पटना: बिहार में घने कोहरे के कारण जनजीवन पर असर पड़ रहा है. कोहरे के कारण ट्रेनों के पहिए पर भी असर पड़ रहा है. कोहरे की वजह से ट्रेनों की देर से चलने का सिलसिला जारी है. आलम यह है राजधानी तेजस समेत दर्जनों ट्रेन प्रतिदिन गंतव्य तक 5 से 10 घंटा विलम से पहुंच रही है.
बिहार में ट्रेन लेट : दिल्ली से पटना पहुंचने वाली राजधानी एक्सप्रेस 5 घंटा विलंब पहुंची है. संपूर्ण क्रांति 6 घंटा विलंब चल रही है. घने कोहरे के कारण ट्रेनों की रफ्तार धीमी हुई है. जिसका नतीजा है रेल यात्रियों की परेशानी बढ़ गई है. पटना जंक्शन पर रेल यात्री इस ठंड के सितम में ट्रेन के इंतजार में ठिठुरते नजर आ रहे हैं यात्रियों का हाल बेहाल है.
2-10 घंटे तक लेट चल रही ट्रेनें: रेल यात्री ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा कि हर साल रेलवे प्रशासन की तरफ से दावा किया जाता है कि कोहरे में भी ट्रेन समय से गंतव्य तक पहुंचेगी लेकिन जब ठंड का मौसम आता है तो एक दो ट्रेन नहीं बल्कि सभी रूट की ट्रेन 2-10 घंटे तक लेट से पहुंचती है.
"ठंड के मौसम में स्टेशन पर सोने की भी व्यवस्था नहीं रहती है. चादर में लिपटकर ठिठुरना पड़ता है."- रेलयात्री
यात्रियों की बढ़ी परेशानी: वहीं एक रेल यात्री ने कहा कि ठंड के मौसम में परिवार वालों के साथ ट्रेन का सफर करना बड़ा ही कष्टदायक होता है. ठंड में गर्म कपड़े लेकर निकलना पड़ता है. सामान ज्यादा हो जाता है और उसके बाद स्टेशन पर पहुंचने के बाद पता चलता है कि ट्रेन 5 घंटे बाद पहुंचेगी.
"नतीजता नहीं यह होता है कि वेटिंग हॉल से लेकर स्टेशन परिसर तक भरा पड़ा रहता है. नगर निगम के द्वारा जोड़े बसेरा बनाया गया है उसमें जाकर समय गुजारना पड़ता है."- रेलयात्री
"पटना से कोयंबटूर जाना है. हमारी ट्रेन सुबह 10:00 बजे थी लेकिन जब स्टेशन पर पहुंचे तो पता चला कि गाड़ी लेट है और इस इंतजार में यहां पर रुके हैं. ठंड के मौसम में परेशानी बहुत होती है."- रेलयात्री
फॉग डिवाइस का दावा अधूरा: कुल मिलाकर देखा जाए तो ठंड का मौसम शुरू होने के साथ कोहरे का प्रकोप देखने को मिलता है. कोहरे के कारण हर साल ट्रेनों की रफ्तार धीमी हो जाती है,जिस कारण से रेल यात्रियों की परेशानी बढ़ जाती है. रेल यात्री अपने गंतव्य तक समय से नहीं पहुंच पाते हैं. रेलवे प्रशासन के तरफ से हर साल दावा किया जाता है कि ट्रेनों में फॉग डिवाइस लगा दिया गया है.
कैसे काम करेगी फॉग डिवाइस?: फॉग डिवाइस के माध्यम से ट्रेनों का परिचालन किया जा सकेगी. कुहासे के कारण ट्रेनों पर कोई असर नहीं पड़ेगा. फॉग डिवाइस ट्रेन के पायलट को इंडिकेट करता है कि आगे फाटक है, ओवरब्रिज है ऐसी तमाम चीजों का इंडिकेट करता है .इसके बावजूद भी राजधानी तेजस जिसकी क्षमता 130 की स्पीड से चलने की है वह भी कुहासे के कारण किसी दिन 5 घंटे किसी दिन 8 घंटे 10 घंटे विलम से चल रही है .मगध एक्सप्रेस संपूर्ण क्रांति ऐसी कई महत्वपूर्ण ट्रेन प्रतिदिन घंटे विलंब से चल रही है.
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