में 45 मजदूर

जिस रैन बसेरे में मजदूर रुके हैं, उसके पुरुष कक्ष में केवल 10 बेड लगे हुए हैं और यहां 45 मजदूर रुके हैं. मजदूरों की संख्या ज्यादा है लिहाजा, सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ रही हैं. लेकिन ये मजदूर क्या करें और अपनी मजबूरी किसे बताएं.

रैन बसेरे में मजदूर
रैन बसेरे में मजदूर

बीजेपी नेता ने सुना मजदूरों का दर्द
6 दिनों से किए गए घर जाने की आस में लगाए बैठे मजदूरों के पास बीजेपी नेता निर्मल मालव पहुंचे और इन मजदूरों से बात की तो मजदूरों ने अपना दर्द बीजेपी नेता निर्मल मालव को बताया. मीडिया से बात करते हुए बीजेपी नेता निर्मल मालव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस मजदूरों के साथ राजनीति कर रही है उनके साथ फोटो की राजनीति कर रही है.

कैसे रखें सोशल डिस्टेंसिंग
कैसे रखें सोशल डिस्टेंसिंग

जल्द भेजा जाएगा घर- बीजेपी नेता
बीजेपी नेता निर्मल ने कहा कि मजदूरों के साथ कांग्रेस के नेताओं ने फोटो तो खिंचवा लिया और कागजों में उन्हें रवाना करवाने का इंतजाम कर लिया. लेकिन असल में स्थिति यह है कि यह मजदूर आज भी बूंदी में ही रुके हुए हैं इनका इंतजाम नहीं करवाया गया है. निर्मल मालव ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस मामले में जानकारी दी गई है. अब इन मजदूरों को लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से बिहार रवाना करवाने का काम किया जाएगा.

राजस्थान/पटना : बूंदी में बिहार के 45 मजदूरों के मामले में अब राजनीति तेज हो गई है. 6 दिन पहले कांग्रेस कार्यालय में इन बिहार के मजदूरों को कांग्रेस नेताओं ने बिहार भेजने के लिए आश्वासन दिया था और इनके साथ फोटो खिंचवाया थी. लेकिन आश्वासन के बाद भी बिहार के मजदूरों को उनके घर नहीं भेजा गया, जिससे मजदूर परेशान हैं.

देश के सभी राज्यो में मजदूरों का पलायन भी तक भी नहीं रुका है. यूपी में बसों को लेकर कांग्रेस-बीजेपी की राजनीति चल रही है. उधर कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में मजदूरों ने कांग्रेस के नेताओं पर आरोप लगाए है कि उन्हें 6 दिन पहले कांग्रेस नेताओं ने बिहार जाते समय रुकवा लिया था और ये आश्वासन दिया गया था कि उन्हें वापस भेजा जाएगा. इसके साथ ही फोटो खिंचवा कर शहर के देवपुरा रैन बसरा भेज दिया गया. मजदूरों का कहना है कि इनके खाने पीने की व्यवस्था नहीं करवाई गई है. लेकिन न तो कोई गाड़ी आई, न ही कोई कांग्रेस नेता हमारे पास आए. हम यहां रुके हुए एक समय का ही खाना मिल रहा है और शाम का खाना नहीं मिल पा रहा है.

राजस्थान से ईटीवी भारत की रिपोर्ट

बूंदी से बिहार जाना चाहते थे 45 मजदूर
सभी मजदूर बूंदी की कृषि उपज मंडी में हम्माली का काम किया करते थे और जैसे ही लॉक डाउन लगा, तो सभी अपने गांव जाने के लिए प्रशासन से गुहार लगाने लगे. लेकिन प्रशासन ने उनकी नहीं सुनी. इसके बाद उन्होंने खुद ही पैदल जाना उचित समझा. ऐसे में यह मजदूर पैदल जा रहे थे, तभी कांग्रेस नेताओं ने इन्हें रोक लिया. इन मजदूरों को आजाद पार्क स्थित कांग्रेस कार्यालय में ले जाया गया. जहां पर इनकी स्क्रीनिंग करवाई गई और मेडिकल करवाने के बाद इन मजदूरों को खाना खिलाया गया. और रैन बसेरे पर यह आश्वासन देकर भेज दिया कि सभी मजदूरों को जल्द इनके गांव बिहार रवाना करवा दिया जाएगा.

एक कमरे में 45 मजदूर
एक कमरे में 45 मजदूर

जिस रैन बसेरे में मजदूर रुके हैं, उसके पुरुष कक्ष में केवल 10 बेड लगे हुए हैं और यहां 45 मजदूर रुके हैं. मजदूरों की संख्या ज्यादा है लिहाजा, सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ रही हैं. लेकिन ये मजदूर क्या करें और अपनी मजबूरी किसे बताएं.

रैन बसेरे में मजदूर
रैन बसेरे में मजदूर

बीजेपी नेता ने सुना मजदूरों का दर्द
6 दिनों से किए गए घर जाने की आस में लगाए बैठे मजदूरों के पास बीजेपी नेता निर्मल मालव पहुंचे और इन मजदूरों से बात की तो मजदूरों ने अपना दर्द बीजेपी नेता निर्मल मालव को बताया. मीडिया से बात करते हुए बीजेपी नेता निर्मल मालव ने आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस मजदूरों के साथ राजनीति कर रही है उनके साथ फोटो की राजनीति कर रही है.

कैसे रखें सोशल डिस्टेंसिंग
कैसे रखें सोशल डिस्टेंसिंग

जल्द भेजा जाएगा घर- बीजेपी नेता
बीजेपी नेता निर्मल ने कहा कि मजदूरों के साथ कांग्रेस के नेताओं ने फोटो तो खिंचवा लिया और कागजों में उन्हें रवाना करवाने का इंतजाम कर लिया. लेकिन असल में स्थिति यह है कि यह मजदूर आज भी बूंदी में ही रुके हुए हैं इनका इंतजाम नहीं करवाया गया है. निर्मल मालव ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से इस मामले में जानकारी दी गई है. अब इन मजदूरों को लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से बिहार रवाना करवाने का काम किया जाएगा.

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