पटना: सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में सचिवालय के संवाद में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की 12वीं बैठक हुई. इसमें बिहार राज्य आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोड मैप 2015-30 के लिए विभागों और एजेन्सियों के कार्यों की समीक्षा की गई.
26 बिंदुओं पर हुई चर्चा
इस बैठक में कुल 26 बिंदुओं पर चर्चा की गई. प्राधिकरण के 2019-20 और 2020-21 के प्रस्तावित बजट पर भी बात की गई. इस दौरान सीएम नीतीश कुमार ने सभी अस्पताल भवन और स्कूल की रेट्रोफिटिंग का काम तेजी से कराने का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पताल भवन और स्कूल भवन का रैपिड विजुअल स्क्रीनिंग प्राधिकरण की ओर से कराया गया है. इसलिए रेट्रोफिटिंग होना जरूरी है.
'आपदा से बचने की ट्रेनिंग'
बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि नागरिक प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से सभी लोगों को आपदा से बचने की ट्रेनिंग दी जाए. मुख्यमंत्री ने प्राधिकरण की ओर से प्रशिक्षण एवं क्षमता वर्धन के कार्यक्रमों को प्राथमिकता से चलाने का भी आदेश दिया. साथ ही यह भी कहा कि कार्यभार संभालने के तत्काल बाद सभी डीएम और जिले के वरीय पदाधिकारियों को आपदा से बचाव से संबंधित प्रशिक्षण होना चाहिए.
तैराकी सुरक्षा पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री ने नाविकों का निबंधन और उनकी ट्रेनिंग साथ-साथ कराने का निर्देश भी दिया. उन्होंने कहा कि सभी जगह सुरक्षित तैराकी कार्यक्रम चलाया जाए. अभिभावकों के बीच जागरूकता अभियान चलाने की विशेष रूप से जरूरत है. ताकि डूबने से होने वाली मौतों पर रोक लग सके.
सीएम ने इनपर भी दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने सभी सरकारी भवनों के जर्जर तारों को बदलने का भी निर्देश दिया. जिससे बिजली से होने वाली दुर्घटना को रोका जा सके. वहीं, उन्होंने जल जीवन और हरियाली के लिए अभियान चलाने की एक कार्य योजना बनाने की बात कर रही है. इसमें प्राधिकरण के सुझावों को भी शामिल किया जाएगा.
बैठक में ये थे मौजूद
बता दें कि यह बैठक 3 घंटे से अधिक तक चली. इस बैठक में सीएम नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, पथ निर्माण नंदकिशोर यादव और प्रमुख विभागों के मंत्री के साथ मुख्य सचिव डीजीपी और कई आला अधिकारी मौजूद थे.