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पटना: मेडिपार्क हॉस्पिटल में रेडक्रॉस के नाम पर चल रहा था लूट का कारोबार, कर्मचारी गिरफ्तार

मेडिपार्क हॉस्पिटल में अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत से कई महीनों से यह खेल चल रहा था. लेकिन मामला तब उजागर हुआ जब आरोपी ने आरा के एक मरीज को चूना लगाया.

नकली खून
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Published : Sep 17, 2019, 1:03 PM IST

पटनाः रेडक्रॉस सोसाइटी के फर्जी बिल पर ब्लड बेचकर लोगों को चूना लगाने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामला पाटलिपुत्रा थाना क्षेत्र के मेडिपार्क हॉस्पिटल का है, जहां ये कर्मचारी काम करता है. यह शख्स 1 साल से ये धंधा कर रहा था. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. लोगों का आरोप है कि खून बेचने का यह खेल अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत से खेला जा रहा था.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी और जानकारी देते परिजन

मेडिपार्क हॉस्पिटल का है मामला
राजधानी पटना के प्राइवेट अस्पतालों के दलाल अब रेडक्रॉस के नाम पर भी लोगों का खून चूसने से परहेज नहीं कर रहे हैं. इस मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब पाटलिपुत्रा थाना क्षेत्र के मेडिपार्क हॉस्पिटल के कर्मचारी पवन कुमार ने रेड क्रॉस के फर्जी बिल पर आरा के एक मरीज को चूना लगाया. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी पवन को गिरफ्तार कर लिया है.

आरा के मरीज को लगाया था चूना
दरअसल, आरा के एक मरीज कुछ दिन पहले इस अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट हुए थे. उन्हें अचानक इलाज के दौरान खून की जरूरत पड़ गई. इसी अस्पताल में मौजूद अस्पताल के कर्मचारी पवन ने दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था 5 हजार रुपये में करने का आश्वासन मरीज के परिजनों को दिया. पवन ने रेड क्रॉस सोसाइटी के फर्जी बिल पर दो यूनिट खून मरीज के परिजनों को थमा दिया.

patna
आरोपी पवन कुमार

आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
बाद में परिजनों को शक हुआ की खून और रेडक्रॉस का बिल सही नहीं है. उन्होंने मामले की त्वरित जानकारी पाटलिपुत्रा थानाध्यक्ष केपी सिंह को दी. मौके पर पहुंचे पाटलिपुत्र थानाध्यक्ष ने करवाई करते हुए पवन को अस्पताल परिसर से रंगे हाथों धर दबोचा. बताया जा रहा है कि पवन कई महीनों से हॉस्पिटल के अंदर दूर-दराज से आए गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार को रेड क्रॉस के नाम पर खून बेचता था.

अस्पताल प्रशासन ने नहीं खोली जबान
वहीं, इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी स्पष्टीकरण देने से इंकार कर दिया गया. अस्पताल का कोई भी कर्मी कैमरे के सामने बोलने के लिए तैयार नहीं है. गौरतलब है कि मेडिपार्क अस्पताल का कारनामा पहले भी मीडिया में कई बार आ चुका है. अब देखना होगा कि प्रशासन और रेड क्रॉस सोसाइटी के जरिए आरोपी के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है.

पटनाः रेडक्रॉस सोसाइटी के फर्जी बिल पर ब्लड बेचकर लोगों को चूना लगाने वाले एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. मामला पाटलिपुत्रा थाना क्षेत्र के मेडिपार्क हॉस्पिटल का है, जहां ये कर्मचारी काम करता है. यह शख्स 1 साल से ये धंधा कर रहा था. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. लोगों का आरोप है कि खून बेचने का यह खेल अस्पताल प्रशासन की मिलीभगत से खेला जा रहा था.

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी और जानकारी देते परिजन

मेडिपार्क हॉस्पिटल का है मामला
राजधानी पटना के प्राइवेट अस्पतालों के दलाल अब रेडक्रॉस के नाम पर भी लोगों का खून चूसने से परहेज नहीं कर रहे हैं. इस मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब पाटलिपुत्रा थाना क्षेत्र के मेडिपार्क हॉस्पिटल के कर्मचारी पवन कुमार ने रेड क्रॉस के फर्जी बिल पर आरा के एक मरीज को चूना लगाया. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपी पवन को गिरफ्तार कर लिया है.

आरा के मरीज को लगाया था चूना
दरअसल, आरा के एक मरीज कुछ दिन पहले इस अस्पताल में इलाज के लिए एडमिट हुए थे. उन्हें अचानक इलाज के दौरान खून की जरूरत पड़ गई. इसी अस्पताल में मौजूद अस्पताल के कर्मचारी पवन ने दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था 5 हजार रुपये में करने का आश्वासन मरीज के परिजनों को दिया. पवन ने रेड क्रॉस सोसाइटी के फर्जी बिल पर दो यूनिट खून मरीज के परिजनों को थमा दिया.

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आरोपी पवन कुमार

आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार
बाद में परिजनों को शक हुआ की खून और रेडक्रॉस का बिल सही नहीं है. उन्होंने मामले की त्वरित जानकारी पाटलिपुत्रा थानाध्यक्ष केपी सिंह को दी. मौके पर पहुंचे पाटलिपुत्र थानाध्यक्ष ने करवाई करते हुए पवन को अस्पताल परिसर से रंगे हाथों धर दबोचा. बताया जा रहा है कि पवन कई महीनों से हॉस्पिटल के अंदर दूर-दराज से आए गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार को रेड क्रॉस के नाम पर खून बेचता था.

अस्पताल प्रशासन ने नहीं खोली जबान
वहीं, इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी स्पष्टीकरण देने से इंकार कर दिया गया. अस्पताल का कोई भी कर्मी कैमरे के सामने बोलने के लिए तैयार नहीं है. गौरतलब है कि मेडिपार्क अस्पताल का कारनामा पहले भी मीडिया में कई बार आ चुका है. अब देखना होगा कि प्रशासन और रेड क्रॉस सोसाइटी के जरिए आरोपी के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है.

Intro:रेड क्रॉस सोसाइटी के फर्जी बिल पर ब्लड खरीद लोगों को मोटा चूना लगाने वाले एक व्यक्ति को पाटलिपुत्र थाने की पुलिस ने अस्पताल से किया गिरफ्तार ....

दरअसल राजधानी पटना में प्राइवेट अस्पतालों की क्या स्थिति है, वो जग जाहिर है और अब दलाल रेड क्रॉस के नाम पर भी लोगों का खून चूसने से परहेज नहीं कर रहे हैं , ताजा मामला पाटलिपुत्रा थाना क्षेत्र के मेडिपार्क हॉस्पिटल का है, जहां अस्पताल के कर्मचारी पवन नाम के शख्स पर लगा रेड क्रॉस के फर्जी बिल पर लोगों को खून सप्लाई करने का आरोप मौके पर पहुंची पुलिस ने पवन को किया गिरफ्तार .. दरअसल आरा के एक मरीज कुछ दिन पहले इस अस्पताल में अपने इलाज को लेकर एडमिट हुए थे और उन्हें अचानक इलाज के दौरान खून की जरूरत पड़ गई और इसी अस्पताल में मौजूद अस्पताल का कर्मचारी पवन ने मरीज के परिजन से दो यूनिट ब्लड की व्यवस्था 5 हजार रु में करने की दिया आश्वासन मरीज के परिजनों को रेड क्रॉस सोसाइटी के फर्जी बिल पर थमाया पवन ने दो यूनिट खून... मरीज के नजदीकी परिजनों ने मामले की त्वरित जानकारी पाटलिपुत्रा थानाध्यक्ष केपी सिंह को दिया मौके पर पहुंचे पाटलिपुत्र थानाध्यक्ष ने करवाई करते हुए पवन को अस्पताल परिसर से रंगे हाथों धर दबोचा है , बताया जा रहा है कि पवन लगभग कई महीनों से हॉस्पिटल के अंदर दूर-दराज से आए गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार के मरीजों को अपने चुंगल में फंसाकर यह खून का दलाल रेड क्रॉस के नाम पर खून बेचता था.....


Body:वहीं इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई भी स्पष्टीकरण देने इंकार कर दिया गया कोई भी अस्पताल का कर्मी कैमरे के सामने कुछ भी बोलने से इंकार करता दिखा .....आपको बताते चले कि जिस अस्पताल के स्टाफ पवन पर आरोप लगाया जा रहे हैं, वो अस्पताल में ही नर्सिंग का स्टाफ है और कई बार उसपर मरीज और उनके परिजनों के द्वारा इस प्रकार के संगीन आरोप लगाए जा चुके हैं , फिर भी अस्पताल प्रशासन की मिली भगत के कारण पवन के हौसले बुलंद हैं और वो आसानी से कैंपस के अंदर खून का खेल खेल रहा है।ल...

Conclusion:
गौरतलब है कि रेड क्रॉस सोसाइटी के नाम पर इस तरह से गुमराह करके धन की उगाही करना कानून जुर्म है, यह नई बात नही है मेडिपार्क अस्पताल का कारनामा पहले भी मीडिया में कई बार आ चुका है और अब देखना होगा कि प्रशासन और रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा आरोपी के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई की जाती है.....

पर यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठ खड़ा होता है कि आखिर लोगों को फर्जी रेड क्रॉस सोसाइटी के नाम पर खून बेचने वाला पवन आखिर खून लाता कहां से है और उसके इस खून के खेल में कौन कौन शामिल है.....।।
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