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MBBS-2019 बैच के फेल छात्रों की मांग- 'फिर से जांची जाए कॉपी'

छात्रों का कहना है कि यूनिवर्सिटी में अन्य कोर्सेज के छात्रों को प्रमोट कर दिया गया है. जबकि एमबीबीएस के छात्रों ने एग्जाम दिया फिर भी गलत कॉपी चेक कर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. छात्रों को अपने एक साल बर्बाद होने का डर सताने लगा है.

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Published : Sep 13, 2021, 5:10 PM IST

पटनाः एमबीबीएस 2019 बैच के फर्स्ट ईयर की परीक्षा रिजल्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर सोमवार को मेडिकल के छात्रों ने पीएमसीएच की ओपीडी सेवा बाधित (OPD service of PMCH disrupted) की. रिजल्ट में सुधार की मांग को लेकर छात्रों ने एक-एक कर ओपीडी विभाग(OPD Department ) को बंद कराया. जिससे मरीजों को काफी परेशानी हुई.

ये भी पढ़ेंः PMCH में MBBS छात्रों ने जमकर किया हंगामा, OPD में जड़ा ताला

एमबीबीएस 2019 बैच की छात्रा ने बताया कि उनके साथ नॉलेज यूनिवर्सिटी द्वारा बहुत अन्याय किया गया है. छात्रों को एक और दो नंबर से फेल किया गया है और आईसीएमआर के गाइडलाइन के अनुरूप वैल्यूएशन की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है.

देखें वीडियो

'अपनी मांगों को लेकर जब हम आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी पहुंचे तब यूनिवर्सिटी की तरफ से छात्रों को कंट्रोल करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की टीम को बुला दी गई. आज विरोध स्वरूप अपने मेडिकल कॉलेज पीएमसीएच का ओपीडी बंद कराया है. ओपीडी बंद होने से जरूर मरीजों को परेशानी हो रही है लेकिन उन लोगों का भी 1 साल बर्बाद हुआ है'-एमबीबीएस छात्रा

एमबीबीएस की छात्रा ने बताया कि 18 सितंबर से सप्लीमेंट्री एग्जामिनेशन फॉर्म भरने की डेट आ गयी है. जबकि सेकंड ईयर की पढ़ाई उन्होंने आधे से अधिक कंप्लीट कर ली है और कॉपी भी उनकी गलत चेक हुई है. उनकी एक ही डिमांड है कि कॉपी का रीवैल्यूएशन किया जाए और हम इस मांग को लेकर लगातार विरोध जारी रखेंगे.

वहीं, 2019 बैच के एमबीबीएस छात्र ने कहा कि आज के दिन प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के छात्रों ने मार्क्स में गड़बड़ी को लेकर ओपीडी सेवाएं बाधित रखी है. आरटीआई के तहत जब छात्रों ने कॉपी अपनी मंगाई तो कॉपी में दिख रहा है कि प्रश्न चेक किया गया है मगर उसमें नंबर नहीं दिया गया है. इसके साथ ही कई क्वेश्चन में अटेम्प्ट करने के बावजूद नॉट अटेम्प्टेड लिख दिया गया है. जबकि अटेम्प्ट करने पर एक से दो नंबर कम से कम मिलने चाहिए थे.

ये भी पढ़ेंः बिहार में चमकी बुखार का बढ़ा प्रकोप, 12 साल तक के बच्चों को ज्यादा खतरा

बता दें कि पूरे प्रदेश भर से लगभग ग्यारह सौ एमबीबीएस के छात्रों ने फर्स्ट ईयर का एग्जाम दिया था. जिसमें 450 से अधिक छात्र फेल कर गए हैं. अधिकांश छात्र एक और दो नंबर से फेल हैं. जिनकी डिमांड है की कॉपी का रीवैल्यूएशन किया जाए. इन छात्रों को अपने एक साल बर्बाद होने का डर सता रहा है जो अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं.

पटनाः एमबीबीएस 2019 बैच के फर्स्ट ईयर की परीक्षा रिजल्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर सोमवार को मेडिकल के छात्रों ने पीएमसीएच की ओपीडी सेवा बाधित (OPD service of PMCH disrupted) की. रिजल्ट में सुधार की मांग को लेकर छात्रों ने एक-एक कर ओपीडी विभाग(OPD Department ) को बंद कराया. जिससे मरीजों को काफी परेशानी हुई.

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एमबीबीएस 2019 बैच की छात्रा ने बताया कि उनके साथ नॉलेज यूनिवर्सिटी द्वारा बहुत अन्याय किया गया है. छात्रों को एक और दो नंबर से फेल किया गया है और आईसीएमआर के गाइडलाइन के अनुरूप वैल्यूएशन की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है.

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'अपनी मांगों को लेकर जब हम आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी पहुंचे तब यूनिवर्सिटी की तरफ से छात्रों को कंट्रोल करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की टीम को बुला दी गई. आज विरोध स्वरूप अपने मेडिकल कॉलेज पीएमसीएच का ओपीडी बंद कराया है. ओपीडी बंद होने से जरूर मरीजों को परेशानी हो रही है लेकिन उन लोगों का भी 1 साल बर्बाद हुआ है'-एमबीबीएस छात्रा

एमबीबीएस की छात्रा ने बताया कि 18 सितंबर से सप्लीमेंट्री एग्जामिनेशन फॉर्म भरने की डेट आ गयी है. जबकि सेकंड ईयर की पढ़ाई उन्होंने आधे से अधिक कंप्लीट कर ली है और कॉपी भी उनकी गलत चेक हुई है. उनकी एक ही डिमांड है कि कॉपी का रीवैल्यूएशन किया जाए और हम इस मांग को लेकर लगातार विरोध जारी रखेंगे.

वहीं, 2019 बैच के एमबीबीएस छात्र ने कहा कि आज के दिन प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के छात्रों ने मार्क्स में गड़बड़ी को लेकर ओपीडी सेवाएं बाधित रखी है. आरटीआई के तहत जब छात्रों ने कॉपी अपनी मंगाई तो कॉपी में दिख रहा है कि प्रश्न चेक किया गया है मगर उसमें नंबर नहीं दिया गया है. इसके साथ ही कई क्वेश्चन में अटेम्प्ट करने के बावजूद नॉट अटेम्प्टेड लिख दिया गया है. जबकि अटेम्प्ट करने पर एक से दो नंबर कम से कम मिलने चाहिए थे.

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बता दें कि पूरे प्रदेश भर से लगभग ग्यारह सौ एमबीबीएस के छात्रों ने फर्स्ट ईयर का एग्जाम दिया था. जिसमें 450 से अधिक छात्र फेल कर गए हैं. अधिकांश छात्र एक और दो नंबर से फेल हैं. जिनकी डिमांड है की कॉपी का रीवैल्यूएशन किया जाए. इन छात्रों को अपने एक साल बर्बाद होने का डर सता रहा है जो अपनी मांगों को लेकर डटे हुए हैं.

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