पटना: नए साल में नगर परिषद मसौढ़ी की पहली बैठक बुलाई गई. शुरुआती दौर में यह बैठक हंगामेदार रही. हालांकि कई मुद्दों पर चर्चा हुई. जिसके बाद हॉस्पिटल का मामला छाया रहा.
इस बैठक की शुरुआत सबसे पहले आंगनबाड़ी केंद्रों के मुद्दे से हुई. बताया गया कि कई आंगनबाड़ी केंद्र निजी मकान में चल रहे हैं. इसको लेकर काफी हो हंगामा मचा. वहीं, उसके बाद हॉस्पिटल का मामला छाया रहा. हॉस्पिटल को लेकर कहा गया कि एक ही एंबुलेंस के सहारे पूरे मसौढ़ी शहर को कवर किया जा रहा है. उसके बाद हर माह वार्ड में आमसभा लगाने के लिए वाद-विवाद हुआ.
'बिना चर्चा के योजनाओं को रद्द करना गलत'
बैठक के सबसे अंत में एनआईटी-11 योजना को रद्द करने की बात हुई. इस पर बिना चर्चा के ही निर्णय ले लिया गया. जिसे विपक्ष ने गैरकानूनी बताया और काफी देर तक हो-हंगामा किया. बताया जाता है कि 2019-20 में सात निश्चय योजना के तहत कई योजना ली गई थी. जिसको रद्द करने की मांग की गई. इसी पर विपक्ष ने आरोप लगाया कि बिना चर्चा किए हुए इस तरह का निर्णय लिया गया, ये गलत है. इसी वजह से हंगामा हुआ. वहीं, हाउसहोल्ड डस्टबिन खरीद को लेकर लोगों ने इस प्रस्ताव को खारिज करवाया.
जन समस्या के निपटारे के लिए जनता दरबार
बता दें कि नगर परिषद मसौढ़ी में नए साल में की गई पहली बैठक हंगामेदार रही. लेकिन सबसे अच्छी बात यह रही कि अब जन समस्या के निपटारे के लिए नगर परिषद जनता दरबार लगाएगा. महीने के अंतिम सप्ताह के शुक्रवार को नगर परिषद जनता दरबार लगाएगा. जहां जन समस्याओं को सुना जाएगा और उस दौरान सभी कर्मचारी, वार्ड सदस्य और कई विभागों के कर्मचारी मौजूद रहेंगे.