पटनाः राजधानी पटना जिले के मसौढ़ी सिविल कोर्ट में शनिवार 9 सितंबर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में जमकर हंगामा हुआ. सभी वकील राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार करते हुए बाहर निकल गए. इसके साथ ही राष्ट्रीय लोक अदालत में आए हुए बिजली विभाग एवं बैंक के कर्मियों को लोग भागने लगे. शनिवार सुबह 10:00 बजे लोक अदालत शुरू हुई थी, दोपहर 1:00 वकीलों का हंगामा के कारण बाधित हो गयी. दूर-दूर से आये लोगों को वापस लौटना पड़ा.
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क्या है मामलाः अधिवक्ता संघ मसौढ़ी के महासचिव राकेश शर्मा ने बताया कि पिछले 20 सालों से किसी भी उपभोक्ताओं पर बिजली का केस जब होता था तो उसका निपटारा करने को लेकर बिजली विभाग द्वारा आपसी सहमति से निपटारा कर दिया जाता था. लेकिन इस बार चार्जशीट मांगी जा रही है. इसी को लेकर वकीलों में गुस्सा था. वकीलों ने घंटे विरोध करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत का बहिष्कार किया. उनका कहना था कि चार्जशीट दायर करना एक प्रक्रिया है, इस वजह से लोक अदालत में आया मामला भी लंबा खींच जाएगा.
क्या है नियम: इस पूरे मामले में प्रथम श्रेणी के न्यायिक दंडाधिकारी ललन रजक ने बताया कि अगर किसी पर एफआईआर होती है तो उसका बेल ऑर्डर और चार्जशीट की कॉपी लगानी बहुत जरूरी होती है, तभी उस वाद का निपटारा किया जा सकता है. ऐसे में बिना कुछ मांगे अगर निपटारा कर देंगे तो यह नियम संगत नहीं है. उसके बाद फिर से चार्जशीट खोली जाएगी तो फिर दोषी कौन होगा. उन्होंने कहा कि, यह एक कानूनी प्रक्रिया है जिसका सभी को पालन करना चाहिए.