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परिवारों में सिमटी बिहार की कई पार्टियां, महत्वपूर्ण पद भी परिवार के पास - dm divakar

विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है परिवारवाद से ऐसे तो कोई पार्टियां अछूता नहीं है. लेकिन कई पार्टियों ने संगठन में बाहर के लोगों को महत्वपूर्ण पद इसलिए नहीं दिया. क्योंकि पार्टी पर उनकी पकड़ कमजोर ना हो जाए.

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Published : Jul 13, 2020, 10:34 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 9:25 PM IST

पटना: बिहार में कई पार्टियां परिवार तक ही सिमटी है. पार्टी की महत्वपूर्ण पद भी परिवार के लोगों के पास हैं. सदन में भेजने की बात हो. तब भी परिवार के सदस्य ही प्राथमिकता में होते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार परिवार से बाहर के लोगों को संगठन में महत्वपूर्ण पद इसलिए नहीं देते हैं. क्योंकि पार्टी पर उनकी पकड़ कमजोर ना हो जाए.

आरेजेडी में प्रमुख पर पर इस प्रकार है परिवार के लोग

  • लालू प्रसाद यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिलहाल जेल में है. रांची से ही पार्टी की कमान संभाल रहे हैं.
  • पुत्र तेजस्वी यादव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी की ओर से विधानसभा में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनाया गया है.
  • पत्नी राबड़ी देवी विधान परिषद में नेता विरोधी दल, संगठन में भी महत्वपूर्ण पद मिला हुआ है. मुख्यमंत्री भी रह चुकी है.
  • पुत्र तेज प्रताप यादव विधानसभा में सदस्य छात्र राजद की जिम्मेदारी.
  • पुत्री मीसा भारती-पाटलिपुत्र लोकसभा चुनाव हारने के बाद राज्यसभा से सांसद बनाया गया.
  • इसके अलावा परिवार से जुड़े खास लोगों को भी पार्टी में महत्वपूर्ण पद मिला हुआ है.

वहीं, एनडीए के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी में 6 लोकसभा और एक राज्यसभा में से 4 परिवार के पास ही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश, अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद भी परिवार के पास ही रहा है.

Bihar confined in families
लालू यादव के साथ उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव

एजलेपी में प्रमुख पद पर इस प्रकार है परिवार के लोग

  • रामविलास पासवान लोजपा के संस्थापक, राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री है.
  • पुत्र चिराग पासवान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद भी है.
  • भाई रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज समस्तीपुर से सांसद हैं. साथ ही बिहार के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं.
  • भाई पशुपति पारस हाजीपुर से संसद और दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष, साथ ही बिहार सरकार में पार्टी की तरफ से एकमात्र मंत्री भी रह चुके हैं.

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा की बात करें तो इसमें भी संगठन का महत्वपूर्ण पद परिवार के पास ही है और विधान परिषद विधानसभा दोनों जगह एक-एक सदस्य हैं. दोनों परिवार के पास ही है. खुद जीतन राम मांझी विधानसभा में है. तो उनके पुत्र विधान परिषद में सदस्य हैं.

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रामविलास पासवास के साथ उनके बेटे चिराग पासवान

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा में प्रमुख पद पर इस प्रकार है परिवार के लोग

  • जीतन राम मांझी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधानसभा में एकमात्र विधायक है
  • पुत्र संतोष सुमन मांझी पार्टी के संसदीय दल के नेता और विधान परिषद में एकमात्र सदस्य

पार्टी पर पकड़ ने हो जाए कमजोर
विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है परिवारवाद से ऐसे तो कोई पार्टियां अछूता नहीं है. लेकिन कई पार्टियों ने संगठन में बाहर के लोगों को महत्वपूर्ण पद इसलिए नहीं दिया. क्योंकि पार्टी पर उनकी पकड़ कमजोर ना हो जाए.

देखें रिपोर्ट

नीतीश कुमार और जेडीयू इस मामले में अपवाद
लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान लंबे समय से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं और केंद्र की राजनीति में भी अपने को समाजवादी आंदोलन की उपज भी बताते रहे हैं. लालू प्रसाद यादव छात्र आंदोलन से निकले हुए हैं. बावजूद दोनों पर परिवारवाद का आरोप लगता रहा है. इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निश्चित रूप से अपनी अलग पहचान बना रखी है. उनके परिवार का कोई भी सदस्य राजनीति में नहीं है, जबकि नीतीश कुमार भी पिछले लंबे समय से बिहार और केंद्र की राजनीति में सक्रिय हैं. लगभग 15 सालों से बिहार की सत्ता उन्हीं के हाथों में रही है.

पटना: बिहार में कई पार्टियां परिवार तक ही सिमटी है. पार्टी की महत्वपूर्ण पद भी परिवार के लोगों के पास हैं. सदन में भेजने की बात हो. तब भी परिवार के सदस्य ही प्राथमिकता में होते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार परिवार से बाहर के लोगों को संगठन में महत्वपूर्ण पद इसलिए नहीं देते हैं. क्योंकि पार्टी पर उनकी पकड़ कमजोर ना हो जाए.

आरेजेडी में प्रमुख पर पर इस प्रकार है परिवार के लोग

  • लालू प्रसाद यादव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष फिलहाल जेल में है. रांची से ही पार्टी की कमान संभाल रहे हैं.
  • पुत्र तेजस्वी यादव विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और आरजेडी की ओर से विधानसभा में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार बनाया गया है.
  • पत्नी राबड़ी देवी विधान परिषद में नेता विरोधी दल, संगठन में भी महत्वपूर्ण पद मिला हुआ है. मुख्यमंत्री भी रह चुकी है.
  • पुत्र तेज प्रताप यादव विधानसभा में सदस्य छात्र राजद की जिम्मेदारी.
  • पुत्री मीसा भारती-पाटलिपुत्र लोकसभा चुनाव हारने के बाद राज्यसभा से सांसद बनाया गया.
  • इसके अलावा परिवार से जुड़े खास लोगों को भी पार्टी में महत्वपूर्ण पद मिला हुआ है.

वहीं, एनडीए के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी में 6 लोकसभा और एक राज्यसभा में से 4 परिवार के पास ही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदेश, अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद भी परिवार के पास ही रहा है.

Bihar confined in families
लालू यादव के साथ उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव

एजलेपी में प्रमुख पद पर इस प्रकार है परिवार के लोग

  • रामविलास पासवान लोजपा के संस्थापक, राज्यसभा सांसद और केंद्रीय मंत्री है.
  • पुत्र चिराग पासवान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और सांसद भी है.
  • भाई रामचंद्र पासवान के बेटे प्रिंस राज समस्तीपुर से सांसद हैं. साथ ही बिहार के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं.
  • भाई पशुपति पारस हाजीपुर से संसद और दलित सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष, साथ ही बिहार सरकार में पार्टी की तरफ से एकमात्र मंत्री भी रह चुके हैं.

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा की बात करें तो इसमें भी संगठन का महत्वपूर्ण पद परिवार के पास ही है और विधान परिषद विधानसभा दोनों जगह एक-एक सदस्य हैं. दोनों परिवार के पास ही है. खुद जीतन राम मांझी विधानसभा में है. तो उनके पुत्र विधान परिषद में सदस्य हैं.

dm divakar
रामविलास पासवास के साथ उनके बेटे चिराग पासवान

हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा में प्रमुख पद पर इस प्रकार है परिवार के लोग

  • जीतन राम मांझी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और विधानसभा में एकमात्र विधायक है
  • पुत्र संतोष सुमन मांझी पार्टी के संसदीय दल के नेता और विधान परिषद में एकमात्र सदस्य

पार्टी पर पकड़ ने हो जाए कमजोर
विशेषज्ञ डीएम दिवाकर का कहना है परिवारवाद से ऐसे तो कोई पार्टियां अछूता नहीं है. लेकिन कई पार्टियों ने संगठन में बाहर के लोगों को महत्वपूर्ण पद इसलिए नहीं दिया. क्योंकि पार्टी पर उनकी पकड़ कमजोर ना हो जाए.

देखें रिपोर्ट

नीतीश कुमार और जेडीयू इस मामले में अपवाद
लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान लंबे समय से बिहार की राजनीति में सक्रिय हैं और केंद्र की राजनीति में भी अपने को समाजवादी आंदोलन की उपज भी बताते रहे हैं. लालू प्रसाद यादव छात्र आंदोलन से निकले हुए हैं. बावजूद दोनों पर परिवारवाद का आरोप लगता रहा है. इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार निश्चित रूप से अपनी अलग पहचान बना रखी है. उनके परिवार का कोई भी सदस्य राजनीति में नहीं है, जबकि नीतीश कुमार भी पिछले लंबे समय से बिहार और केंद्र की राजनीति में सक्रिय हैं. लगभग 15 सालों से बिहार की सत्ता उन्हीं के हाथों में रही है.

Last Updated : Jul 16, 2020, 9:25 PM IST
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