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लॉकडाउन का दर्द दोबारा नहीं झेलना चाहते मजदूर, प्रवासियों के लौटने का सिलसिला जारी - पटना लौटे प्रवासी मजदूर

कोरोना की दूसरी लहर में अब तक लॉकडाउन की घोषणा नहीं हुई है लेकिन आने वाले दिनों में देश में लॉकडाउन ना लग जाए इस डर से सैकड़ों की संख्या में लोग बिहार लौट रहे हैं. पटना स्टेशन पर ईटीवी भारत से बातचीत में प्रवासियों ने कहा कि काम धंधा बंद होने के बाद वहां रहने का कोई मतलब नहीं था. इसलिए गांव वापस लौटना पड़ा.

पटना जंक्शन पर उतरे प्रवासी मजदूर
पटना जंक्शन पर उतरे प्रवासी मजदूर
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Published : Apr 23, 2021, 5:14 PM IST

पटनाः प्रवासी मजदूरों का बिहार आने का सिलसिला नहीं थम रहा है. पटना जंक्शन पर भागलपुर लोकमान्य तिलक स्पेशल ट्रेन से बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों से वापस लौट रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि वे फिर से लॉकडानउन का दर्द नहीं सहना चाहते हैं. इसलिए समय रहते अपने घर वापस लौट रहे हैं.

इसे भी पढ़ेंः दिल्ली में लॉकडाउन की घोषणा के बाद मजदूरों का पलायन तेज

'घर लौटना मजबूरी'
महाराष्ट्र से लौटे यात्रियों ने बताया कि वहां कोरोना ने काफी भयावह रूप ले लिया है. सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है. कल कारखाने बंद हो गए हैं. लोगों का रोजगार छीन गया है. ऐसे में लोगों ने घर लौटना ही बेहतर समझा. यात्रियों ने कहा कि घर पर ही रहकर खेती करेंगे और परिवार के साथ रहेंगे. क्योंकि उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या सबसे बड़ी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

इसे भी पढ़ेंः कोरोना के बढ़ते मामले के बीच लौटने लगे प्रवासी, लॉकडाउन का फिर सताने लगा डर

'कल कारखाने हुए बंद'
वापस लौटे श्रमिक इकबाल ने बताया कि महाराष्ट्र में कल कारखाने बंद हो गए हैं. उसका रोजगार चला गया. घर में शादी भी है. इस कारण से वह घर लौटना पड़ा. वहीं भागलपुर के रहने वाले भोलू ने बताया कि मुंबई में वैसे तो रोज 5 सौ से 6 सौ रूपया कमा लेते थे. लेकिन कारखाना बंद होने के बाद बहुत दिक्कतें होने लगी. इस कारण वह अपने घर को लौटना पड़ा.

इसे भी पढ़ेंः प्रवासी श्रमिकों की व्यथा: पेट की आग ले गई थी घर से दूर, लॉकडाउन के डर से फिर बोरिया-बिस्तर पड़ा समेटना

'लॉकडाउन का दर्द नहीं झेलना चाहते मजदूर'
पिछले साल लॉकडाउन लगने के बाद 20 लाख से ज्यादा लोगों ने घर वापसी की थी. इस बार लॉकडाउन नहीं लगा है लेकिन मजदूरों को इस बात का सबसे ज्यादा डर है कि आने वाले दिनों में शायद लॉकडाउन लग जाएगा लिहाजा रोज सैकड़ों की संख्या में लोग बिहार वापस लौट रहे हैं. कुल मिलाकर कहें तो दूसरे राज्यों में रहकर कमाई करने वाले प्रवासी मजदूर फिर से लॉकडाउन का दर्द नहीं झेलना चाहते हैं. ये अलग बात है कि पीएम मोदी ने देश को लॉकडाउन से बचाने की बात कही हो.

पटनाः प्रवासी मजदूरों का बिहार आने का सिलसिला नहीं थम रहा है. पटना जंक्शन पर भागलपुर लोकमान्य तिलक स्पेशल ट्रेन से बड़ी संख्या में मजदूर दूसरे राज्यों से वापस लौट रहे हैं. मजदूरों का कहना है कि वे फिर से लॉकडानउन का दर्द नहीं सहना चाहते हैं. इसलिए समय रहते अपने घर वापस लौट रहे हैं.

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'घर लौटना मजबूरी'
महाराष्ट्र से लौटे यात्रियों ने बताया कि वहां कोरोना ने काफी भयावह रूप ले लिया है. सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है. कल कारखाने बंद हो गए हैं. लोगों का रोजगार छीन गया है. ऐसे में लोगों ने घर लौटना ही बेहतर समझा. यात्रियों ने कहा कि घर पर ही रहकर खेती करेंगे और परिवार के साथ रहेंगे. क्योंकि उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या सबसे बड़ी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

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'कल कारखाने हुए बंद'
वापस लौटे श्रमिक इकबाल ने बताया कि महाराष्ट्र में कल कारखाने बंद हो गए हैं. उसका रोजगार चला गया. घर में शादी भी है. इस कारण से वह घर लौटना पड़ा. वहीं भागलपुर के रहने वाले भोलू ने बताया कि मुंबई में वैसे तो रोज 5 सौ से 6 सौ रूपया कमा लेते थे. लेकिन कारखाना बंद होने के बाद बहुत दिक्कतें होने लगी. इस कारण वह अपने घर को लौटना पड़ा.

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'लॉकडाउन का दर्द नहीं झेलना चाहते मजदूर'
पिछले साल लॉकडाउन लगने के बाद 20 लाख से ज्यादा लोगों ने घर वापसी की थी. इस बार लॉकडाउन नहीं लगा है लेकिन मजदूरों को इस बात का सबसे ज्यादा डर है कि आने वाले दिनों में शायद लॉकडाउन लग जाएगा लिहाजा रोज सैकड़ों की संख्या में लोग बिहार वापस लौट रहे हैं. कुल मिलाकर कहें तो दूसरे राज्यों में रहकर कमाई करने वाले प्रवासी मजदूर फिर से लॉकडाउन का दर्द नहीं झेलना चाहते हैं. ये अलग बात है कि पीएम मोदी ने देश को लॉकडाउन से बचाने की बात कही हो.

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