पटना: 17 फरवरी से बिहार में नियोजित शिक्षकों ने हड़ताल की घोषणा की है. बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति में करीब 28 शिक्षक संघ शामिल हैं. ऐसे में करीब तीन लाख से भी ज्यादा प्राथमिक, मध्य, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों पर इसका असर पड़ेगा. इसका बड़ा प्रभाव 17 फरवरी से शुरू होने वाली मैट्रिक परीक्षा पर भी होगा. बावजूद इसके, सरकार ने अब तक वार्ता की कोई पहल नहीं की है.
बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षक पिछले साल 18 जुलाई से ही चरणबद्ध तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन अब तक सरकार की तरफ से वार्ता की कोई पहल नहीं की गई है. नियोजित शिक्षक पुराने शिक्षकों की भर्ती वेतनमान और सेवा शर्त के साथ पुरानी पेंशन योजना लागू करने की मांग कर रहे हैं. इसके साथ ही वे नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा देने की मांग भी कर रहे हैं.
'सभी कार्यों का बहिष्कार करेंगे शिक्षक'
हालांकि, सरकार की तरफ से 2 दिन पहले एक पत्र जारी किया गया है. हड़ताल पर जाने को लेकर शिक्षकों को चेतावनी दी गई है. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के इस पत्र के बावजूद नियोजित शिक्षक हड़ताल पर जाने को अड़े हुए हैं. मीडिया प्रभारी मनोज कुमार ने कहा कि वे न सिर्फ परीक्षा का बहिष्कार करेंगे, बल्कि बीएलओ जनगणना और इंटर-मैट्रिक परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन कार्य का भी बहिष्कार करेंगे.