ETV Bharat / state

मिलिए सौ साल से अधिक उम्र वाले मसौढ़ी के पूर्व विधायक से, 1977 में बने थे एमएलए

author img

By

Published : Oct 24, 2020, 2:36 PM IST

Updated : Nov 13, 2020, 1:50 PM IST

सौ साल से अधिक उम्र के मसौढ़ी के पूर्व विधायक रामदेव प्रसाद यादव से ईटीवी भारत ने चुनाव के बदलते मायनों पर खास चर्चा की. उम्रदराज पूर्व विधायक ने बैलेट से लेकर ईवीएम तक के सफर की चर्चा की. उन्होने बताया कि किस तरह से जेपी आंदोलन ने राजनीति की एक नई इबारत लिखी. लेकिन आज चुनाव का मतलब पूरी तरह से बदल चुका है.

मसौढ़ी
मसौढ़ी

पटना(मसौढ़ी): सौ साल से अधिक उम्र के पूर्व विधायक ने ईटीवी भारत से अपने लंबे राजनीतिक अनुभव को साझा किया है. राजनीति को करीब से देखने वाले रामदेव प्रसाद यादव की बूढ़ी आंखों ने पॉलिटिक्स का स्तर गिरते हुए देखा है. उन्होंने 1977 में जनता पार्टी से चुनाव लड़ा और मसौढ़ी के विधायक बने. रामदेव बताते हैं कि तब चुनाव लड़ने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. जनता के सहयोग से चंदा करके उन्होने चुनाव लड़ा था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आज का परिदृश्य बिल्कुल बदल चुका है. चुनाव मे धनबल का ही बोलबाला है, करोड़ों रुपये पानी की तरह खर्च होते हैं. और ईमानदार छवि के लोग चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं. क्योंकि अब का चुनाव पैसे वालों और आपराधिक छवि वाले लोगों का चुनाव बन कर रह गया हैै. चुनाव में धनबल का बोलबाला है- रामदेव प्रसाद यादव

पहले के चुनावों को पैसे प्रभावित नहीं करते थे. लेकिन आज के जमाने में वोटरों को भी पैसा चाहिए . जनता गूंगी, बहरी हो गई है और जात-पात के पीछे भाग रही है. जब मतदाता बिना पैसे लिए जात पात से ऊपर उठ कर वोट करेगा तभी समाज का विकास होगा.

कौन हैं रामदेव प्रसाद यादव
रामदेव प्रसाद यादव ने जेपी आंदोलन में अहम भूमिका निभाई और जेल भी गए. जगन्नाथ मिश्र जब बिहार के मुख्यमंत्री थे उस दौरान रामदेव प्रसाद मसौढ़ी से 1977 में जनता पार्टी से चुनाव लड़े और विधायक बने थे. इनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं थे. तब जनता के सहयोग से चुनाव लड़ा था और जीते थे. पांच साल तक मसौढ़ी के विकास के लिए काम किया. बिहार की राजनीति में दो कद्दावर नेता लालू नीतीश को उभरते हुए भी इन्होंने देखा.

पटना(मसौढ़ी): सौ साल से अधिक उम्र के पूर्व विधायक ने ईटीवी भारत से अपने लंबे राजनीतिक अनुभव को साझा किया है. राजनीति को करीब से देखने वाले रामदेव प्रसाद यादव की बूढ़ी आंखों ने पॉलिटिक्स का स्तर गिरते हुए देखा है. उन्होंने 1977 में जनता पार्टी से चुनाव लड़ा और मसौढ़ी के विधायक बने. रामदेव बताते हैं कि तब चुनाव लड़ने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. जनता के सहयोग से चंदा करके उन्होने चुनाव लड़ा था.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

आज का परिदृश्य बिल्कुल बदल चुका है. चुनाव मे धनबल का ही बोलबाला है, करोड़ों रुपये पानी की तरह खर्च होते हैं. और ईमानदार छवि के लोग चुनाव लड़ना नहीं चाहते हैं. क्योंकि अब का चुनाव पैसे वालों और आपराधिक छवि वाले लोगों का चुनाव बन कर रह गया हैै. चुनाव में धनबल का बोलबाला है- रामदेव प्रसाद यादव

पहले के चुनावों को पैसे प्रभावित नहीं करते थे. लेकिन आज के जमाने में वोटरों को भी पैसा चाहिए . जनता गूंगी, बहरी हो गई है और जात-पात के पीछे भाग रही है. जब मतदाता बिना पैसे लिए जात पात से ऊपर उठ कर वोट करेगा तभी समाज का विकास होगा.

कौन हैं रामदेव प्रसाद यादव
रामदेव प्रसाद यादव ने जेपी आंदोलन में अहम भूमिका निभाई और जेल भी गए. जगन्नाथ मिश्र जब बिहार के मुख्यमंत्री थे उस दौरान रामदेव प्रसाद मसौढ़ी से 1977 में जनता पार्टी से चुनाव लड़े और विधायक बने थे. इनके पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं थे. तब जनता के सहयोग से चुनाव लड़ा था और जीते थे. पांच साल तक मसौढ़ी के विकास के लिए काम किया. बिहार की राजनीति में दो कद्दावर नेता लालू नीतीश को उभरते हुए भी इन्होंने देखा.

Last Updated : Nov 13, 2020, 1:50 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.