पटना: एक और उपचुनाव ने बिहार में दस्तक दे दिया है. मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह आर्म्स एक्ट मामले में दोषी करार (Court Convicts Mokama MLA Anant Singh) दिए जा चुके हैं. अनंत सिंह के आवास से प्रतिबंधित हथियार एके-47 की बरामदगी हुई थी. ऐसे में इनकी सदस्यता पर तलवार लटक गई है. उन्हें आर्म्स एक्ट की उस धारा में दोषी पाया गया, जिसमें न्यूनतम सजा 7 साल है. बाहुबली विधायक अनंत सिंह की विधायकी अब खतरे में है. इससे पहले भी कई नेताओं को आर्म्स एक्ट के तहत सजा हो चुकी है, जिसकी विधायकी छीन ली गई है. राजद के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन का भी यही हाल हुआ था.
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बाहुबली विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें बढ़ी: मोकामा के बाहुबली विधायक अनंत सिंह की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही है. अनंत सिंह आर्म्स एक्ट मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं और अब उनकी विधायकी ( Anant Singh Membership May Be Canceled) पर तलवार लटक गई है. मंगलवार को एमपी एमएलए कोर्ट (Court Decision On AK47 Case) के स्पेशल जज त्रिलोकी दुबे ने अपना अहम फैसला सुनाते हुए आरजेडी विधायक को दोषी ठहराया. इस मामले में 21 जून 2022 को सजा सुनाई जाएगी. अभी यह फैसला नहीं हुआ है कि उन्हें कितने दिन की सजा होगी. 16 अगस्त 2019 को पटना पुलिस की टीम ने विधायक के लदमा गांव स्थित घर पर छापेमारी कर एक AK-47, 2 हैंड ग्रेनेड, 26 राउंड गोली और एक मैगजीन बरामद की थी. जिसमें वो पिछले 34 महीने से पटना के बेऊर जेल में बंद हैं.
यह है संविधान का नियम: साल 2013 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने देश के राजनीति की दिशा और दशा को बदल कर रख दिया. लिली थॉमस बनाम भारत सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि जनप्रतिनिधि को अगर न्यायालय के द्वारा 2 साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है तो वैसी स्थिति में जनप्रतिनिधि की सदस्यता समाप्त हो जाएगी. सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद सदस्यता फिर बहाल हो सकती है.
21 जून को होगा सजा का ऐलान: सुप्रीम कोर्ट ने जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 (4) को भी निरस्त कर दिया जिसके तहत ऊपर के न्यायालय में 3 महीने के अंदर अपील करने पर उनकी सदस्यता बहाल हो सकती थी. बाहुबली विधायक अनंत सिंह आर्म्स एक्ट मामले में दोषी करार दिए जा चुके हैं और उनके ऊपर प्रतिबंधित हथियार है एके-47 रखने का आरोप है. कानून के जानकारों का कहना है कि प्रतिबंधित हथियार के मामले में 2 साल से अधिक की सजा का प्रावधान है. अब सभी की नजरें कोर्ट पर लगी हैं. 21 जून को सजा का ऐलान होगा लेकिन अनंत सिंह की विधायकी रद्द होना तय माना जा रहा है.
"अनंत सिंह के खिलाफ जो फैसला आया है वह स्वागत योग्य है. अनंत सिंह एक खूंखार अपराधी है. उसके पास से एके 47 और हथगोला बरामद हुए थे. इस बात की पूरी संभावना है कि अनंत सिंह को 4 साल या उससे अधिक की सजा होगी. ऐसे में उसकी सदस्यता भी खत्म होगी."- अमिताभ कुमार दास, पूर्व आईपीएस
"आर्म्स एक्ट मामले में अनंत सिंह दोषी करार दिए गए हैं. अनंत सिंह को अगर 2 साल की सजा मिली तो ऐसी स्थिति में सदस्यता रद्द होगी. उन्हें 2 साल से कम की सजा मिले इस बात की संभावना कम है."- अरविंद उज्जवल,वरिष्ठ अधिवक्ता, पटना उच्च न्यायालय
"मोकामा इलाके में अनंत सिंह का आतंक है. अगर उनकी सदस्यता रद्द होती है तो ऐसी स्थिति में हम चुनाव के लिए तैयार हैं. एनडीए का उम्मीदवार वहां मजबूती से मुकाबला करेगा."- प्रेम रंजन पटेल, भाजपा प्रवक्ता
पहले भी कई विधायकों को कुर्सी से धोना पड़ा हाथ: 2010 के बिहार विधानसभा चुनाव में सीतामढ़ी जिले के परिहार विधानसभा सीट पर भाजपा के रामनरेश प्रसाद यादव ने जीत हासिल की थी. लेकिन, 2015 के मार्च महीने में सीतामढ़ी की एक अदालत ने उन्हें एक आपराधिक मामले में सजा दी थी. इसके बाद यादव को विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देना पड़ा था. वहीं राजद के पूर्व मंत्री इलियास हुसैन को रांची की सीबीआइ अदालत ने अलकतरा घोटाले में दोषी करार देते हुए चार वर्ष सश्रम करावास की सजा दी थी. इसके बाद तत्कालीन बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने उनकी सदस्यता समाप्त कर दी थी.
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